सनातन धर्म के अध्ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to
जिस पुस्तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्दी रूपान्तर है, महान सन्त एवं आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी के धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन पर आधारति पुस्तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्त के प्रिय शिष्य एस. अब्दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्य जावेद अन्जुम (प्रवक्ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्तक के असल भाव का प्रतिबिम्ब उतर आए इस्लाम की ज्योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्दी प्रेमियों के लिए प्रस्तुत है, More More More
Friday, April 30, 2010
गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव ओ. रवि के फंड मैनेजर राकेश रस्तोगी को सी बी आई ने गिरफ्तार कर लिया । For money sake .
आखि़र ऐसा क्यों होता है कि जब माधुरी गुप्ता को देश से ग़द्दारी करते हुए पकड़ा जाता है वह केवल एक व्यक्ति को बुरा मानकर बात आई गई कर दी जाती है जबकि उसी जुर्म में अगर किसी मुसलमान को पकड़ लिया जाए तो फिर सारे मुसलमानों को निशाने पर ले लिया जाता है बल्कि यह तक कहा जाता है कि इनको ऐसे कामों की प्रेरणा इनका धर्मग्रन्थ देता है ?
भाई मनुज जी ने कहा कि हिन्दुओं में ऐसे केस कम सामने आये हैं । मैं विनती करूंगा कि पहले इसरो जासूसी कांड जैसे सभी केसेज़ के मुजरिमों के नाम देख लीजिये , फिर बताइये । इसरो जासूसी कांड देश पर एक बड़ा धब्बा था जिसे जांच एजेन्सी ने अपने ‘हुनर‘ से धोकर देश की लाज रख ली । ‘देश की लाज‘ इस तरह कई बार रखी गई ।
देश के खि़लाफ़ जासूसी करना और आतंकवाद में लिप्त रहना जघन्यतम अपराध है लेकिन किसी भी सरकारी पद का दुरूपयोग भी उससे ज़रा कम सही लेकिन है जघन्यतम अपराध ही । देखिये -
रवि के लॉकर में 23 लाख
नई दिल्ली । गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव ओ. रवि के फंड मैनेजर राकेश रस्तोगी को सी बी आई ने गिरफ्तार कर लिया । सीबीआई ने राकेश के क़ब्ज़े से ओ. रवि के लिए घूस में ली गई 22 लाख 75 हज़ार रूपए एक्सिस बैंक के लॉकर से बरामद कर लिए हैं ।
हिन्दुस्तान , 30-04-2010 से साभार
इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
जो जिस सीट पर बैठा है उसे बेचने में लगा है ।
देश की इन सीटों पर मुसलमान तो बैठे नहीं हैं । बताइये पूरे देश को बेचने वाले इन लोगों पर लगाम लगाने के लिए क्या किया जा रहा है ?
ये अधिसंख्य लोग जिस धर्म से संबंध रखते हैं क्या इनके कुकर्मों के कारणों को इनके धर्म की शिक्षाओं में तलाशने की कोशिश की जाती है ?
क्या इन मुजरिमों के साथ इनके सारे समाज को कभी सन्देह की नज़र से देखा गया ?
बताइये इनकी तादाद ग़द्दार मुसलमानों से ज़्यादा है या कम ?
देश के 2 लाख किसान महाजनों के क़र्ज़ में दबकर आत्महत्या कर लेते हैं । यह संख्या पाक समर्थित आतंकवाद में मारे जाने वालों से ज़्यादा है या कम ?
जमाख़ोरी और कालाबाज़ारी करके महंगाई बढ़ाने वाले किस धर्म को मानते हैं ?
आज भारत का बाज़ार किस धर्म के मानने वालों के क़ब्ज़े में है ?
देश की जनता ने हरेक पार्टी को आज़माया लेकिन क्या कोई भी पार्टी जनता को आज तक लूट हत्या मर्डर अपहरण और बलात्कार से मुक्ति दिला पाई ?
पूरे भारत में शराब और नशे को बढ़ावा देने वाले व्यापारी किस धर्म को मानते हैं ?
