सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Monday, April 26, 2010

गिलानी जैसे नेता कश्मीर के लिए नासूर हैं . आप भी केवल सच को सच कहें । यह न देखें कि यह किसके खि़लाफ़ जाएगा ? resolution

महाजाल ब्लॉग स्वामी ! मैंने आपको 2 मौके़ दिए लेकिन आप मुझ पर अपना ही लगाया गया आरोप साबित न कर सके ।
भाई अमित ब्लॉगिंग में मेरी वजह से आये ताकि लोगों को वेदों के बारे में सही जानकारी दे सकें लेकिन जब महाजाल मालिक ने वेदों, पुराणों की बातों को अप्रासंगिक और बकवास बताया और जनाब महक जी ने वे बातें भी दिखाईं तो वे एक भी बात का जवाब उन्होंने नहीं दिया । जब उनके पास जवाब है तो फिर वे महक जी के प्रश्नों का निराकरण क्यों नहीं करते ?
फिर कहीं से आनन्द पाण्डेय जी प्रकट हो गए । बोले कि वेद पर मैं शोध कर रहा हूं , जवाब मैं दूंगा । महक जी ने उनसे भी पुराने सवाल पूछ लिए । उसके बाद वे भी न जाने कितने लम्बे शोध में जाकर डूब गये ।
अरे भाई ! कोई तो आकर इन्हें संतुष्ट करे या फिर मान लें कि महाजाल मालिक की बात में जान है । अब न तो महाजाल मालिक ही अपना इल्ज़ाम साबित कर पाये और न ही अमित बाबू अपने ब्लॉग जगत में आने क मक़सद ही पूरा कर पाए । दोनों (प्लीज़ माफ़ करना ) हो गए चित्त । लिहाज़ा दोनों एक दूसरे की तारीफ़ कर रहे हैं ताकि लोग यह समझें कि दो दो ब्लॉगर ग़लत थोड़े ही हो सकते हैं । तर्कहीन श्रद्धा केवल अंधविश्वास को जन्म देती है जिसकी प्रतिकियास्वरूप समाज का बुद्धिजीवी वर्ग नास्तिक बन जाता है । समाज के लिए अंधविश्वास भी घातक है और नास्तिकता भी । यह भी देश के लिए घातक है कि अपने राजनीतिक ग्रुप या समुदाय के खि़लाफ़ तो बिल्कुल न बोला जाए और मुसलमानों के खि़लाफ़ जी भर कर ज़हर घोला जाए । इससे समाज में नफ़रत और दूरियां बढ़ती हैं । समाज में ज़हर घोलने के बाद बड़ी मासूमियत से कह दिया जाए कि मैंने तो लिंक दिया था ।
बहुत बड़े लिंक दाता हैं आप ?
हमने या किसी भी मुस्लिम ब्लॉगर ने तुम्हारे सचमुच के ‘नंगेपन‘ का लिंक दिया कभी ?
केवल लेख में ही आईना दिखाया था कि सभी चिल्लाने लगे ।

आपके लिंक पर भी वाह वाह और हमारे लेख पर हाय हाय । क्या यही है आपकी सहिष्णुता ?
जिसे सहिष्णुता और तर्कवादिता सीखनी हो , हमारे पास आये । सच्चे सुख का अमर ख़जाना हमारे पास है ।
कोई मांगे तो सही , हम उसे दर्जन से ज़्यादा लिंक देंगे जिन्हें देखकर आपको अपने नंगे यथार्थ का बोध हो जाएगा । इसके बावजूद अपनी ग़लती न मानना और कहना कि आप मुझसे नफ़रत करते हैं । तो क्या आपको इन हरकतों पर प्यार किया जाए ?
ज़रा ठहरिये , आपके आतंकवाद के मुद्दे पर भी आपसे सवाल करूंगा । इस विषय पर तो आपकी तैयारी है न , चलिए इसी पर जवाब दे दीजिएगा । चैलेंज का जवाब तो आप दे नहीं पाए । यहां आपकी हक़ीक़त को हरेक देखेगा । ज़बानी जमाख़र्ची को समझने वाले लोग भी ब्लॉग पढ़ते हैं ।
मैं न तो झूठ बोलता हूं और न धोखा देता हूं । जो दिल में है वही मेरी ज़बान पर मिलेगा ।
महाजाल मालिक से नफ़रत के बावजूद मैंने उनकी सच बात का समर्थन किया है और उनकी आज की पोस्ट पर टिप्पणी दी है कि
गिलानी जैसे नेता कश्मीर के लिए नासूर हैं . सच को मैं हमेशा सच ही कहूँगा चाहे आप जैसा व्यक्ति ही क्यूँ न कहे ?
आप भी केवल सच को सच कहें । यह न देखें कि यह किसके खि़लाफ़ जाएगा ?
सत्य में ही मुक्ति है । वेद कुरआन यही बताते हैं । आइये सत्य की खोज करें और उसे स्वीकार करें। आपस में तर्क वितर्क करने से ही तो समाज के बेकार रिवाजों का उन्मूलन होना संभव है ।

56 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

महाजाल ब्लॉग स्वामी ! मैंने आपको 2 मौके़ दिए लेकिन आप मुझ पर अपना ही लगाया गया आरोप साबित न कर सके ।इसके बावजूद अपनी ग़लती न मानना और कहना कि आप मुझसे नफ़रत करते हैं । तो क्या आपको इन हरकतों पर प्यार किया जाए ?
ज़रा ठहरिये , आपके आतंकवाद के मुद्दे पर भी आपसे सवाल करूंगा । इस विषय पर तो आपकी तैयारी है न , चलिए इसी पर जवाब दे दीजिएगा । चैलेंज का जवाब तो आप दे नहीं पाए । यहां आपकी हक़ीक़त को हरेक देखेगा । ज़बानी जमाख़र्ची को समझने वाले लोग भी ब्लॉग पढ़ते हैं ।

Pushpendra said...

वाह अनवर भाई खूब जोरदार हो हम पढने वालो को क्या पगलाया समझेते है जो इतरी सी बाट भी नई समजेंगे की चित कोण हुवा था, त्म्हरी तो एक भी दाळ नई गली थी अमित भाई के सामने

Taarkeshwar Giri said...

