सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Thursday, March 11, 2010

अयोध्या के हिन्दू धर्माचार्य क्यों अपना रहे हैं इसलामी ‘शरीअत का उसूल ? best rule of shariah


प्रस्तुत पोस्ट में 3 कार्टून और 3 काव्य रचनाओं के साथ 2 न्यूज़ हैं ।

एक न्यूज़ की हैडिंग है

गधों का गंगा स्नान

क्योंकि यह कोई नयी बात नहीं है । गधे तो काफ़ी पहले से गंगा में नहाते आ रहे हैं । इसलिए इस पर किसी तब्सरे की ज़रूरत नहीं है ।

दूसरी न्यूज़ की हैडिंग है

मठ मन्दिरों में अकेले न भेजें महिलाओं को

यह न्यूज़ बरबस ही अपनी तरफ़ ध्यान खींचती है ।

यह आदेश खुद हिन्दू धर्म के जि़म्मेदारों की तरफ़ से जारी हुआ है ।यह एक स्वागत योग्य आदेश है क्योंकि जहां एक तरफ़ इससे हिन्दू नारी की आबरू की हिफ़ाज़त होगी वहीं दूसरी तरफ़ हिन्दू धर्म इसलाम के एक क़दम और क़रीब हो गया है ।

वक्त साबित कर रहा है कि मस्जिद हो या मंदिर सिस्टम सिर्फ़ इसलाम का ही कामयाब है ।

इसलाम का यह नियम है कि औरत जब घर से बाहर जाये तो वह घर के किसी महरम रिश्तेदार पिता भाई पति आदि को ज़रूर साथ ले ले । इस तरह बहुत से हादसों से उसकी हिफ़ाज़त हो जाती है ।

अगर आदमी अपनी अक्ल से काम लेकर भी कोई नियम बनाये तो इससे अच्छा नियम नहीं बना पायेगा । पेश है न्यूज़ का एक अंश -

अयोध्या ः दिल्ली के बाबा शिवमूरत द्विवेदी उर्फ़ इच्छाधारी संत स्वामी भीमानन्द , तमिलनाडु के स्वामी नित्यानन्द और ग़ाज़ियाबाद के बाबा अनूप सहाय । एक के बाद एक कई बाबाओं का सैक्स रैकेट , अश्लील सीडी और अपहरण जैसे अपराधों में नाम आने के बाद रामनगरी के धर्माचार्यों में ख़ौफ़ है ।इसी वजह से संतों ने लक्ष्मण रेखा भी खींच दी है ।

महिला भक्तों को मठ और मंदिरों में अकेले न आने का मशविरा दिया गया है ।

कुछ वरिष्ठ धर्माचार्यों ने तो मठ और मंदिरों में अकेले ही आने वाली महिला भक्तों को दर्शन देने से ही इनकार करना ‘शुरू कर दिया है । महिला भक्तों को यह कहकर वापस लौटाया जा रहा है वह अपने परिवार के किसी पुरूष सदस्य के साथ आयें ।बाबाओं का यह रूख़ देश विदेश से रोज़ाना अयोध्या आने वाले हज़ारों भक्तों को विचलित भी कर रहा है । अब तक यहां के संत और महंत महिला और पुरूष भक्तों में कोई भेद नहीं करते थे ।
अब कुछ गत संवादके बारे में...


श्री राम गौरव रक्षा अभियान

ज़िन्दगी की पाठशाला के ज्ञानी शिक्षक जी का मैं तहे दिल से स्वागत करता हूं । कम से कम उन्होंने वेबजनों के सामने स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास तो किया ।

श्रीराम चन्द्र जी के गौरव रक्षण हेतु आपका यह लेखकीय प्रयास सराहनीय तो है परन्तु आपके अनुवाद में त्रुटियां हैं बल्कि काल गणना भी सरासर ग़लत है ।

श्री रामचन्द्र जी त्रेतायुग में हुए थे । जो कि आज से 12लाख 96 हज़ार साल पहले की घटना है ।

इतने पुराने समय के ग्रह नक्षत्रों की स्थिति बेचारा कम्प्यूटर क्या बताएगा?क्या ‘शास्त्रानुसार त्रेतायुग मात्र 5 - 7 हज़ार वर्ष पहले हुआ था ?

