सनातन धर्म के अध्ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to
जिस पुस्तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्दी रूपान्तर है, महान सन्त एवं आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी के धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन पर आधारति पुस्तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्त के प्रिय शिष्य एस. अब्दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्य जावेद अन्जुम (प्रवक्ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्तक के असल भाव का प्रतिबिम्ब उतर आए इस्लाम की ज्योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्दी प्रेमियों के लिए प्रस्तुत है, More More More
Monday, May 24, 2010
Mother ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की सोच फिर कितनी क़ीमती है मां ?
मां
ज़िन्दगी भर मगर हंसी है मां
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां
अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां
ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की
सोच फिर कितनी क़ीमती है मां
इसकी क़ीमत वही बताएगा
दोस्तो ! जिसकी मर गई है मां
रात आए तो ऐसा लगता है
चांद से जैसे झांकती है मां
सारे बच्चों से मां नहीं पलती
सारे बच्चों को पालती है मां
कौन अहसां तेरा उतारेगा
एक दिन तेरा एक सदी है मां
आओ ‘क़ासिम‘ मेरा क़लम चूमो
इन दिनों मेरी शायरी है मां
जनाब क़ासिम नक़वी साहब की पैदाइश ज़िला बुलन्दशहर के क़स्बा शिकारपुर से है । आपकी सुसराल मेरे पास के ज़िले ख़ास मुज़फ़्फ़रनगर में है और वे रहते अलीगढ़ में हैं । वे नौजवान हैं और उर्दू अदब की एक बेनज़ीर शख्सियत हैं । मैं एडिशनल एस पी साहब के आफ़िस में बैठा हुआ था कि वे आ गये और मुझे इन्वाइट करते हुए बोले कि 13 जून को उनकी बहन का निकाह है और मुझे आना है । खुद उनके निकाह में मैं बहुत दूर से मशक्क़त उठाकर पहुंचा था सो जाना तो अब भी लाज़िमी है क्योंकि वे फ़न ए शायरी में मेरे उस्ताद हैं । मैंने ‘मां‘ पर उनके अशआर सुने थे तब से ही उन्हें नोट कर लेना चाहता था और वह मौक़ा मालिक ने आज बख्शा था ।मां के ताल्लुक़ से उनके कुछ अशआर ‘रवासी अदब‘ के भी हैं जिन्हें मैं भाई ज़ीशान की ख़ातिर लिखना चाहता था लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोले कि इसे आम फ़हम ही रहने दो । तभी उन्हें किसी ने बुला लिया और वे एस.एस.पी. साहब को इन्वाइट करने के लिए चले गए ।
मैं किस ज़िले का रहने वाला हूं ?
और मेरी मुलाक़ात जनाब क़ासिम साहब से किस ज़िले के पुलिस मुख्यालय में हुई?
यह एक ऐसी पहेली है जिसे कोई अपरिचित कभी हल नहीं कर सकता । हां Man कर सकता है क्योंकि वह मुझसे मिल चुका है ।
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27 comments:
बुरा ना मानियेगा पर आज पहली बार यह ब्लॉग जमाल साहब देवबंदी का नहीं लगा
एक संवेदनशील बेटे, पति, पिता कुल मिला कर एक इंसां का लगा. नहीं तो हर पोस्ट में कुछ ना कुछ खुटका ही लगा रहता था कम से कम मुझे तो कि पाता नहीं क्या लिख कर क्या कहना चाहते है. +1
ज़ीशान भाई और भाई सहसपुरिया !
1-नेम और यू आर एल का आप्शन बन्द करके भला क्या फ़ायदा होगा ? ग़लत लोग तो बाक़ायदा ब्लॉग बनाकर टिप्पणियां करते हैं । हर हर महादेव , नन्दू गुजराती , फ़ौज़िया शर्मा , नितिन त्यागी , भरत भारती , परम आर्य , बरसाती लाल और भी न जाने कितने ही लोग बाक़ायदा ब्लॉग बनाकर आ धमकते हैं । जब मैं इन्हें नहीं रोक सकता तो बेचारे दूसरे लोगों का हक़ क्यों तल्फ़ करूं ?
2-किसान को पाक पानी के साथ साथ अच्छी फ़सल उगाने के लिए नापाक गोबर की भी ज़रूरत पड़ती है । मैं जिन सत्य विचार बीजों को ब्लॉगर्स के मन में रोप रहा हूं उनके लिए यह सब खाद की तरह काम करते हैं ।
3- इनकी वजह से नाटकीयता और रोचकता बनी रहती है वर्ना ब्लॉगिंग बोर कर्म बनकर रह जाएगी ।
4- इन बेचारों के मन की भड़ास निकल जाती है और यह कुछ सुनने समझने के लायक़ बन जाते हैं । अगर मैं भी इनकी बकवास सुनने से इन्कार कर दूं तो फिर ये अपना दिल कहां हल्का करेंगे ?