प्रिय अनवर जमाल जी अब, अब बहुत हो गया । अब बहुत हो गया हिन्दू देवी देवातवो का मजाक। कंही ऐसा न हो की आप के सामने फिर समस्या कड़ी हो जय। मैंने तो पूरी कोशिश की आपको समझाने की लेकिन शायद मैं गलत था ।
हिन्दू इतना भी कमजोर नहीं है की वो अपनी रच्छा भी न कर सके। अगर हिन्दू जाग गया तो उसे शांत करने वाला भी कोई नहीं मिलेगा।
इसलिए अभी मैं , आप से विनम्र निवेदन करता हूँ की आप हिन्दू देवी देवातावो का मजाक उड़ना बंद कर दे। और अगर आप नहीं कर सकते तो ब्लोग्गिं बंद कर दे या । क्योंकि आप के लेख और आपके ब्लॉग पर बेहूदा टिप्पड़िया समाज के लिए घातक हैं।

Taarkeshwar Giri said...

Anwar ji ho sake to mujhe phone kariyega. aur agar aap sachmuch sacche blogger hain to aap mujhe jarur phone karenge. anyatha main samjhunga ki Dr Anwar Jamal nam ka koi vyakti nahi hai.

Mahak said...

@ Giri bhaii

Aakhir aap aur Amit bhaii baat ko kyon neutral hoker nahin dekhte.Ek vyakti agar hamaare dharm ki kureetiyon ko saamne la raha hai to ismey gallat kya hai.Agar hum unse disagree hain to unke dwaara uthaaye gaye sawaalon aur tark ka apne tark se jawaab dein, lekin agar wo sahi hain to hamein unka saath dena chaahiye. Aakhir ismey hamara hi bhala hai kyonki hamaare dharm mein agar koi thodi bhi galat baat hai to wo door ki ja sakegi.
Lekin ye maan lena ki nahi bhaii hamaare dharm mein to aisi koi baat hai hi nahin ye to sach ka saamna karne se darna hua.
Yaad rakhiye har dharm ki galat baaton ki abhi sameeksha nahin ki gayi to phir ye hamaare liye aur hamaari peedhiyon ke liye waise hi aatmghati hoga jaise aaj kuch logon ke liye ye hai.

Mohammed Umar Kairanvi said...

Tarkeshwar Giri जी कभी तो पढकर टिप्‍पणी दे दिया करो, पोस्‍ट में देवी देवताओं की मजाक के शब्‍द या लाइन हमें दिखायी नहीं दे रहे

Mohammed Umar Kairanvi said...

आपकी टिप्‍पणी गिलानी जैसे नेता कश्मीर के लिए नासूर हैं पर मेरी भी यही राय है

इधर भी नासूर हैं बताईयेगा इधर कौन है?

Ravish Tiwari (रविश तिवारी ) said...

@tarkeshwar giri ji
well , after reading the post, I was not able to find if Dr. Anwar has said any thing wrong about our Hindu gods. Please highlight the section, where you found him insulting our gods...


Anwar जी, सच स्वीकार करू तो मुझे हमेशा ऐसा लगता था जैसे आप ने हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं का अपमान करने का बीड़ा उठा रखा है,
पर मेरा विचार अब आप के बारे में बदल रहा है|
मै भी मानता हु की अंधविश्वास, बुराइयों को जन्म देती है, और ये बात हर धर्म के लिए लागु होती है|
मै नहीं मानता की किसी भी धर्म ग्रन्थ में (किसी भी धर्म के) कोई भी बकवास बात लिखी है, हाँ पर इतना ज़रूर है की आज उन्हें एक आधुनिक व्याख्य की आवश्यकता है|
आज आप हर मूर्ति पूजा करने वाले को काफ़िर नहीं कह सकते, आज का समाज आज से १००० साल पहले के समाज से बिलकुल अलग है.

मैंने आप की पिछली पोस्ट पढ़ी थी, बहुत अच्छी थी|
wish you best of Luck.


And to everybody else, keep your mind open, if you really want to understand what others are saying, or stay away.


Ravish Tiwari,

http://alfaazspecial.blogspot.com

Unknown said...

आदरणीय महक जी, आपने कहा "har dharm ki galat baaton ki abhi sameeksha nahin ki gayi to phir ye hamaare liye aur hamaari peedhiyon ke liye waise hi aatmghati hoga jaise aaj kuch logon ke liye ye hai." एकदम सही कहा, लेकिन "हर धर्म की गलत बातों की समीक्षा" इसलिये नहीं की जा सकती क्योंकि कुछ लोग अपने धर्म, अपनी किताब, अपने अवतार में कुछ भी गलत मानने को तैयार ही नहीं हैं… तब कहाँ से समीक्षा करेगा कोई? :)

रही बात जमाल साहब की, पहले उन्हें "वेद-फ़ोबिया" था और अब "महाजाल-फ़ोबिया" ने जकड़ लिया है… इन दो बातों के आगे ये कुछ सोच ही नहीं पा रहे… :) :) :)

लगे रहिये जमाल साहब… "सरिता" के काफ़ी पुराने अंक जमा कर रखे हैं आपने…। कभी समय मिले तो "हर्फ़-ए-गलत" ब्लॉग भी देख आईये, आप वहाँ पर बहस के लिये एकदम उपयुक्त व्यक्ति हैं… :) :)

Taarkeshwar Giri said...

is se pahle anwar ji ne jo blog likha hai, us ko dekhiye, us par kuch logo ne musalaman bahi logo par tippdi ki hai aur kuch logo ne hinduo par tippdi ki hai

Anonymous said...