कृपया बताएं कि आप चारों युगों को कितनी कितनी अवधि का मानते हैं ?

द्वापर के श्री कृष्ण जी का काल अब से कितने वर्ष पहले मानते हैं ?

रामायण के अनुसार श्री दशरथ जी की रानियों को जब पुत्रेष्टि यज्ञ में पधारे युवा ऋषि ने सन्तानोत्पत्ति हेतु विशेष खीर खिलाई थी तब उनकी आयु कितनी थी ?



मैं सभी पाठकवृन्द का आभारी हूं । बेशक आपका यह आना जाना बेकार न जाएगा । आपके सामने यहां वे राज़ प्रकट होंगे जिन्हें वर्णवादियों ने हज़ारों साल से बड़े जतन से छिपा रखा है ।

मालिक आपके सारे दुख दूर करे और आपके साथ मेरे भी ।

आमीन तथास्तु

सभी धर्म बन्धु मेरे द्वारा चलाए जा रहे श्री राम गौरव रक्षा अभियान में आहूत हैं। जैसे चाहें वैसे सम्मिलित होकर पुण्यलाभ प्राप्त करें ।
...और चिपलूनकर जी से तो मैं बाद में पूछूंगा ।कल की पोस्ट मैं अपने प्रति विशेष स्नेहशील आदरणीय बुजुर्ग श्री द्विवेदी जी को समर्पित करने की इच्छा रखता हूं ।


विषय है



गायत्री मन्त्र को वेदमाता क्यों कहते हैं ?

32 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

मैं सभी पाठकवृन्द का आभारी हूं । बेशक आपका यह आना जाना बेकार न जाएगा । आपके सामने यहां वे राज़ प्रकट होंगे जिन्हें वर्णवादियों ने हज़ारों साल से बड़े जतन से छिपा रखा है ।

मालिक आपके सारे दुख दूर करे और आपके साथ मेरे भी ।

आमीन तथास्तु ।

DR. ANWER JAMAL said...

सभी धर्म बन्धु मेरे द्वारा चलाए जा रहे श्री राम गौरव रक्षा अभियान में आहूत हैं। जैसे चाहें वैसे सम्मिलित होकर पुण्यलाभ प्राप्त करें ।

DR. ANWER JAMAL said...

...और चिपलूनकर जी से तो मैं बाद में पूछूंगा ।कल की पोस्ट मैं अपने प्रति विशेष स्नेहशील आदरणीय बुजुर्ग श्री द्विवेदी जी को समर्पित करने की इच्छा रखता हूं ।

DR.MOHAMMED SHAFEEQ said...

श्री रामचन्द्र जी त्रेतायुग में हुए थे । जो कि आज से 12लाख 96 हज़ार साल पहले की घटना है ।

इतने पुराने समय के ग्रह नक्षत्रों की स्थिति बेचारा कम्प्यूटर क्या बताएगा?क्या ‘शास्त्रानुसार त्रेतायुग मात्र 5 - 7 हज़ार वर्ष पहले हुआ था ?

TANVEER AHMED said...

गधों का गंगा स्नान ?

HAKEEM SAUD ANWAR KHAN said...

वक्त साबित कर रहा है कि मस्जिद हो या मंदिर सिस्टम सिर्फ़ इसलाम का ही कामयाब है ।

KAMDARSHEE said...

आजकल लव, सेक्स और धोखा काफी आम हो गया है। जिन्दगी बदल रही है तौर-तरीके बदल रहे हैं। लोगों के संस्कार बदल रहे हैं ऐसे में सेक्स को लेकर धारणाएं और मान्यताएं बदल जाएं तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है।

एक के बाद एक कई बाबाओं का सैक्स रैकेट , अश्लील सीडी और अपहरण जैसे अपराधों में नाम आने के बाद रामनगरी के धर्माचार्यों में ख़ौफ़ है ।

Anonymous said...

ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं है।

Anonymous said...

दूध के धुले

Aslam Qasmi said...