5- एक वक्त वह भी आएगा जब ये मेरे लिए ढाल बनेंगे ।
मैं तो चीज़ों को अल्लाह की देन मानकर शुक्र अदा करता हूं ।
बाद ए मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ अक़ाब
ये हवाएं तुझे उंचा उठाने के लिए हैं
आप सभी से दुआ की दरख्वास्त है
ok As u like
good ghazal
DR. ANWER JAMAL, There is a filthy comment using your blog ID on my blog. In fact 2 comments. U do not appear to person of that nature. Just ensure that your ID is not hacked!
मिस्टर मराठी ! आप भी अच्छी तरह जान लीजिये मैं इतना हौसला रखता हूं कि जिसे गालियां देना चाहूं अपने नाम से दे सकूं । आपके ब्लॉग पर जिसने भी यह घटिया हरकत की है उसने अपनी नीचता का ही परिचय दिया है । मेरे ब्लॉग पर तो काबा तक को गालियां दी गई हैं और देने वाला कोई और नहीं बल्कि ‘हर हर महादेव‘ ब्लॉग का स्वामी है जोकि आजकल मान बनकर एंज्वाय कर रहा है । मुझे शक है कि यह घटिया हरकत भी इसी आर्यसमाजीनुमा शूद्र या आपकी तरह के जाली राष्ट्रवादी की है । आप इस पर क़ानूनी कार्यवाही करें ताकि बाद जांच असली मुजरिम सामने आ जाये , और हां अपनी उस नीचता को मत भूल जाना जो आपने चमुपति बनकर मेरे ब्लॉग पर की थी और उसकी शिकायत मैंने आजतक आपसे नहीं की । अपना ज़र्फ़ देखो और हमारा भी देखो और फिर खुद को बुलन्द करने की कोशिश करो । इस ब्लागिंग की दुनिया में चिड़िया का दिल लेकर कैसे जी पाओगे ?
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां
अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां
बेहतरीन ग़ज़ल, बहुत खूब!
अनवर भाई, ऑप्शन बंद नहीं करना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन बेहूदा कमेंट्स को नष्ट अवश्य कर दिया करें. अल्लाह के रसूल (स.) ने हमें बेहूदा बातों से बचना और बचाना सिखाया है.
@ Shahnawaz Bhai !एक वक्त वह भी आएगा जब ये मेरे लिए ढाल बनेंगे ।
डॉक्टर साहब! आपकी पहेली के अन्दर कुछ और भी छुपा हुआ है. उम्मीद है समझने वाले समझ जायेंगे.
सारे बच्चों से मां नहीं पलती/सारे बच्चों को पालती है मां.....दिमाग़ी कसरत भी खूब है, मुझे लगता है अजय कुमार झा ने प्रोग्रेस कर ली होगी वी बतायेंगे आपकी मुलाक़ात जनाब क़ासिम साहब से किस ज़िले के पुलिस मुख्यालय में हुई?
ग़ज़ल दिल को छू गई.
4- इन बेचारों के मन की भड़ास निकल जाती है और यह कुछ सुनने समझने के लायक़ बन जाते हैं । अगर मैं भी इनकी बकवास सुनने से इन्कार कर दूं तो फिर ये अपना दिल कहां हल्का करेंगे ?