@महक एंड @ रविश तिवारी
एक तरफ तो डा जमाल हिंदुओं कि कुरीतियों का विरोध करते हैं वहीँ दूसरी तरफ इस्लाम में फ़ैली हुई कुरीतियों को महिमामंडित करते हैं. महिलाओं के लिए पर्दा, तीन तलाक, खतना वगैराह्ह को ये इस्लाम के नज़रिए से सही साबित करने कि कोशिश करते हैं. और जिन बातों को लेकर आप डा जमाल का समर्थन कर रहे है मसलन गर्भाधान संस्कार, मुझे बताईये कितने प्रतिशत हिंदू इस प्रकार से गर्भाधान करते हैं. सिर्फ एक उदहारण दे दीजीये जो आपने स्वयं देखा हो!!नहीं दे सकते ना!!!
दरअसल डा जमाल सिर्फ शब्दों के जादूगर हैं, जो कि वेदों और अन्य ग्रंथों का उदहारण देकर, मुख्य मुद्दे से प्रबुद्ध लोगो का ध्यान हटाने का प्रयास करते हैं!!
कुतर्क कि हद कर दी इन्होने जब अमित जी के प्रेमपूर्ण निवेदन को उनकी माफी मांगने के रूप में प्रचारित किया!!
मैं सिर्फ प्रक्टिकल बात कर रहा हूँ, मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि कौन सा ग्रन्थ क्या कहता है किसी भी विषय में; आप भी अपने आँख और कान खुले रखकर बताईये कि दुनिया का कोई ऐसा इस्लामी मुल्क जहां आपको अपने मजहब को मानने के लिए पुरी आजादी मिली हो (तुर्की का अपवाद छोड़कर)!!
नहीं दे सकते ना !!
बाकी बाद में , आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा!!!

Anonymous said...

@आदरणीय सुरेश चिपलूनकर जी
आपसे विनम्र निवेदन है कि इन कुतर्की स्व-घोषित वेद कुरआन ज्ञाता को बिलकुल इन्ही की भाषा में ऐसा जवाब दे कि इनकी बोलती बंद हो जाए!!!
बहुत कचरा फैला हुआ है इस ब्लॉग पर!
आपको चुनौती दे रहें है यानी सोये हुए शेर को जगाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है; आपकी चुप्पी को ये राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की हार के रूप में प्रचारित कर रहें हैं...

zeashan haider zaidi said...

@सुरेश
बहस उससे हो सकती है जो किसी बात का जवाब दे. आप जिस ब्लॉग का रेफरेंस दे रहे हैं मैंने उसे शुरुआत में जवाब दिया लेकिन उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया. दरअसल उसे खुद ही नहीं पता की वह क्या लिख रहा है. वह जो कुछ भी लिख रहा है, बस कॉपी-पेस्ट है, और उसे उसके लिए नोट मिल रहे हैं. उसमें भी कुछ हर्फों को छोड़कर सभी गलत हैं. उसका बस एक ही मकसद है दूसरे धर्म को बुरा भला कहकर अपने (बहाई) धर्म को अच्छा साबित कर दे.

Anonymous said...

@जीशान
चलिए छोडिये उस ब्लॉग को और सिर्फ इतना बता दीजिए कि आप इस्लाम के किस version को मानते हैं - ओसामा-बिन-लादेन वाला या कमाल पाशा वाला??

DR. ANWER JAMAL said...

@ Ravish Tiwari ji ! आपका आना भी अच्छा लगा और अपनी राय बताना भी . क्या हम देश और समाज के बारे में कुछ भी सोचने के लायक नहीं रहना चाहते ?
आपके साथ की ज़रूरत है . मेरी हर ग़लत बात को ग़लत कहें लेकिन सही को तो सही कह दें . धन्यवाद .

Anonymous said...

@जीशान
आ स्वयं देख सकते हैं कि लादेन की राह पर चलकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे मुल्क किस कदर बर्बाद हो चुके हैं. और कहाँ हैं तुर्की जो कि इस्लाम के कट्टरपंथी स्वरुप को कब का त्याग चुका है. तुर्की का सकल घरेलू उत्पादन जहाँ 615,329 डॉलर है वहीं अफगानिस्तान और पाकिस्तान भिखारी बन चुके हैं, उनका सकल-घरेलू-उत्पादन मात्र 166,515 और 14,044 क्रमशः है..
आप स्वयं फैसला कर सकते हैं कि भारत को किस राह पर ले जाना चाहते हैं...
स्रोत http://en.wikipedia.org/wiki/List_of_countries_by_GDP_%28nominal%29

DR. ANWER JAMAL said...

@ महाजाल स्वामी ! अगर गिलानी कश्मीर के लिए नासूर है और ठाकरे परिवार देश के लिए उस से भी बड़ा नासूर है . जो मुझ से सहमत न हो वह कारण बताये . अब देखते हैं कि आप लोग सही विश्लेषण करते हैं या .....?

DR. ANWER JAMAL said...

@ गिरी जी ! आप से तो मैं फ़ोन पर बात कर चुका हूँ . क्या आप भूल गए ? अभी ११.३० हो रहे हैं . उस दिन भी आप इस समय सो रहे थे . आज आपको नहीं जगाऊंगा . सोते रहिये और अछे सपने देखिये .
@ Zeeshan Bhai ! Thanks .

Anonymous said...

@गिलानी जैसे नेता कश्मीर के लिए नासूर हैं
Beta Anvar Gilani kashimir ke liye nasoor nahi, vo to pure desh ke liye nasoor hai, Vo to namak haraam hai, DESHdrohi hai, Khaataa HINDUstaan kaa hain , gun gaan pakistaan kaa karata hai, . HINDUstaan main aise hii Deshdrohi bahut hain, jo pakistaan ka, india se cricket match jeetne par LADOO Baandte hain, Ye log Roorkee, Meerut,Aazamgarh me jyada paaye jaate hain. Ye log desh ke saath gadaari kyon karte hain, kya inkaa dharm yahee sikhaata hai ki desh ke saath gaddhari karo

Anonymous said...

@वेदों और कुर'आन के स्वघोषित विद्वान महोदय श्री अनवर जमाल जी

ठाकरे परिवार के दुष्कर्मों की जितनी भी मज़म्मत की जाए वो कम है, पर गीलानी और ठाकरे को एक ही तराजू में तोलने से पहले ये तो देखिये कि -
१)क्या ठाकरे ने कभी महाराष्ट्र को भारत से अलग करने की मांग उठाई ?
२)क्या उनकी पार्टी शिवसेना भारत के शत्रु पाकिस्तान से पैसा पाती है और भारत के खिलाफ विष-वमन करती है ?
३)क्या शिवसेना ने किसी भी साम्प्रदायिक दंगे में पहल की ? (मुंबई दंगे में पहल मुस्लिमो की तरफ से की गयी थी)
४)क्या ठाकरे ने भारत के राष्ट्र-ध्वज को जलाने का आवाहन किया ?
५)मुंबई दंगों के बाद अब मुंबई में हिंदू और मुस्लिमो की आबादी का आपात देखिये और कश्मीर में अब हिंदू-मुस्लिम आबादी का अनुपात देखिये !!
सभी बातें शीशे कि तरह स्पष्ट हैं!