देश में नशे और नंगेपन का चलन आम है और जनता असुरक्षित है और उसे रोटी और इलाज भी मुहय्या नहीं हो पा रहा है ।देश के विकास में लगने वाला रूपया किन लोगों के हाथों में रहता है ?
देश का 70 हज़ार करोड़ रूपया विदेशों में जमा करने वाले ग़द्दार किस धर्म को मानते हैं ?
इसी तरह दूसरे बहुत से भयानक जुर्म हैं जिनके मुजरिमों को अक्सर नज़रअन्दाज़ कर दिया जाता है जिससे समाज में अविश्वास और असुरक्षा का भाव पैदा होता है ।
भाई मनुज की भावनाओं की मैं क़द्र करता हूं क्योंकि वे देश का उत्थान चाहते हैं और मैं भी यही चाहता हूं लेकिन यह तभी संभव होगा जबकि किसी भी मुजरिम को तो बख्शा न जाए और किसी बेगुनाह को सताया न जाए ।
भारत एक धार्मिक बहुलतावादी देश है । अलग अलग समुदायों की आत्मा और कर्मफल सम्बन्धी अलग अलग हैं । हरेक अपने धर्म-मत की तारीफ़ करता है लेकिन वह उसके अनुसार आचरण कितना करता है ?
हरेक मत मनुष्य को ईमानदारी , सत्य, न्याय और परोपकार की शिक्षा देता है । इसके बावजूद भी हमारा देश विश्व के 85 भ्रष्ट देशों में गिना जाता है ।
आखि़र क्यों ?
केवल इसलिए कि अभी लोगों ने धर्म को तो जाना ही नहीं बल्कि वे जिस किसी भी धर्म-मत की सच्चाई के क़ायल हैं उसके तक़ाज़े पूरे करने के प्रति भी गम्भीर नहीं हैं ।यदि हम कल्याण पाना चाहते हैं तो हमें सत्यानुकूल और न्यायपूर्ण आचरण करना ही होगा , चाहे हम किसी भी धर्म-मत को क्यों न मानते हों या बिल्कुल सिरे से नास्तिक ही क्यों न हों ?
अब आप बताइये कि क्या मेरे ऐसा कहने के बाद दुर्भावना सचमुच समाप्त हो जाएगी ?
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29 comments:
क्यों प्रिय प्रवीण जी , आज तो हमने कह दी न वह बात जो आप हमसे कहलाना चाहते थे ?
अब आप बताइये कि क्या मेरे ऐसा कहने के बाद दुर्भावना सचमुच समाप्त हो जाएगी ?
हरेक मत मनुष्य को ईमानदारी , सत्य, न्याय और परोपकार की शिक्षा देता है । इसके बावजूद भी हमारा देश विश्व के 85 भ्रष्ट देशों में गिना जाता है ।
आखि़र क्यों ?
केवल इसलिए कि अभी लोगों ने धर्म को तो जाना ही नहीं बल्कि वे जिस किसी भी धर्म-मत की सच्चाई के क़ायल हैं उसके तक़ाज़े पूरे करने के प्रति भी गम्भीर नहीं हैं ।यदि हम कल्याण पाना चाहते हैं तो हमें सत्यानुकूल और न्यायपूर्ण आचरण करना ही होगा , चाहे हम किसी भी धर्म-मत को क्यों न मानते हों या बिल्कुल सिरे से नास्तिक ही क्यों न हों ?
तेल लेने गया हिंदू मुसलमान । गद्दार का कोई कौम और कोई ईमान नहीं होता ..सालों को गोली से उडा दो ..गोली को भी नहीं पता होता कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान । इनका एक ही ईलाज है बढिया । यार कभी तो हिंदू मुसलमान से आगे भी बढो । खैर मर्जी है आप लोगों की भाई । मगर गद्दार के लिए तो हम यही कहेंगे
@ Thanks Mr. Ajay . I agree with you .