5- एक वक्त वह भी आएगा जब ये मेरे लिए ढाल बनेंगे ।
मैं तो चीज़ों को अल्लाह की देन मानकर शुक्र अदा करता हूं ।
बाद ए मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ अक़ाब
ये हवाएं तुझे उंचा उठाने के लिए हैं
आप सभी से दुआ की दरख्वास्त
एक किरदारे-बेकसी है मां
ज़िन्दगी भर मगर हंसी है मां
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां
अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां
ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की
सोच फिर कितनी क़ीमती है मां
इसकी क़ीमत वही बताएगा
दोस्तो ! जिसकी मर गई है मां
रात आए तो ऐसा लगता है
चांद से जैसे झांकती है मां
सारे बच्चों से मां नहीं पलती
सारे बच्चों को पालती है मां
कौन अहसां तेरा उतारेगा
एक दिन तेरा एक सदी है मां
आओ ‘क़ासिम‘ मेरा क़लम चूमो
इन दिनों मेरी शायरी है मां
एक किरदारे-बेकसी है मां
ज़िन्दगी भर मगर हंसी है मां
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां
अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां
ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की
सोच फिर कितनी क़ीमती है मां
इसकी क़ीमत वही बताएगा
दोस्तो ! जिसकी मर गई है मां
रात आए तो ऐसा लगता है
चांद से जैसे झांकती है मां
सारे बच्चों से मां नहीं पलती
सारे बच्चों को पालती है मां
कौन अहसां तेरा उतारेगा
एक दिन तेरा एक सदी है मां
आओ ‘क़ासिम‘ मेरा क़लम चूमो
इन दिनों मेरी शायरी है मां
अमित शर्मा जी यहाँ तो हमेशा से इंसानियत ही बरसती थी आप के देखने का फ़र्क था आप जो देखना चाहते थे वोह आपको dikhaaye दे रहा था किर्पया तास्सुब से निकल कर देखो दुनिया बहूत बड़ी है
@ जमाल भाई
ये mr . मराठी के नाम जो आपने सन्देश दिया है , कहीं आप मुझे तो नहीं समझ रहे mr . मराठी , क्योंकि मैंने आपसे मेरे ब्लॉग पे आपके नाम से किये गए comment के बारे में आपसे पूछा था ,शीघ्र से शीघ्र स्तिथि clear करें ,
अगर हाँ तो मैं आपको बता दूं की मैं मराठी नहीं हूँ, और ना ही महाराष्ट्र से belong करता हूँ, मैं हरियाणा से हूँ ,और ये किस नीचता की बात कर रहें हैं आप जिसकी शिकायत आपने आज तक नहीं की ?
जल्दी से जल्दी बताएं
@ जमाल भाई
ये mr . मराठी के नाम जो आपने सन्देश दिया है , कहीं आप मुझे तो नहीं समझ रहे mr . मराठी , क्योंकि मैंने आपसे मेरे ब्लॉग पे आपके नाम से किये गए comment के बारे में आपसे पूछा था ,शीघ्र से शीघ्र स्तिथि clear करें ,
अगर हाँ तो मैं आपको बता दूं की मैं मराठी नहीं हूँ, और ना ही महाराष्ट्र से belong करता हूँ, मैं हरियाणा से हूँ ,और ये किस नीचता की बात कर रहें हैं आप जिसकी शिकायत आपने आज तक नहीं की ?
जल्दी से जल्दी बताएं
@ जमाल भाई
ये mr . मराठी के नाम जो आपने सन्देश दिया है , कहीं आप मुझे तो नहीं समझ रहे mr . मराठी , क्योंकि मैंने आपसे मेरे ब्लॉग पे आपके नाम से किये गए comment के बारे में आपसे पूछा था ,शीघ्र से शीघ्र स्तिथि clear करें ,
अगर हाँ तो मैं आपको बता दूं की मैं मराठी नहीं हूँ, और ना ही महाराष्ट्र से belong करता हूँ, मैं हरियाणा से हूँ ,और ये किस नीचता की बात कर रहें हैं आप जिसकी शिकायत आपने आज तक नहीं की ?
जल्दी से जल्दी बताएं
@महक जी इस कमेँट मे आपको सम्बोधित नही किया गया है इस कमेँट का बैकग्राउँड जानने के लिए पिछली पोस्ट के कमेँट पढ़े।
डॉ. जमाल आप यु ही अँधेरे में तीर ना चलावो ,आप अँधेरे ही अँधेरे में हाथ पांव चला रहे हे ,आप को में स्पस्ट कर दू की सुरेश जी सर के ब्लॉग पर में ऐसी कमेन्ट नहीं कर सकता ...आप को मेरे से क्या इर्ष्य हे की बिना किसी बात के अपने ब्लॉग पर मान का is baat ka jimedaar bata diya
प्रिय एवं आदरनिये अयाज़ भाई
आपका बहुत-२ शुक्रिया मुझे सही बात तक पहुंचाने के लिए . आपके बताने पर मैंने पिछली पोस्ट पढ़ी और उससे मुझे पता लगा की इस कमेन्ट में सुरेश जी को संबोधित किया गया है ना की मुझे .
लेकिन वो व्यक्ति सुरेश जी नहीं हैं, वो वही कमीना व्यक्ति है जो की हम सबको आपस में लड़वाने का प्रयास कर रहा है .उसने मेरे ब्लॉग पर भी जमाल भाई के नाम से एक provocative comment किया लेकिन मैं समझ गया था की जमाल भाई ऐसा नहीं लिख सकते . मगर फिर भी मैंने शाहनवाज़ भाई और जमाल भाई से उसे confirm करने की कोशिश की .लेकिन जमाल भाई का ये वाला reply देखकर मुझे confusion हुई की कहीं जमाल भाई ये सब मेरे बारे में तो नहीं लिख रहें हैं क्योंकि मैंने उनसे उनके नाम से आये हुए मेरे blog पर comments के विषय में पूछा था .