आज की आप की बातें दमदार हैं, कल द्विवेदी जी को आप बतायेगें गायत्री मन्त्र को वेदमाता क्यों कहते हैं? हमें भी इन्‍तजार रहेगा

muk said...

श्रीमान आप दाढी वाले हो मसजिद की बातें करो हमारे ग्रंथों से तुम्‍हें क्‍या लेना देना

Taarkeshwar Giri said...

एक तरफ बात करते हो श्री राम गौरव रक्षा की और दूसरी भगवान राम की आबरू बेचते हो, अपने कुरान पर ध्यान दो। जिस बहेन को बचपन से लेकर जवानी से पहले तक बहेन - बहेन कहते हो उसी के साथ जवानी के बाद निकाह करते हो , उस कुरान पर ध्यान दो जिसमे तुम्हारे पिता को ये अधिकार दिया गया है की तुम आनन्द प्राप्ति के लिए चार विवाह कर सकते हो, उस समाज को सुधारो जिसमे रिश्ते का वजूद ख़त्म हो गया है।

Taarkeshwar Giri said...

तुम्हारे गद्दार पूर्वजो ने सिर्फ लालच के चक्कर मैं धर्म परिवर्तन किया है। क्या मिला उन्हें मुसलमान बन करके। क्या वो या तुम अरब पति बन गए हो या क्या तुम्हारे लोग किसी अलग दुनिया मैं रहते हैं जंहा पर किसी और धर्म का कोई और नहीं रहता है। क्यों अपने लोगो को नरक मैं धकेल रहे अगर ऐसे ही रहा तो सचमुच लोगो का मुसलमानों पर से भरोसा उठ जायेगा .

मुहम्‍मद उमर कैरानवी said...

गुरू जी आपने तो 1000 विजिटर का आंकडा पार कर लिया, बधाई
भाई तारकेश्‍वर जी बहुत अच्‍छे आदमी हैं, 'काम की बकवास' इनका ब्‍लाग है, इनकी बात ध्‍यान से सुना किजिये बहुत काम की बकवास करते हैं
इनकी धाक ब्‍लागिंग में पहले ही जम चुकी है, इनकी बातों पर आपको विचार करना ही होगा, बिनती है

DR. ANWER JAMAL said...

@MERE DIL KE NOOR
bhavishya ke nek muslim
ishwar apko shanti de .

DR. ANWER JAMAL said...

@Giri ji aap ye bahan bhai wali baat dobara kyun dohra rahe hen .
apki vajah se mujhe pehle bhi na chahne ke bawajud ved men pita dwara putri usha ko garbhvati kiye jane ki ghatna likhni padi thi.

DR. ANWER JAMAL said...

@ Giri ji
kya aap ab ye chahte hen ki men vedon men se YAM YAMI sanvad is blog par likh kar bataun ki sagi bahan yami apne bhai se kya keh rahi hai?
kyon aisa bolte ho ki apna nangapan zahir ho.

DR. ANWER JAMAL said...

@AADARNIYA DIVEDI JI
ab aap bataiyye
GIRI ke jawab men khamosh rahun ya ...?

DR. ANWER JAMAL said...

@Umar ji
Allah apki umar lambi kare.
ye sab Allah ka fazl aur apki guidence ka kamal hai.
aapko bhi mubarak ho.

सहसपुरिया said...

जनाब अनवर भाई सलाम क़बूल कीजिए. थोड़ा बिज़ी था इस लिए आज फारिग होकर आप की सारी पोस्ट देख डाली. मशाल्लाह क्या लिखते है. अल्लाह करे ज़ोरे क़लम और ज़्यादा. हर बात का जवाब आपने इतनी तफ़सील से दिया है भाई ज़िंदाबाद, मुझे तो आप से हसद होने लगी है. उमर भाई और आप को और आप के सभी साथियो को मुबारकबाद

Anonymous said...

In , Islma "Din ko bhaya Raat ko Sayan"

Anonymous said...

tabhi to tumhari bahne muslim ko pasand karti hain. kya ram ko sita pe vishvas tha? ya ravn ke hathon... chhodo ab...

संजय बेंगाणी said...