why to drag religion ? I dont know wht r u trying to prove Jamal sahab ...aap etane vidwaan ho ...phir kyoo aisi baatein :(
प्रिय अनवर जी
आपसे आपके ब्लाग पर तीसरी मुलाकात है।
अच्छा लगता है जब कोई देश का भला चाहता है पर बहुत बुरा लगता है जब कोई देश से गद्दारी करने की सोंचता भी है।
मैं नही जानता आपने किस बात से प्रेरित होकर यह लेख लिखा है पर क्या आपको नहीं लगता कि बार बार हर मुद्दे को हिन्दू मुसलमान की राजनीति बना देना उचित नहीं है।
ये कमीने नेताओं की भाषा कम से कम हमारा ब्लागर परिवार तो नहीं ही प्रयोग करे।
हालांकि पूरी बात जाने बिना मै आपको टिप्पणी दे रहा हूं पर जो भी हो हमें देश को एक सूत्र में बांधना है , और इसके लिये सबसे जरूरी है हमारे विचारों का एकीकरण।
अगर कोई ब्यक्ति कुंठा से ग्रस्त होकर कुछ सांप्रदायिक बोल भी देता है तो ये हमारा दायित्व है कि हम उसे सही मार्ग पर लायें न कि हम भी सांप्रदायिक टिप्पणी करने लग जाएं और मुझे आप जैसे ज्येष्ठ ब्लागर से दे
श के हित की ही आशा है और शायद ये आशा सही भी है।
आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।
मेरे ब्लाग http://sanskrit-jeevan.blogspot.com/ पर आकर टिप्पणी कीजियेगा।
धन्यवाद
Ek dam sahi baat hai gaddari me dharm nahi aata.. per jab ek gaddari ka koi dharm ke naam per samarthan karwana chahata hai to vo us se badi gaddari hai
great muhim chalu rakhna chahiye
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आदरणीय डॉ० अनवर जमाल साहब,
यदि हम चाहते हैं कि हमारा देश प्रगति करे तो हमें सत्यानुकूल, न्यायपूर्ण, दुर्भावना तथा मिथ्याभिमान मुक्त आचरण करना ही होगा , चाहे हम किसी भी धर्म-मत को क्यों न मानते हों या बिल्कुल सिरे से नास्तिक ही क्यों न हों ?
माधुरी गुप्ता के मामले में मैं स्वयं को कुछ कहने लायक नहीं मानता, असली सत्य शायद कभी भी दुनिया के सामने न आये... कुछ समय बाद यदि हमारा कोई भूतपूर्व जासूस इस बारे में कुछ लिखे तभी शायद कुछ पता चले कि वाकई हुआ क्या ? जासूसी की यह दुनिया बड़ी ही विचित्र जो है।
आईये देखें, जवाब दें व जानें... ब्लॉगवुड में आस्था का उफान, 'आस्तिकों' व धर्मयुद्धरत 'योद्धाओं' से एक सवाल .... और मछली का धर्म!
NICE POST
इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
जो जिस सीट पर इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
जो जिस सीट पर इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
जो जिस सीट पर इतनी गंभीर ख़बर को पतले फ़ोंट की मात्र 6 लाइनों में निपटा दिया गया । रिश्वत लेना इस समाज के लिए कोई चैंकाने वाली ख़बर नहीं है । हरेक विभाग में रिश्वत ली और दी जा रही है । फ़र्क़ सिर्फ़ कम ज़्यादा का है । आप रिश्वत देकर नकली मेडिकल सर्टिफ़िकेट बनवा सकते हैं फिर आप पुलिस को रिश्वत देकर मुक़द्दमा भी क़ायम कर सकते हैं । रिश्वत के बल पर आप अपने खि़लाफ़ मुक़द्दमे की चाल सुस्त कर सकते हैं । अपने खि़लाफ़ सम्मन लेकर आने वाले सिपाही को प्रतिवादी मात्र 100-200 रूपये देता है और वह लिख देता है कि प्रतिवादी नहीं मिला । ख़र्चे के लिए मुक़द्दमा क़ायम करने वाली दहेज पीड़िताओं के सम्मन 3-4 साल में भी तामील नहीं हो पा रहे हैं । रिश्वत देकर आप ट्रेन में रिज़र्वेशन करवा सकते हैं । रिश्वत के बल पर इस देश में आतंकवादी पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कामयाब हो जाते हैं ।
जो जिस सीट पर
@anand panday ji ye lekh aapne theek traha se padha nahi ye sirf manuj ji ke sampurdaik cooment ka jawab hai jo aap keh rahe hai hum uss se sehmat hai
देश को बेचने वाले इन लोगों पर लगाम लगाने के लिए क्या किया जा रहा है ?
