सनातन धर्म के अध्ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to
जिस पुस्तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्दी रूपान्तर है, महान सन्त एवं आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी के धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन पर आधारति पुस्तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्त के प्रिय शिष्य एस. अब्दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्य जावेद अन्जुम (प्रवक्ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्तक के असल भाव का प्रतिबिम्ब उतर आए इस्लाम की ज्योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्दी प्रेमियों के लिए प्रस्तुत है, More More More
Sunday, May 16, 2010
The source of peace क्या पवित्र कुरआन शांतिदाता का पैग़ाम है ?
अनुनाद जी ने कहा कि पवित्र कुरआन आतंकवाद का मेनिफेस्टो है .
हिन्दू धर्माचार्य श्री लक्ष्मी शंकराचार्य जी ने कहा कि
हिन्दू धर्माचार्य श्री लक्ष्मी शंकराचार्य जी ने कहा कि
पवित्र कुरआन ईश्वर की वाणी है , शांति का स्रोत है.
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात पूछते हैं कि क्या वेद अहिंसावादी हैं ?
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात बताते हैं कि गीता में युद्ध का उन्माद है.
शर्मा जी कि बातें कितनी सच हैं ये तो आप लोग फैसला करें लेकिन श्री राम सेना के लोग दंगे का धंधा करते हैं इस सच को दुनिया के सामने वाले भी हिन्दू ही हैं . तहलका. कॉम और अज तक हज़ार सराहना के पात्र हैं . इसका मतलब है कि भारत में सच को जानने और पहचानने वाले लोग भी हैं और उसे सामने लेन का हौसला भी उनमें अभी तक बाकी है .
जनाब भाई सलीम खान साहब भी एक ऐसे ही हौसलामंद नौजवान हैं .
उनके हौसले को हमारा सलाम है , हरा सलाम और भगवा प्रणाम .
मुजरिम को मुजरिम समझो , उसे सज़ा तक पहुँचाओ ,
चाहे अपना हो या पराया , देस में जमा हो या हो बहार से आया .
... और जल्द ही मैं आपको बताऊंगा कि मुझे किस चीज़ ने रोका
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात पूछते हैं कि क्या वेद अहिंसावादी हैं ?
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात बताते हैं कि गीता में युद्ध का उन्माद है.
शर्मा जी कि बातें कितनी सच हैं ये तो आप लोग फैसला करें लेकिन श्री राम सेना के लोग दंगे का धंधा करते हैं इस सच को दुनिया के सामने वाले भी हिन्दू ही हैं . तहलका. कॉम और अज तक हज़ार सराहना के पात्र हैं . इसका मतलब है कि भारत में सच को जानने और पहचानने वाले लोग भी हैं और उसे सामने लेन का हौसला भी उनमें अभी तक बाकी है .
जनाब भाई सलीम खान साहब भी एक ऐसे ही हौसलामंद नौजवान हैं .
उनके हौसले को हमारा सलाम है , हरा सलाम और भगवा प्रणाम .
मुजरिम को मुजरिम समझो , उसे सज़ा तक पहुँचाओ ,
चाहे अपना हो या पराया , देस में जमा हो या हो बहार से आया .
... और जल्द ही मैं आपको बताऊंगा कि मुझे किस चीज़ ने रोका
अपने उस शिशु कि हत्या से जो कि पिछले जन्म का पापी नहीं है .
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27 comments:
तहलका का तहलका . लेकिन देसी कसाबों के गलों में फंदे डालेगा कौन ?
गर्दन मुसलमान की हो तो फंदे हज़ार .
भाई जी आपका ही दिल गुर्दा है जो बेधड़क सच सच लिख रहे हैं .
Nice Post . पवित्र कुरआन ईश्वर की वाणी है , शांति का स्रोत है.
भारत में सच को जानने और पहचानने वाले लोग भी हैं और उसे सामने लेन का हौसला भी उनमें अभी तक बाकी है . agreed .
आज तक झूटा है यह सारी दुनिया झूठी है दुनिया में अगर सच है तो फिर मैं किश्ती में शर्मा कैसी बनी अभी तक न तो आज तक ने खबर ली न कल तक किसी से आशा बस साथ है मेरे निराशा
nice post
अनुनाद जी ने कहा कि पवित्र कुरआन आतंकवाद का मेनिफेस्टो है .