Mohammed Umar Kairanvi said...

@चिपलूनकर जी कभी आप अलबेदार की ऐसे ही मिसालें दिया करते थे, याद होगा कैरानवी ने रोंद डाला था उसे, अब यह हुर्फे गलत साँड कहवे मुझे, वहाँ पाठक भेजते रहा करो, फिर वहाँ से पाठक मुझे मिल जाते हैं, उसी के शब्‍दों में: कैरानवी ने मेरे ब्लाग में अपनी दुकान लगा रखी है

Anonymous said...

@वेद में बाल विवाह का मसला उठा रहे हो ?

Anvar, Lekin maine to baal vivah kii bat hi nahii kii, Islam mein to BALIKA ka Vivah 90 saal ke buddhe ke saath hoti hai. Aap isko Baal Vivah bologe ki Buddha Vivah, Bhaya seedhii baat, Jansankhyaa jo baddhani hai (ISLAM KHATRE MEIN HAIN). Paigamber ke kahane par BUDDHE bhee lage rahte hain BAALIKA ke saath, "SHAME on ISLAM". TASLIMA NASRIN bhee ishe baat se pareshaan thii


Aapne kahaa "मैं आपको बताता कि वेदों में क्या है ", Ved mein 1 bhii Baat Galat nahii hain , lekin kuran to poori hii galat hain. KURAN ka aadhar to kewal ISLAM ko BADHHANA hain, KURAN kitaab poorii tarah ek FATAVA hain, jaise Jo KURAN kii BAATo ko nahi maanega ALLHa uskaa KHATANAA kar dega, Ore islamii Logo ko dara ke rakha hain kuran ne, Matlab musalmaan log to jannat paane ke liye , bomb se hajaro maasoom logo ko maar dete hain

Vaah kyaa kitab hain, maasoom logo ko maaro jannat paavo,

Jannat Jaane ka bahuta achha raata bataya hain kuran mein

Vedo mein galti nikalo ore , Kuran kii sarii galat baate chhupaao, ore ye siddh karo ki kuraan hi galat nahi doosre dharm kii kitabe bhii galate hain , yaane KUTARK dekar sab gud-gobar karnaa, ye koi Anvar or Naik se siikhen

"CHORE KII DADII MEIN TINKAA"

Anvar tum kitna bhii KUTARK dedo, VEDAS ke baraabar doosre dharm kii koi bhii dhaarmik kitaab nahii ho saktii, Jaise Sanskrit sarii bhaasaon ki Janani hain, vaise VEDAS Saare vishva kaa Prakaasa hain.

Mr. Aait Sharma ne tumhaare Kutrko ka Bahut achha javaad diye hain, aise gyaan kii baate to tumke KURAN mein kahii bhii nahii milegii





Raj

नन्‍दू गुजराती said...

क्या 'हिन्दू शब्द भारत के लिए समस्या नहीं बन गया है?
आज हम 'हिन्दू शब्द की कितनी ही उदात्त व्याख्या क्यों न कर लें, लेकिन व्यवहार में यह एक संकीर्ण धार्मिक समुदाय का प्रतीक बन गया है। राजनीति में हिन्दू राष्ट्रवाद पूरी तरह पराजित हो चुका है। सामाजिक स्तर पर भी यह भारत के अनेक धार्मिक समुदायों में से केवल एक रह गया है। कहने को इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय माना जाताहै, लेकिन वास्तव में कहीं इसकी ठोस पहचान नहीं रह गयी है। सर्वोच्च न्यायालय तक की राय में हिन्दू, हिन्दुत्व या हिन्दू धर्म की कोई परिभाषा नहीं हो सकती, लेकिन हमारे संविधान में यह एक रिलीजन के रूप में दर्ज है। रिलीजन के रूप में परिभाषित होने के कारण भारत जैसा परम्परा से ही सेकुलर राष्ट्र उसके साथ अपनी पहचान नहीं जोडऩा चाहता। सवाल है तो फिर हम विदेशियों द्वारा दिये गये इस शब्द को क्यों अपने गले में लटकाए हुए हैं ? हम क्यों नहीं इसे तोड़कर फेंक देते और भारत व भारती की अपनी पुरानी पहचान वापस ले आते।

हिन्दू धर्म को सामान्यतया दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि दुनिया में ईसाई व इस्लाम के बाद हिन्दू धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे अधिक है। लेकिन क्या वास्तव में हिन्दू धर्म नाम का कोई धर्म है? दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर रहे डॉ. डी.एन. डबरा का कहना है कि 'हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे नया धर्म है....more......

http://navyadrishti.blogspot.com/2009/12/blog-post_31.html

सहसपुरिया said...

ठाकरे परिवार को पाकिस्तान से तो पता नही पर चीन से पैसा ज़रूर मिलता है अगर यक़ीन ना आए तो अपने गुरु से पूछना. अपने लोगो को मारना, उनके पेट पर लात मारना, अपनी राष्ट्रभाषा का अपमान करना क्या ये देशद्रोह नही है? लिस्ट बहुत लंबी है कभी फुर्सत में तफ़सील से बताएँगे.
मगर यहाँ कैसे देशद्रोह नज़र आएगा ?

सहसपुरिया said...

@manuj
मगर यहाँ कैसे देशद्रोह नज़र आएगा ?
यह सवाल भी पूछने से ही हम 'आतंकवादी' हो जाते हैं ? क्यूंकी देशप्रेम का ठेका तो ठाकरे परिवार के पास है वोही देशप्रेमी का लाइसेन्स जारी करते है.
या यूँ कहिए ठाकरे परिवार ही ''देशप्रेम'' का अधिकृत एजेंट है.

सहसपुरिया said...

डा० साहब, आप सवाल कर रहे हैं, लेकिन ये 'बुधीजीवी' तो ढंग से जवाब देना तो दूर सवाल ही नही समझ पाए ? अब तक अपना ''अध कचरा ज्ञान'' बाँट कर बुधीजीवी बने हुए थे अब आईना सामने आया तो लगे वोही पुराना राग अलापने ....
ये संघ परिवार की ट्रेनिग का असर है हमेशा सवाल से हट कर जवाब देना.

Mahak said...