THE BIG QUESTION ?
THE BIG QUESTION ?
देश के 2 लाख किसान महाजनों के क़र्ज़ में दबकर आत्महत्या कर लेते हैं । यह संख्या पाक समर्थित आतंकवाद में मारे जाने वालों से ज़्यादा है या कम
हर सवाल लाजवाब ?
अब तो माधुरी गुप्ता भी मुसलमान हो गयी है? यानी घुमा फिरा कर ये घड़ा भी अपने सर ही फुटेगा.
इस बार लगता है एग्रीगेटर भी एग्री कटर नहीं बनेगा
जमाल साहब हिन्दुस्तान अखबार वालों के लिये यह खबर मामूली होगी लेकिन इधर ब्लागस में इस खबर को पसंद किया जा रहा है और इधर अधिकतर की यही राय लगती है जैसा कि झा जी कह गये
'..गद्दार का कोई कौम और कोई ईमान नहीं होता ..सालों को गोली से उडा दो ..
गोली कौन कौन मारेगा नाम लिखवाओ
अनवर , जैसे की हम सब जानते हैं हमारे देश में बहुत सरे मुसलमान ISI के agent हैं या नमक हिंदुस्तान का खाते हैं , काम पाकिस्तान के लिए करते हैं , कोई भी मुसलमान देश के साथ गधारी क्यों करता हैं ? या ISI का agent क्यों बनता हैं . पकिस्तान के लिए हिन्दुस्तानी मुसलमान soft target होते हैं , जो केवल ISLAM याने "धर्म" के नाम पर देश के साथ गधारी कर देते हैं , जैसे कई इंडियन मुजाहिदीन SIMI , मुसलमान , पकिस्तान जाते हैं , TRAINING लेते हैं , उनका दिमाग में हिन्दू के प्रति नफरत भर दी जाती हैं , फिर वो यहाँ आ कर BOMB फोड़ देते हैं या ISI agent बन जाते , हिन्दुस्तानी मुसलमान केवल धर्म के नाम पर पाकितान का चमचा बन जाता हैं , जैसे कश्मीर के कई नेता पकिस्तान के कहने पर इंडिया के खिलाप काम करते हैं जो की देश के साथ गद्धारी हैं केवल इस्लाम के नाम पर , लेकिन कुछ लोग केवल पैसे के लिए गलत कर देते हैं जैसे गुप्ता
Raj
@sahespuriya ,
Gupta musalmaan to nahi hui , lekin usne musalmaano jaisi harkat kii hai kewal paiso ke liye
Raj
ब्रसेल्स, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। बेल्जियम सरकार बुर्के पर पाबंदी लगा दी । इस संदर्भ में एक कानूनी मसौदे को संसद के निचले सदन ने मंजूरी भी दे दी है। बेल्जियम में इस कानून के बन जाने के बाद यहां मुस्लिम महिलाओं का बुर्का पहनना या किसी तरह से चेहरे को ढंकना प्रतिबंधित हो जाएगा। अगर कोई महिला सार्वजनिक स्थान पर बुर्का पहने या चेहरा ढके नजर आई तो उस पर 20 से 34 डॉलर तक जुर्माना लगाया जाएगा।
http://thatshindi.oneindia.in/news/2010/04/30/1272570892.html
झा साहब कोई ऐसा हल बताओ जिस पर अमल किया जा सके भ्रष्टाचारियो और आतंकवादियो गद्दारो को गोली से उड़ा देना आप जैसे लोगो के लिए व्यवहारिक नही है इससे तो आप खुद ही आतंकवादी या नक्सलवादी बन जाओगे
@राज अनामी जी आखिर अजमेर बम कांड का आतंकवादी भी एक संघ परिवार का सदस्य निकला
भाईयो ये गुप्ता बहुत गद्दारी कर रहे है ये किस किताब से प्रेरित है औह ये लक्ष्मी जी से प्रेरित है ठीक है जिन लोगो का पैसा भगवान हो उन से यही आशा की जा सकती है राज
mr . anonymous
अगर कल को तुम्हारी जाती का कोई व्यक्ति ऐसा देशद्रोह का काम करता पकड़ा जाए तो क्या हमें तुम्हे भी देशद्रोही मान लेना चाहिए ?