हिन्दू धर्माचार्य श्री लक्ष्मी शंकराचार्य जी ने कहा कि
पवित्र कुरआन ईश्वर की वाणी है , शांति का स्रोत है.
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात पूछते हैं कि क्या वेद अहिंसावादी हैं ?
डॉ. सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात बताते हैं कि गीता में युद्ध का उन्माद है.
... और जल्द ही मैं आपको बताऊंगा कि मुझे किस चीज़ ने रोका
अपने उस शिशु कि हत्या से जो कि पिछले जन्म का पापी नहीं
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धरती माँ को बचाना है :मानस खत्री की कविता
पृथ्वी माता के रूप में, वर्षा-गर्मी और धूप में, हम सबका यही सहारा है. ये पृथ्वी ही घर हमारा है. प्रेम हमे देती ये माता, इसका आँचल हमे है भाता.
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तंत्र पर डगमगाता भरोसा और उग्रवाद का खतरा Tantra par dagamagaataa bharosaa aur ugravaad kaa khataraa
तंत्र पर डगमगाता भरोसा और उग्रवाद का बढता खतरा वीरेन्द्र जैन दंतेवाड़ा में सी आर पी एफ के 76 जवानों को निर्ममता पूर्वक मार दिये जाने के बाद और उसके पहले से भी हमारे प्रधान मंत्री कहते आ रहे हैं कि माओवादी या बामपंथी उग्रवाद देश के लिये सबसे बड़ा खतरा है।
bahut dhairya aur vichaar ki zaroorat hai...
good post
@ Zeeshan Zaidi,
Maine kewal ye poochha ki kya quran mein ye likha ki
"…गैर-मुस्लिम को मुसलमान बनाने में दस हज का सवाब मिलता है…".
@ Zeeshan Zaidi,
Maine kewal ye poochha ki kya quran mein ye likha hain ki
"…गैर-मुस्लिम को मुसलमान बनाने में दस हज का सवाब मिलता है…".
निसंदेह पवित्र कुरआन या वेद-पुराण यह ईश्वर की वाणी है व शांति के स्रोत है. भले ही कुछ लोग इन्हें अपने हित साधन का जरिया बनाकर जन मानस को दिशा भ्रमित कर देते हैं .....
आपने बिलकुल सही कहा है ......
मुजरिम को मुजरिम समझो , उसे सज़ा तक पहुँचाओ ,
चाहे अपना हो या पराया , देस में जमा हो या हो बहार से आया .
...यही देशप्रेम की भावना जागने वालों को एक होकर एक स्वर में आवाज देने की जरुरत है..
हार्दिक शुभकामनाएँ
unhoooooooooooon
सादर धन्यवाद !!!
@Anonymous
Maine kewal ye poochha ki kya quran mein ye likha hain ki
"…गैर-मुस्लिम को मुसलमान बनाने में दस हज का सवाब मिलता है…".
NO
आयाज़ डॉ. आप भारत को एक रास्ट्र मानते हे क्या ? या केवल एक पड़ाव ? आप रास्ट्र वादिता में विश्ह्वास रखते हे क्या ? आप अपने आप को रास्ट्रीय नागरिक मानते हे क्या? प्लीज टेल मी
भाई अनामी तेरे कु क्या मुसलमान बनकर लोगो को मुसलमान बनाना है? इनके चक्कर मे मत आना ये मुसलमान जादूगर होते है बचके रहना
जनाब सलीम भाई ! भाई इदरीसी का संदेश पढ़ा तो मैंने उनसे कहा कि
गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं ।
ध्यान रहे कि नफ़रत भी मुहब्बत का ही एक रूप होती है ।
माइनस का ही सही , ये क्या कम है कि चटका तो लगा रहे हैं ।
मुझे तो एक बार 13 माइनस वोट दिए थे । ख़ैर आप खुद को नेगेटिव थिंकिंग से हद भर बचायें
और लोगों को सच्चे मालिक की तरफ़ , कल्याण की तरफ़ बुलायें ।
आप और ज़ीशान भाई इस पर कुछ कहना चाहेंगे ?
एक बात उन अज्ञात भाई से कहना चाहूंगा जो किसी हिन्दू को मुसलमान बनाने पर 10 हज का सवाब मिलने की बात पूछ रहे हैं ।
क्या किसी कमज़ोर याददाश्त के बूढ़े आदमी को उसके घर तक पहुंचा देना पुण्य का काम नहीं है ?