आदरणीय evam Gurutulya Suresh Ji

Aapne kaha ki-"हर धर्म की गलत बातों की समीक्षा" इसलिये नहीं की जा सकती क्योंकि कुछ लोग अपने धर्म, अपनी किताब, अपने अवतार में कुछ भी गलत मानने को तैयार ही नहीं हैं…"

Suresh Ji ye jo baat aapne kahi hai wahi baat apne comment mein maine bhi kahi hai,shayad aapne mera comment poora nahin padha,ek baar phir likh deta hoon-

"ye maan lena ki nahi bhaii hamaare dharm mein to aisi koi galat baat hai hi nahin ye to sach ka saamna karne se darna hua."

To aise jo log bhi hain jo अपने धर्म, अपनी किताब, अपने अवतार में कुछ भी गलत मानने को तैयार ही नहीं हैं… wey log dharmandh hain yani ke dharm mein andhen ho chuke log hain chaahe hindu ho ya musalmaan.

Wey log inhe kureeti nahin maan na chaahte, iske kuch following reasons hain

1.Hindu isliye nahin manna chaahte kyonki ek musalmaan is baat ko keh raha hai, ise se unhe aisa lagta hai ki wo jaan boojhkar hamaare dharm ka apmaan kar raha hai chaahe usney baat sahi hi kyon na kahi ho.

2.Same baat muslimon par bhi apply hoti hai ki agar koi hindu unke dharm mein shaamil kureetiyon jaise parda pratha,4 shaadiyaan etc.ko uthata hai to wey bhi iska tarksheel jawaab dene ki bajaaye yehi samajhte hain ki ye vyakti jaan boojhkar hamaare dharm ko badnam kar raha hai phir chaahe usney sach baat hi kyon na kahi ho.

3.Agar koi hindu vyakti hi apni dharmik kitaabo mein shaamil kisi kureeti ka virodh karta hai to usey sweekar isliye nahin kiya jaata kyonki use se in so-called unchi jaati kahe jaane waale logon ko apna ekadhikkar jo ki in granthon ne inhe de rakha hai wo chin ne ka darr rehta hai.Lekin aise log ye nahin jaante ki jitne atyachaar ya phir bhed-bhaav ye un dharm granthon ka reference dekar un choti jaatiyon ya phir neech jaati kahe jaane waale logon par karte hain phir wahi log apraadh (crime) jagat ka sahara lekar (jahan par unchi ya neechi jaati naam ki koi cheez nahin hai)in par kayamat bankar girte hain.Mujhe dil se bataaiye ki agar hamaare samaj mein santaan ke janm se hi ye unch-neech ka bhed bhaav na kiya jaaye or sabko equal opprtunities (saman moke) di jaayein to phir ye apraadh, ye "dalit vs brahman" jaise takraav kya khatm nahin ho sakte.

4.Agar koi muslim hi apne dharm mein shaamil kisi kureeti ka virodh karta hai to usey bhi isi prakar sweekar nahin kiya jaata kyonki ise se mardon ko apne ekadhikar chin ne kar darr hota hai,unhe pata hai ki agar ye galat baatein remove ho gayi to phir mahilaayein hamein har field mein defeat karne ka dam rakhti hain aur ye baat unka male ego sehan nahin kar sakta.

Lekin yahan ek baat zaroor kehna chaahonga ki hinduon mein ek baat to kaafi achi hai ki koi bhi vyakti agar dharm ki kisi kureeti ki aur dhyaan attract karne ka prayaas kare to usey keval nakaar diya jaata hai lekin muslimon ke case mein to uske khilaaf fatwe jaari kar diye jaate hain, bechare ki jaan par ban aati hai.Wo bhi sochta hoga ki yaar bada acha inaam mila mujhe sach ko uthaane ka.Ye baat poori tarah se galat hai.Sabko apne vichaar rakhne ki poori freedom to milni hi chaahiye , isi se samaaj mein shaamil vikaaron ko door kiya ja sakta hai aur awareness laayi ja sakti hai

Mahak said...

@ मनुज

Aapka intezaar khatm hua.

Aapki baaton ko padhkar lagta hai ki aapne mere ab tak Jamaal bhaii ke blog par diye hue saare comments ko dyaan se nahin padha.
Main khud pehle bhi kai baar keh chuka hoon hoon ki mujhe Anwer ji ki jo baat sahi lagti hai uska saath deta hoon aur jo baat galat uska virodh karta hoon.Agar wo इस्लाम में फ़ैली हुई कुरीतियों को महिमामंडित करते हैं. महिलाओं के लिए पर्दा, तीन तलाक, खतना etc. ka samarthan karte hain to main is par unse agree nahin hoon aur is खतना par kade shabdon mein virodh bhi jata chuka hoon. Is reference ko kholker aap isey dekh aur padh sakte hain

http://vedquran.blogspot.com/2010/04/dowry.html

Main khud bhi Jamaal bhaii ko kai bar keh chuka hoon ki sirf ek dharm ki kureeti show na karein apne dharm mein shaamil kureetiyon ko bhi vistaar se ujagar karein taaki ise se doosre bhaaiyon ko aap par ye sandeh ya shak na ho ki aap jaan boojhkar unke dharm ko target karne ki koshish kar rahen hain.

Aur rahi baat "गर्भाधान संस्कार" ki to iske baare mein aapne kaha hai ki "मुझे बताईये कितने प्रतिशत हिंदू इस प्रकार से गर्भाधान करते हैं. सिर्फ एक उदहारण दे दीजीये जो आपने स्वयं देखा हो!!नहीं दे सकते ना!!!"

to iskey jawaab mein aapse ye kehna chaahonga ki jab wey is prakar se गर्भाधान karte hi nahin hain phir unhe iske virodh se problem kya hai.Problem to unhe honi chaahiye jo isey follow karte hain.
Aap is baat ko behtar tarike se samajh paayein iske liye ek example deta hoon

"Agar main kehta hoon ki jo log sharaab peete hain unhe jail mein band kar dena chaahiye to ise sey problem to un logon ko honi chaahiye jo sharaab peetey hain.Jo nahin peetey unka ise sey jab kuch lena-dena hi nahin hai to unhey kyon pareshaani ho rahi hai."

Umeed hai ise sey aap behtar tarikey se samjhe honge.

