सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Monday, March 8, 2010

हिन्दू नारी कितनी बेचारी ? women in ancient hindu culture


...एक धोबी की बात सुनकर राम सीता से अग्नि परीक्षा लेते हैं और सीता इसका बिना विरोध किये परीक्षा दे भी देती हैं । हालांकि बाद में वह अपमान बर्दाश्त नहीं कर पातीं और धरती में समा जाती हैं । पर यह सवाल सीता नहीं उठातीं कि जो नियम सीता पर लागू होता है वही राम पर क्यों नहीं ? राम भी तो सीता के बग़ैर रहे , उनके मन में भी तो किसी और स्त्री का स्मरण हो सकता है तो फिर वही अग्नि परीक्षा राम ने क्यों नहीं दी ?
...द्रौपदी बनकर वह थोड़ा स्वतन्त्र दिखाने की कोशिश ज़रूर करती है लेकिन वह कभी इस बात का विरोध नहीं करती कि कुंती के कहने मात्र से ही वह पाँचों पांडवों की पत्नी क्यों होगी ?

...राधा और मीरा को भले ही प्रेम का प्रतीक माना जाए लेकिन वो भी कृष्ण रूपी पुरूष में अपनी पूर्णता देखती हैं । वे कृष्ण के प्रेम में पागल हैं , कृष्ण उनके प्रेम में नहीं ।

...हम घरों में देवियों की पूजा करते हैं लेकिन उसे बराबरी का दर्जा नहीं देते।
( सभी अंश प्रस्तुत लेख से )

इस लेख को हम कोई टिप्पणी किये बग़ैर प्रस्तुत कर रहे हैं ।हमें आशा ही नहीं वरन् पूरा विश्वास है कि कुछ लोग इसलाम में नारी की दुर्दशा दर्शाने की जल्दी करेंगे । हमें उनका ही तो इन्तज़ार है । ब्लॉग रूपी ओपन मदरसा हमने खोला ही उनके लिए है ।


स्वागत है ।

24 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

इस लेख को हम कोई टिप्पणी किये बग़ैर प्रस्तुत कर रहे हैं ।हमें आशा ही नहीं वरन् पूरा विश्वास है कि कुछ लोग इसलाम में नारी की दुर्दशा दर्शाने की जल्दी करेंगे । हमें उनका ही तो इन्तज़ार है । ब्लॉग रूपी ओपन मदरसा हमने खोला ही उनके लिए है ।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सही किया. लेकिन अपने मदरसे में पहले अपनी नारियों की दशा सुधार लो डाक्टर साहब. और हां अफगान में आपकी अधिक जरूरत है, जाओगे??

PARAM ARYA said...

आ बेटा मेरा ब्लाग देख और कुछ सूझे तो चाहे जवाब भी दे लेना ।

Anonymous said...

nice post but bitter taste u have.

Anonymous said...

bakta reh .

Anonymous said...

कुतर्क

DR. ANWER JAMAL said...

@ param ji
dekha apka blog aur pasand bhi aya .
jawab jaldi hi dunga .

DR. ANWER JAMAL said...

@indian citizen
sabhi nariyan meri mata aur behnen hi to hain . aap bhed bat bhi karte ho aur phir vasudha ko kutumb bhi kehte ho .
hypocracy . isnot it ?

MOHAMMED SHADAB said...

...द्रौपदी बनकर वह थोड़ा स्वतन्त्र दिखाने की कोशिश ज़रूर करती है लेकिन वह कभी इस बात का विरोध नहीं करती कि कुंती के कहने मात्र से ही वह पाँचों पांडवों की पत्नी क्यों होगी

Anonymous said...

Beta Anver,
Meri baat sun,
Raja vahi hota hai jo sabko samaan de. chahe dhobi ho ya mantri Ram ne Dhobi ko bhii samaan diya. Allah kii tarah nahi, ki KATAL kardo yaa KODE se maar do, Jeev kaat do, or Land kaat do

Anonymous said...