लखनव से छपे अंग्रेजी दैनिक पनियर ने अपने 14 agust 1995 के अंक में तत्कालीन केंद्रीय सरकार के नगर विमानन मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने का जम्मू में दिया गया वक्तव्य छापा......
"'जमाते इस्लामी दुवारा चलाये जा रहे मदरसों ने कश्मीर घटी के धरम निर्पेक्स ताने बाने को बहुत नुक्सान पंहुचाया हे ,नो जवानो में katrrvad को हवा दी हे ,....घाटी के युवको को बन्दूक संस्कृति से परिचय इन मदरसों ने करवाया और वे हिंसा का परचार करते हे ....
मदरसों में तालीम किस से दी जारही डॉक्टरो ??भारत में विद्या का अर्थ हे अन्तरिक्ष से ले कर अध्यात्म ,भोतिक से ले आरयू विज्ञानं ,ऐसे अनेक परकार के ज्ञान |तालेबान का अर्थ होता हे ज्ञान अर्जन करने वाला ,वो क्या ज्ञान अर्गें करते हे किसी से चुप नहीं ?तालीबान सामन्यता कुरान के विद्यार्थी होते हे |आप निर्णय करो की कोनसा ज्ञान श्रेष्ठ हे ?
give me my hopeable answer ,veriation and hounable blog knowldgers here ...so they cando it
@man जी राष्ट्र और राष्ट्रवाद की सही परिभाषा बताओ क्या आप श्रीराम सेना, शिवसेना बजरंग दल अभिनव भारत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आदि के राष्ट्रवाद की बात कर रहे है
बेनामी ने कहा…
अब वो किसी मज़हब को नहीं मानते...फ़िरदौस ख़ान
बात देश की राजधानी दिल्ली की है... और कई साल पहले की है... एक मुस्लिम लड़की और एक हिन्दू लड़का विवाह करना चाहते थे, लेकिन मज़हब उनकी राह का रोड़ा बना हुआ था... लड़की के पिता के कुछ मुस्लिम दोस्त मदद को आगे आए... उन्होंने लड़के से कहा कि उसे लड़की से विवाह करना है तो इस्लाम क़ुबूल करना पड़ेगा... मरता क्या न करता... उसने यह शर्त मान ली... दोनों का निकाह हो गया... अब यह जोड़ा मुसलमान था...
अब मुश्किल यह थी कि लड़की का पिता ख़ुद धर्मांतरण के ख़िलाफ़ होने वाली मुहिमों में बढ़-चढ़कर शिरकत करता है... अब क्या होगा...? उसने कुछ हिन्दू मित्रों ने बात की और उनकी ही सलाह पर एक मन्दिर में जाकर हिन्दू रीति-रिवाज से एक बार फिर से दोनों का विवाह करा दिया गया... अब यह जोड़ा हिन्दू था...
लड़की अब अपनी हिन्दू ससुराल में है... ख़ास बात यह है कि अब दोनों में से कोई भी मज़हब को नहीं मानता...
कुछ अरसा पहले एक केन्द्रीय मंत्री के आवास पर लड़की के पिता से मिलना हुआ... बातचीत के दौरान हमने उनकी बेटी की खैरियत पूछी तो कहने लगे- अपनी ससुराल में बहुत ख़ुश है... ख़ास बात यह है कि पूजा-पाठ को लेकर उससे कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं की जाती... जैसा हमारे यहां है... हमारे परिवार में कोई हिन्दू लड़की आ जाती तो उसके "पक्का मुसलमान" बनाकर ही दम लेते... उनकी इस बात पर हमें हंसी आ गई और वो भी हंसने लगे... उन्होंने बताया कि दोनों ही अब किसी मज़हब को नहीं मानते... उन्होंने यह भी बताया कि उनके मुस्लिम दोस्त नाराज़ हो गए कि हमने तो लड़के को 'मुसलमान' बना दिया था... फिर क्यों उसे हाथ से जाने दिया...? आख़िर किसी हिन्दू को इस्लाम में लाने के लिए मिलने वाला 10 हज का सवाब जो ज़ाया (व्यर्थ) हो गया था...
हमने सोचा... लड़की और लड़के दोनों में ही एक-दूसरे के लिए त्याग का जज़्बा है... दोनों ने ही अपने साथी के लिए अपना मज़हब छोड़ा... ऐसे जोड़े तो विरले ही मिलते हैं... ख़ुदा (ईश्वर) इन्हें हमेशा ख़ुश रखे...आमीन..
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