Aur aapki ye baat ki "बताईये कि दुनिया का कोई ऐसा इस्लामी मुल्क जहां आपको अपने मजहब को मानने के लिए पुरी आजादी मिली हो (तुर्की का अपवाद छोड़कर)!!
नहीं दे सकते ना !!"
is sey main sehmat hoon.Ye hamaara hindustaan hi hai jo har vyakti ko uske मजहब को मानने के लिए poori azaadi deta hai.

Mahak said...

@ मनुज

Aapne jo Raj thakrey ko defend karne ka prayaas kiya hai uska jawaab dena bhool gaya tha, yahan de raha hoon

१)क्या ठाकरे ने कभी महाराष्ट्र को भारत से अलग करने की मांग उठाई ?

mere bhaii aap shayad ye bhool gaye hain ki abhi haal hi mein Raj Thakrey ne ek statement diya tha jismey usney kaha tha ki

"agar bharat sarkar ne marathiyon ke prati apna nazariya thik nahin kiya to phir maraathiyon ke sabr ka baandh toot sakta hai aur wey maharashtra ko bharat se alag karne ki maang kar sakte hain phir main bhi unhe nahin rok paaonga"

Is statement mein saaf saaf dikh raha hai ki kaie wo marathiyon ko bhadkaane aur bharat ko daraane ki koshish kar raha hai.

२)क्या उनकी पार्टी शिवसेना भारत के शत्रु पाकिस्तान से पैसा पाती है और भारत के खिलाफ विष-वमन करती है ?

Ye to aur serious baat hai ki उनकी पार्टी भारत से पैसा पाती है और भारत के खिलाफ विष-वमन करती है ? matlab jis thaali mein khaati hai usi mein ched(hole) karti hai.

३)क्या शिवसेना ने किसी भी साम्प्रदायिक दंगे में पहल की ? (मुंबई दंगे में पहल मुस्लिमो की तरफ से की गयी थी)

Aapke is point se sehmat hoon.Jo पहल karta hai phir usey parinaam bhugatne ke liy bhi tayaar rehna chaahiye.

४)क्या ठाकरे ने भारत के राष्ट्र-ध्वज को जलाने का आवाहन किया ?

Unhone jab bharat ko hi "maraathi vs north indians" mein divide kar diya hai to phis ab kya bachta hai.Aur unke behavour se to aisa bhi lagta hai ki kisi din wey भारत के राष्ट्र-ध्वज को जलाने का आवाहन bhi kar sakte hain, wo jab apni bahut si gambheer harkaton par bhi sharminda nahin hain to aisa nahin lagta ki iska bhi unhe koi afsos hoga.

५)मुंबई दंगों के बाद अब मुंबई में हिंदू और मुस्लिमो की आबादी का आपात देखिये और कश्मीर में अब हिंदू-मुस्लिम आबादी का अनुपात देखिये !!

Iska jawaab main isliye nahin de sakta kyonki yahan par aapne real mein wo अनुपात kitna hai ye mention nahin kiya hai.

Aur anth mein
main bhi Gillani aur Raj Thakrey jaise logon ko deshdrohi maanta hoon.

Ayaz ahmad said...

सुरेश जी आप भी ठाकरे परिवार के बारे मे मनुज के विचारो से सहमत है या नही अगर सहमत नही है तो कारण बताए

zeashan haider zaidi said...

@मनुज
१. मैं इस्लाम के एक ही version को मानता हूँ, जो पैगम्बर मुहम्मद (स.अ.) ने हमारे सामने पेश किया.
२. मैं भारत को खुशहाली की राह पर देखना चाहता हूँ.

Rekhraj said...

dr. saab isse pata calta h ki tum ko or koi baat aati hi nai, tom khob hdbada rae ho ki ab kya karo sures tumre citte khol rahe h amit tomara bhanda fod raha hai. or tum diwar se apna sar phod rahe ho

Anonymous said...

@ Zeashan zaidi

Zeeshan, ओसामा-बिन-लादेन या कमाल पाशा वाला bhii ishi islam ke version ko maante hain, to phir tum kab aatankvaadi banoge?

Deepak

April 26, 2010 10:46 PM

Shah Nawaz said...

zeashan zaidi said...
@मनुज
१. मैं इस्लाम के एक ही version को मानता हूँ, जो पैगम्बर मुहम्मद (स.अ.) ने हमारे सामने पेश किया.
२. मैं भारत को खुशहाली की राह पर देखना चाहता हूँ.


+ 1

Unknown said...

@ डॉ अयाज़ - ठाकरे से सम्बन्धित सवाल का जवाब मैं अपने ब्लॉग पर पहले भी लेख के जरिये दे चुका हूं और आज भी कमेंट में दिया है… फ़िर से दोहराता हूं कि : "मैं राज ठाकरे (बाल ठाकरे नहीं) को देशद्रोही मानता हूं…"… ठीक भिंडरावाले की तरह, और दोनों ही मामलों में उन्हें पालने-पोसने वाली कांग्रेस ही है और यह कांग्रेस का इतिहास रहा है।

ये और बात है कि जिसे कांग्रेस अपने तात्कालिक फ़ायदे के लिये पालती है बाद में वही उसे निपटाने में लग जाता है, जैसे प्रभाकरण ने किया, तेलगी भी नाम लेने वाला था फ़िर पता नहीं क्या हुआ… ललित मोदी भी एक मंत्री की बलि ले चुका है आगे एकाध-दो की और लेगा… आदि-आदि।

तात्पर्य यह है कि इस देश की सबसे घृणित पार्टी यदि कोई है तो वह है कांग्रेस, यदि इस देश में नेहरु के जमाने से चली आई "भ्रष्ट बनो, भ्रष्ट बनाओ वाली कांग्रेसी संस्कृति" खत्म हो जाये तो भारत कहाँ से कहाँ पहुँच जाये…

Shah Nawaz said...

@ मनुज said...
वहीँ दूसरी तरफ इस्लाम में फ़ैली हुई कुरीतियों को महिमामंडित करते हैं. महिलाओं के लिए पर्दा, तीन तलाक, खतना वगैराह्ह को ये इस्लाम के नज़रिए से सही साबित करने कि कोशिश करते हैं.


मनुज भाई, अगर आपको लगता है कि आप इन तथाकथित कुरीतियों पर कुछ प्रकाश डाल सकते हैं तो अधिक अच्छा होगा, जैसे कि "आखिर यह कुरीतियां कैसे हैं?" क्योंकि किसी भी मसले पर तर्क-वितर्क करके ही किसी फैसले पर पहंचा जा सकता है। सिर्फ इल्ज़ाम तो कोई भी लगा सकता है। आशा है कि उचित तर्कों के साथ आप अपनी बात रखेंगे।

Shah Nawaz said...