MOHAMMED SHADAB Aapne sahi kahaa, Dropati ne Kunti Virodh nahi kiya. Jis tarah se arjun ne kunti ka kahna manaa, Dropati ko apni patni ke saath bhaiyo ki patni ke roop mein sweekara. Apni maa Kunti Kii Baat ka samaan rakha. Usi parkar Dropati ne Bhi apne pati arjun kii baat ka samaan rakha.

Lekin MOHAMMED SHADAB agar Arjun Musalmaan hota to apni maa ke sath -sath, bhaiyon kaa bhee katal kar deta. Isliye tum eisha mat karnaa...

फजीहत अली said...

beta anwar

saale tu jaroor kisi randi ki aulaad hoga. is baat ki toh main gaurantee deta hoon ki tuh kisi chinaal aurat ki aulaad hai.

Saleem Khan said...

aap jaise yoddha ka saath pakar main samjhta hoon ki HAMARI ANJUMAN ka karwaan bahut aage tak jayegaa...

sundar aur satik !!!

MOHAMMED SHADAB said...

फजीहत बली ki baat se ekdam agree. dr. anwar aap zarur enki maa ki hi aulaad h.

EMRAN ANSARI said...

MR. ANONYMOUS!!!!
AAPKO BATA DU KI USI KUNTI KO AAPKEY "DHARAMRAJ" N CHOKAR P DAU PAR LAGA DIYA THA Y KAISEY DHARAMRAJ H JO JUA BHI KHELTEY H AUR TO AUR APNI PATNI KO BHI DAU PAR LAGA DETEY H AUR PHIR USKEY APMAAN KO CHUPCHAP DEKHTEY H.
JUA TO SABHI DHARMO M BURA KAAM BATAYA GAYA H AUR SABHYA SAMAJ BHI USKO BURA HI SAMAJHTA H..

EMRAN ANSARI said...

CORRECTION-----
MR. ANONYMOUS!!!!
AAPKO BATA DU KI USI DROPADI KO AAPKEY "DHARAMRAJ" N CHOKAR P DAU PAR LAGA DIYA THA Y KAISEY DHARAMRAJ H JO JUA BHI KHELTEY H AUR TO AUR APNI PATNI KO BHI DAU PAR LAGA DETEY H AUR PHIR USKEY APMAAN KO CHUPCHAP DEKHTEY H.
JUA TO SABHI DHARMO M BURA KAAM BATAYA GAYA H AUR SABHYA SAMAJ BHI USKO BURA HI SAMAJHTA H..

Naveen Tyagi said...

जमाल वैसे तो तू सफ़ेद झूठ बोल रहा कि विवाह के समय माता सीता की आयु मात्र ६ वर्ष की थी एसा कही भी नहीं लिखा है . किन्तु यदि तेरी बात मान भी ली जाय,तो भी तेरे ही हिसाब से भगवान् राम की उम्र भी तो मात्र १२ वर्ष की थी यानि की दोनों ही अल्पव्यस्क. ६ और १२ का जोड़ा और आयशा की उम्र ६ वर्ष व पैगम्बर की ५० से ऊपर......... च च च च च च घोर अन्याय.

Naveen Tyagi said...

तेरे पगेम्म्बर तो अपने मूह बोले बेटे की पत्नी जैनब को नहाते हुए नंगा देख कर इतना कामुक हो गया की अल्लाह को ऑर्डर देकर तुरंत ही आयत उतार ली की जैनब को अल्लाह ने मेरे लिए ही उतारा है. धन्य हो तेरा पैगम्बर.
अनवर अब तू बता की वो आयत अल्लाह ने बहिस्त से वो आयत क्या तुरंत ही रोकेट से भेजी थी.

Unknown said...