इससे सहमत हूँ कि गंगा में नहाने वाले गधे है. वरना न पाकिस्तान बना होता न तुम यहाँ रेंग रहे होते.

Unknown said...

गंगा नहाने वाले गधे थे? यानी बनारसवासी भारत रत्न शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान भी गधे थे…
ऐसे ही लिखते रहिये… ताकि लोगों के सामने आपकी असलियत जल्द से जल्द सामने आ जाये… :)

पोस्ट में एक बार फ़िर से मेरा नाम लेने का शुक्रिया, उसके बिना आपका काम चलने वाला नही है लगता है :)

Mohammed Umar Kairanvi said...

गुरू जी गंगा में गधों के स्‍नान पर पाबन्‍दी लगनी चाहिये एक कारण तो भाई चिपलूनकर साहब बता गये कि उसमें बनारसवासी भारत रत्न शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान भी नहाये थे,

हैरत की बात है शीतला माता का म‍ंदिर के पास मेले में गधे के मालिक पहले उसे स्‍नान कराते हैं और बाद में तरह-तरह के रंगों से सजा कर बाजार में लाया जाता है

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

@ SURESH CHIPLUNKAR JI कीचड में पत्थर डाल के फायदा ? गिरी साहब ने दुरस्त फरमाया कि सभी हुसैन वाली विकृत मासिकता ही रखते है कि किसी तरह बस ये हित हो जाए ! एक वो नीच और गलीच मानसिकता का ब्लोगर सलीम अख्तर सिद्दकी तो इनसे बिदक ही गया ! कीचड पसंदों को कीचड में ही लोटने दो ! ये भूल रहे है कि पूरा इंटरनेट इनके इस्लाम और हजरत मुहमद के कारनामो से पटा पडा है, अगर हम भी अपनी पे आ गए तो हिन्दी में अनुवाद करने में ज्यादा देर नहीं लगती ! लेकिन अपने नाम से अनुवाद करेंगे कायरों की तरह कोई छद्म नाम रखकर "धर्म की बात " नहीं करेंगे !

सभी से यही कहूँगा कि जहाँ तक हो सके इनके द्वारा उछाले कीचड को इग्नोर करो, क्योंकि ये किसी तर्कसंगत वाद-विवाद से नहीं मानने वाले ! आप सहज अंदाजा लगा सकते है कि एक तथाकथित डॉक्टर की अगर यह मानसिकता है तो इनके आम से क्या उम्मीद कर सकते हो ?

Ramesh Singh said...

Har post me suru ke 3-4 comment tumhare khud ke hote hai jo kuch alag nahi hote balki post ke kuch part copy karke pest kar diye jate hai??
q?

DR. ANWER JAMAL said...

@Sanjay bengani ji
yun begano ki tarah bat na karo.
aap to mere apne ho.

DR. ANWER JAMAL said...

@ P.C.Godiyal ji
apke chamakte chehre ki roshni se hamara blog bhi chamak utha .
warna aajkal to mehgai ki wajah se aksar chehron ki chamak hi ghayab hai.
Malik apke chehre ka tej aur bhi adhik kare .
aap jaise senior ke aane se men swayam ko gaurwanvit mehsoos kar raha hun .

Anonymous said...

परमात्मा आपकॊ सद बुद्दि दे ... ॐ नम: शिवाय: ।

Man said...

chcha ek baat boloo boora to nahi lagega naa ...pahle bhi aapne boora man liya tha chchaa''''' chachaa shiv ling ka aakar to he ling kijaisa or chchha kaba ka aakar yoni jaisa he ...aap ne to dekha hoga..vnha jaa kar..chchha chachhha shiv ko kya chahiya yoni.....????or yadi fit bitha de to fit beth jaye...chchhha aisa kyo???????vanha yoni kya kar rahi he ling to yanha india me hi he ....yaa vanha bhi shiv ling he...chaachha stheethi spast kare me aap se swal karta hoon aap unhe behooda batate ho...chchha bataye kaba kaa aakar yoni jaisa kyo he....baba fatva jari mat kar dena????????

Anonymous said...

मूर्ख इंसान (शायद), तू पहले अपना घर संभाल.