@ Suresh Chiplunkar

सुरेश जी, मुझे इस लेख पर कांग्रेस का महिमा मंडन कुछ समझ में नहीं आया?

Shah Nawaz said...

@ Suresh Chiplunkar
"लेकिन "हर धर्म की गलत बातों की समीक्षा" इसलिये नहीं की जा सकती क्योंकि कुछ लोग अपने धर्म, अपनी किताब, अपने अवतार में कुछ भी गलत मानने को तैयार ही नहीं हैं… तब कहाँ से समीक्षा करेगा कोई?"

आप गलत बात साबित तो करिए, हम अवश्य ही मानेंगे। मैंने तो स्वयं अनवर जी के ही किसी लेख में ही पढ़ा था, कुरआन-ए-करीम की गलत समीक्षाओं के विरोध में। क्या मैं गलत कह रहा हूँ?

महक said...

@ मनुज
आपने राज ठाकुरे को डिफेंड करने का प्रयास किया है उसका जवाब देना भूल गया था, यहां दे रहा हूँ

१)क्या ठाकरे ने कभी महाराष्ट्र को भारत से अलग करने की मांग उठाई ?

जवाबः
मेरे भाई आप शायद भूल गये हैं की अभी हाल ही में राज ठाकुरे ने एक स्‍टेटमेंट दिया था जिसमें उसने कहा था की
''अगर भारत सरकार ने मराठियों के प्रति अपना नज़रिया ठीक नहीं किया तो फिर मराठियों के सब्र का बाँध टूट सकता है और वे महाराष्‍ट्र को भारत से अगल करने की माँग कर सकते हैं फिर मैं भी उन्‍हें नहीं रोक पाउंगा''
इस स्‍टेटमेंट में साफ दिख रहा है क‍ि वह मराठियों को भडकाकर और भारत को डराने की कोशिश कर रहा है

merajkhan said...

सुरेश जी तो आप शिवसेना के मराठे है मनसे के नही तो आपकी नाराजगी जायज है राज ठाकरे ने बाल ठाकरे को मुद्दाहीन कर दिया खुद सारे मुददे उचक लिए बड़ा खराब आदमी है ये राज ठाकरे बाल ठाकरे को जीते जी मार डाला

Rajul said...

yeh mahak koi or nahi anwal jamaal hi hai, nahi to apne blog pe magajmari kare na yhan kyon bhopu baja raha h

Amit Sharma said...
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Man said...

bhataka gaya he blog.....

Ayaz ahmad said...

मनुज जी आप भी ठाकरे परिवार के बारे मे सुरेश जी के विचारो से सहमत है हमारा तो मानना है कि राज को इस राह पर चलाने वाले बाल ठाकरे ही है आप भी अपने विचारो से नवाज़े

महक said...

Mahk ki baat ooper comments men roman men thi,,,usko hindi men kiya gaya,, kuch nahin badla gaya

@ मनुज
आपने राज ठाकुरे को डिफेंड करने का प्रयास किया है उसका जवाब देना भूल गया था, यहां दे रहा हूँ

१)क्या ठाकरे ने कभी महाराष्ट्र को भारत से अलग करने की मांग उठाई ?

जवाबः
मेरे भाई आप शायद भूल गये हैं की अभी हाल ही में राज ठाकुरे ने एक स्‍टेटमेंट दिया था जिसमें उसने कहा था की
''अगर भारत सरकार ने मराठियों के प्रति अपना नज़रिया ठीक नहीं किया तो फिर मराठियों के सब्र का बाँध टूट सकता है और वे महाराष्‍ट्र को भारत से अगल करने की माँग कर सकते हैं फिर मैं भी उन्‍हें नहीं रोक पाउंगा''
इस स्‍टेटमेंट में साफ दिख रहा है क‍ि वह मराठियों को भडकाकर और भारत को डराने की कोशिश कर रहा है

Mohammed Umar Kairanvi said...

अनवर जमाल साहब आपने ब्‍लागवाणी को, आपके लिये नये नियम बनाने पर मजबूर कर दिया,

मुझे तो लगता है केवल आपके साथ ऐसा हो रहा है क्‍यूँकि आपकी पोस्‍ट को हाटलिस्‍ट में नहीं दिया जाता जबकि रिकार्ड देखें तो ब्‍लागवाणी ने 49 पाठक भेजे, पसंद वोट10,नापसंद वोट 6, टिप्पणियां 48 से अधिक

इस बात से अधिक खुश न होना अभी तो आपको बहुतों को बदलना है यह तो बस शुरूआती कामयाबियाँ हैं

Mohammed Umar Kairanvi said...

मुझे तो लगता है केवल आपके साथ ऐसा हो रहा है क्‍यूँकि आपकी पोस्‍ट को हाटलिस्‍ट में नहीं दिया जाता जबकि रिकार्ड देखें तो ब्‍लागवाणी ने 49 पाठक भेजे, पसंद वोट10,नापसंद वोट 6, टिप्पणियां 48 से अधिक

स्‍वतन्त्र आवाज said...

आपके पास ब्‍लागवाणी के ऐसे जाहिलाना काम के सबूत हों तो उस पर लेख लिख कर हमें भेजिये, आपको हमने अपना पर्सनल ईमेल भेज दिया है

आप हमारे हीरो बनिए!

जी हाँ! यदि आपके पास कोई सूचना है कोई दुर्लभ फोटो या तैलचित्र हो, आप-बीती हो, समाज देश और दुनिया के नए पुराने दौर की कोई दास्तान हो जो पाठकों को रोमांचित या उनका ज्ञानवर्धन करे तो आप अपनी भाषा में हमें पूरे वृत्तांत के साथ ई-मेल कीजिए। आपका पत्रकार या लेखक होना जरूरी नही है। हम आपको नाम देंगे, काम देंगे, आपसे जुड़ेंगे और आप दुनिया से जुड़ेंगे।

तो कीजिए ई-मेल-

Ravish Tiwari (रविश तिवारी ) said...
This comment has been removed by the author.
Ravish Tiwari (रविश तिवारी ) said...