डॉ. jamaal आपका ओपन मदरसा तो बंद हो गया है, खुल ही नहीं रहा |

आपसे एक सवाल-- क्या आप प्राचीन और आधुनिक काल की सशक्त, प्रगतिशील, विद्वान, प्रशासिका, वैज्ञानिक, मुस्लिम महिलाओं के बारे में उनके नाम, काम आदि कुछ ज्ञान दे सकते है ? एक रज़िया सुल्ताना थी जिसने शासन करने का प्रयास करके गैर इस्लामिक काम करने की गुस्ताखी की , और मार दी गई | एक विश्व प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन है, उसने इस्लाम में महिलाओं की वास्तविक स्तिथि (जो की बहुत ख़राब है ) उजागर करने का प्रयास किया तो गैर इस्लामिक काम कह कर, जान से मारने का फतवा जारी कर दिया गया | लगता है इस्लाम में महिलाओं का सुधार नहीं हो सकता, क्योकि सुधार करना गैर इस्लामिक जो है | है न ? और हो सकता है की बाकी कोई इसलिए नहीं दिखाई देती कि ये इस्लाम के खिलाफ कोई शाज़िश हो, या सरकार द्वारा मुसलमान महिलाओ से भेदभाव किया गया हो | ..नहीं ! सही कह रहा हूँ न मैं ?
अगर यह मान भी लिया जाए के हिन्दू धर्म में स्त्री उपेक्षित है तो भी मुस्लिम महिलाओं से कहीं अधिक विश्व प्रसिद्ध, सशक्त, प्रगतिशील, विद्वान, प्रशासिका, वैज्ञानिक, बौद्धिक, नेत्री, लेखिका, सफल वाव्सायी, आदि है | है या नहीं ? निशित हैं |

Unknown said...
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nitin tyagi said...

आम तौर पर राम जी के बारे में कहा जाता है, की उन्होंने सीता माता को छोड़ दिया ,लेकिन सीता माँ को छोड़ने के बाद भी राजा होते हुए भी, राम जी ने दूसरा विवाह नहीं किया जबकि वो राजा होने के नाते कर सकते थे |सीता माँ के जाने के बाद वो राजा होते हुए भी ,जमीन पर सोये और सीता माँ से भी ज्यादा दुखी रहे |
उनका जीवन महल में रहते हुए भी वनवासी सा जीवन उन्होंने जिया और एक पत्नी की प्रति प्यार की उचाईयों को छुआ |इसलिए उनको पुरुषों में उत्तम माना गया है |
सीता माँ के महल से जाने के बाद वो चाहते तो १० विवाह कर सकते थे |

nitin tyagi said...

सच्चे प्यार करने वाले चाहे हजारों मील दूर क्यों न चले जाये ,लेकिन उनका प्यार हमेशा बना रहता है ,यह कभी नहीं मरता और इसमें कभी भी दुखदाई प्रतिक्रिया नहीं होती |

सीता माँ को राम जी ने कभी नहीं त्यागा वो सिर्फ दूर हो गए |प्यार दैहिक आकर्षण या सेक्स पर निर्भर नहीं होता |

nitin tyagi said...

अगर राजा होते हुए राम जी ने १० नहीं तो कम से कम एक विवाह किया होता, तब उनको त्यागना या छोड़ना कहा जाता |

आज कल तो पत्नी के होते हुए भी एक आम आदमी दूसरों की माँ और बहन को नीचता की द्रष्टि से देखता है |

nitin tyagi said...

हो सकता है तुम मेरे बात से संतुष्ट न हो |कोई बात नहीं ,अपने -२ विचार हैं |
लेकिन में आप को ये बता देना चाहता हूँ की हिन्दुसियम राम जी पर निर्भर नहीं हैं |राम जी से पहले भी हिन्दू थे |राम जी जन्म भी हिन्दू परिवार में ही हुआ |और जिस समय राम जी पैदा हुए उस समय बाकि और देशों में लोग जंगली थे |लोगों को न खाना आता था और न रहना |हमारे यहाँ महल थे .संसार में रहने के लिए घर नहीं बनाने आते थे \

इसलिए गर्व से कहो की तुम हिन्दू हो |