@Dr. Ayaz ahmad Ji..
Sangh ek desh bhakt sangthan hain, jisne china ki ladai mein indian army kaa saath diyaa, Sangh ne deshrohiyon ko bhagaane yaa THIIK karne kaam kiya hain, Hamare desh ke musalmaan doosre desh ke kahane par( pakistaa, saudi arabia...) apane desh ke saath gadhhari karte hain
@Mahak OORF Anvar OORPH Anonymous,
Gupta ko ek KURAN ki kitaab padne waale musalmaan ne galat kaam karwaaya. Galat kaam bhii karwaana haraam hai
mr .anonymous
ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है, मेरा सवाल था की
"अगर कल को तुम्हारी जाती का कोई व्यक्ति ऐसा देशद्रोह का काम करता पकड़ा जाए तो क्या हमें तुम्हे भी देशद्रोही मान लेना चाहिए ?"
इसका जवाब दो
agar us jaati ke kam log ho.. aur 10 me se 4-5 gaddar ho to baaki per bhi shaq hota hai na mahak.. per baaki 5 ke lie desh ka kannoon hai.. us per vishwaash rakho..
agar tumhare ghar per koi chor aa jaaye too.. fir har aahat per shaq hota hai..
सीआरपीएफ़ के दो और यूपी पुलिस के तीन जवानों सहित छह गिरफ़्तार कर लिये गए । ग़द्दार कैसे सुधर जाएंगे ? Politics and Crime .
सीआरपीएफ़ के दो और यूपी पुलिस के तीन जवानों सहित छह गिरफ़्तार कर लिये गए । यशोदानंदन रिटायर्ड एसआई , हवलदार विनोद पासवान और विनेश सिंह , मुरादाबाद पुलिस अकादमी स्थित आर्म डिपो में तैनात नाथी राम सम्मिलित हैं। ये लोग सरकारी असलहा देश के ग़द्दारों को सप्लाई किया करते थे । इनके पास से भारी मात्रा में सरकारी असलहा बरामद किया गया ।
बात दरअस्ल यह है कि जब शिक्षा और नौकरी पाने में भारी ख़र्चा आये , शिक्षा इनसान को जीवन का मक़सद देने में नाकाम हो , सच्चे ईश्वर के मार्ग दर्शन को भुला दिया जाए। कम्पनियां अपना उत्पाद बेचने के लिए इनसान को उसकी चादर से बाहर पैर निकालने के लिए उकसाएं तो आखि़र इनसान करेगा भी क्या ?
आज लोग इनका नाम सुनकर इनसे नफ़रत का इज़्हार करेंगे । इन्हें तुरन्त गोली मार दिये जाने जैसी जज़्बाती और अव्यवहारिक बातें कहकर ऐसा ज़ाहिर करेंगे कि जैसे उनसे बड़ा देशभक्त कोई दूसरा है ही नहीं लेकिन ऐसे ग़द्दार तो यहां हर विभाग में मिल जाएंगे और इतने मिल जाएंगे कि उन्हें मारने के लिए गोलियां भी कम पड़ जाएंगी और उन्हें जलाने के देश का सारा जंगल भी ।
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2010/05/politics-and-crime.html
@दोस्त anonymous
तुम्हारी ये बात ठीक है की चोर के आने पर हर आहट पर शक होता है लेकिन शक की बिनाह पर हम किसी को सज़ा नहीं दे सकते क्योंकि वो मेरी और तुम्हारी तरह बेक़सूर भी हो सकता है, उसके खिलाफ पूरे सबूत आने के बाद ही किसी व्यक्ति को देशद्रोही कहना चाहिए सिर्फ इसलिए नहीं की जो दोषी है उसकी जाती same है
Really bitter pills of truth, hard to be digested by unbalanced persons, but only with these "Inqilabi" thoughts we can improve our rotting society.
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