@giri bhai
मेरा कमेन्ट सिर्फ इस पोस्ट के बारे में था| मैंने अनवर जी की पिछली post भी padi हैं, पर कभी टिप्पड़ी न कर पाया.
मैंने आज तक कभी सलीम की ब्लॉग पर comments पोस्ट नहीं की, कारण वो कुरीतियों को महिमामंडित करने वाला व्यक्ति है|

@manuj
आप सिर्फ तर्कहीन बातें कर रहे हैं|
यहाँ बात किसी और देश की नहीं हमारे देश की हो रही है| और यहाँ आज़ादी है| हर किसी को पूरी आज़ादी है|
मैंने अपने लास्ट comment में भी कहा था और अब भी कह रहा हु, मै Anwar ji की कई बातों से सहमत नहीं रहा हु, पर जो पोस्ट सही है वो सही है|
you are taking it in wrong way, and saying things that are non-related. I totally agree with your anger, but, things you are saying, are not related to the context.

@sahespuriya
totally agree with you.


@डॉ अनवर ji,
now I am following your blog, if I found something inappropriate, expect harse comments from me. ek chhote bhai aur nindak ki tarah.
haan bahut saare logo ki baat me dum hai, aap sirf Hindu dharm ki kuritiyon ko highlight karte hain, kya aap ko nahi lagata hai ke aap ke dharm me bhi kuritiyan hain?
or perhaps you are afraid to say them, fearing you might be boycotted.
let me tell you one thing, most ppl are not angry with you because you are writing about Hindus, they are because, you are not writing about your own religion|

सहसपुरिया said...

BLOGVANI की दाल मैं कुछ काला तो नज़र आ रहा है? देखते हैं कब तक ऐसा होता रहेगा?

Anonymous said...

Anvaer ne kai farzi blog ID bana rakhii hain jaise
@Mahak and @नन्‍दू गुजराती

@Mahak koi ore nahi ye Anvaer ye iske chele chapaate hain, jo farji post karte rahte hain

Ye Anvar kii galti nahi , Ye to ISLAM kaa mool matra hain "DHOKHA" and "MAKKARI"


Raj

Anonymous said...

@जीशान
आपने कहा कि
"१. मैं इस्लाम के एक ही version को मानता हूँ, जो पैगम्बर मुहम्मद (स.अ.) ने हमारे सामने पेश किया."

फिर ये बताईये कि इस्लाम के उसी version को तो ये लादेन एंड पार्टी भी मानती है,है कि नहीं? अगर नहीं, तो आपके और लादेन के इस्लाम में मूलभूत अन्तर क्या है, ये भी स्पष्ट करने का कष्ट करें..
अगर ये कहना चाहते हैं कि ओसामा के कर्म गैर-इस्लामी हैं तो फिर ये बताएं कि क्या वो मुसलमान की परिभाषा में आते भी हैं या नहीं ??
@प्रबुद्ध साथियो, मेरा ये कथन भले ही आपको वर्तमान विषय से दूर जाता मालूम पड़े, पर मैं जीशान और इनके साथियो के जवाब जानना इसलिए चाहता हूँ कि इनके अंतर्मन को टटोल सकूं. ताकि मैं जान सकूं कि इनमे और लादेन, गीलानी, इ अहमद, अफजाल, मदनी, ठाकरे, भिंडरावाले में क्या फर्क है..

Anonymous said...

@सहसपुरिया
ठाकरे परिवार को पाकिस्तान से तो पता नही पर चीन से पैसा ज़रूर मिलता है अगर यक़ीन ना आए तो अपने गुरु से पूछना.

ज़रा बताए कि ये आपने कहाँ से जाना ??या बस यूं ही मुहं कि गंद साफ़ करने के लिए ऐसा लिख दिया ?

अपने लोगो को मारना, उनके पेट पर लात मारना, अपनी राष्ट्रभाषा का अपमान करना क्या ये देशद्रोह नही है? लिस्ट बहुत लंबी है कभी फुर्सत में तफ़सील से बताएँगे.
मगर यहाँ कैसे देशद्रोह नज़र आएगा ?


यहाँ आपसे पूर्ण सहमत, मैंने पहले भी लिखा है कि ठाकरे खानदान के दुष्कर्मों के लिए उनकी जितनी भी मज़म्मत कि जाए कम है.
हाँ बाल और राज देशद्रोही हैं...
लेकिन फिर भी कहीं न कहीं, उनके पापों कि गिनती गीलानी जैसों से कम है..अभी अगले कमेन्ट में इसे और elaborate करूँगा.

DR. ANWER JAMAL said...

आप सभी लोग बताएं कि मेरा कौन सा लेख सरिता के लेख कि नक़ल है ? दूसरों को भी पढ़वा कर पूछें -
हिन्दू नारी कितनी बेचारी ? women in ancient hindu culture
क्या दयानन्द जी को हिन्दू सन्त कहा जा सकता है ? unique preacher
कौन कहता है कि ईश्‍वर अल्लाह एक हैं
क्या कहेंगे अब अल्लाह मुहम्मद का नाम अल्लोपनिषद में न मानने वाले ?
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गायत्री को वेदमाता क्यों कहा जाता है ? क्या वह कोई औरत है जो ...Gayatri mantra is great but how? Know .
आखि़र हिन्दू नारियों को पुत्र प्राप्ति की ख़ातिर सीमैन बैंको से वीर्य लेने पर कौन मजबूर करता है ? Holy hindu scriptures
वेद आर्य नारी को बेवफ़ा क्यों बताते हैं ? The heart of an Aryan lady .
लंका दहन नायक पवनपुत्र महावीर हनुमान जी ने मन्दिर को टूटने से बचाना क्यों जरूरी न समझा ? plain truth about Hindu Rashtra .

DR. ANWER JAMAL said...

@ जनाब रविश तिवारी जी ! मुस्लिम समाज में भी कुरीतियाँ हैं . उन पर भी लिखूंगा . मैं कह चुका हूँ कि कुरीतियों का कोई धर्म नहीं होता . समाज की बेहतरी के लिए उनका त्याग आवश्यक है . boycott से मैं अभी तक तो डरा नहीं और आगे का पता नहीं .
@ ब्लोग्वानी भी हमारे सब्र का इम्तेहान लेना चाहती है तो ले . मुसलमान तो होता ही सहिष्णु है .