ये व्यक्ति जो भी है जमाल भाई एवं सुरेश जी की लेखन शैली से भली भांति परिचित है और मुझे तो ये अपने बीच के ही टिप्पणीकर्ताओं में से किसी का काम लगता है जो की दोनों ब्लोग्स को काफी समय से follow कर रहा है .खैर पाप कितनी भी कोशिश क्यों ना कर ले वो हमेशा पुण्य से पराजित होगा .एक बार फिर से आपको धन्यवाद confusion को दूर करने के लिए .
जय हिंद
महक
प्रिय पाठकों एवं मित्रों,
गत दो दिनों से कोई फ़र्जी आईडी बनाकर मेरे नाम से और अनवर जमाल के नाम से कमेंट कर रहा है, लेकिन चूंकि उसकी भाषा, वर्तनी और लेखन बहुत अशुद्ध और भद्दा है इसलिये वह तुरन्त पहचान में आ जाता है। फ़िलहाल मैंने वह अश्लील कमेण्ट डिलीट कर दिये हैं लेकिन वह फ़र्जी ऐसी कोशिश दोबारा भी कर सकता है…
फ़िर भी मित्रों और पाठकों को सावधान करने के लिये बताना चाहता हूं कि यदि मेरे नाम से (अथवा किसी और के नाम से भ) लिखे गये अश्लील और भद्दे कमेण्ट को देखें तो तड़ से इस नतीजे पर न पहुँचें कि वह कमेण्ट सम्बन्धित व्यक्ति ने ही किया होगा। फ़र्जी की पहचान करने का एक तरीका है तस्वीर पर राइट क्लिक करके ब्लॉगर प्रोफ़ाइल देखें, मेरे प्रोफ़ाइल में आपको Blogger Since January 2007 लिखा दिखाई देगा, जबकि फ़र्जी वाले की फ़ोटो पर क्लिक करने से May 2010 दिखा रहा है।
अतः भविष्य में यदि घटिया भाषा वाली टिप्पणी देखें तो सावधान रहें, क्योंकि भाषा, वर्तनी, व्याकरण और लेखन सम्बन्धी मेरा पिछले 3 वर्ष का ब्लॉगिंग रिकॉर्ड बेदाग रहा है… अतः पाठक भ्रमित ना हों… मैं मॉडरेशन का विरोधी रहा हूं, लेकिन कुछ लोग मुझे मजबूर कर रहे हैं कि मैं मॉडरेशन लगाना शुरु करूं…
मिस्टर मराठी ! आप भी अच्छी तरह जान लीजिये मैं इतना हौसला रखता हूं कि जिसे गालियां देना चाहूं अपने नाम से दे सकूं । आपके ब्लॉग पर जिसने भी यह घटिया हरकत की है उसने अपनी नीचता का ही परिचय दिया है । मेरे ब्लॉग पर तो काबा तक को गालियां दी गई हैं और देने वाला कोई और नहीं बल्कि ‘हर हर महादेव‘ ब्लॉग का स्वामी है जोकि आजकल मान बनकर एंज्वाय कर रहा है । मुझे शक है कि यह घटिया हरकत भी इसी आर्यसमाजीनुमा शूद्र या आपकी तरह के जाली राष्ट्रवादी की है । आप इस पर क़ानूनी कार्यवाही करें ताकि बाद जांच असली मुजरिम सामने आ जाये , और हां अपनी उस नीचता को मत भूल जाना जो आपने चमुपति बनकर मेरे ब्लॉग पर की थी और उसकी शिकायत मैंने आजतक आपसे नहीं की । अपना ज़र्फ़ देखो और हमारा भी देखो और फिर खुद को बुलन्द करने की कोशिश करो । इस ब्लागिंग की दुनिया में चिड़िया का दिल लेकर कैसे जी पाओगे ?
@ अनवर जमाल - आपका ये संबोधन मिस्टर मराठी या ठाकरे प्रेमी अत्यन्त हास्यास्पद है. मैं भी आपको लादेन-प्रेमी या मिस्टर जेहादी कहूं तो कैसा रहेगा? खासकर कि अब आप ये कमेन्ट कर रहे है जब कि मैं स्पष्ठीकरण दे चूका हूँ कि ये हरकत किसी फर्जी ब्लॉगर की है जिसने मेरे प्रोफाइल जैसी प्रोफाइल बना रखी है.
@ सुरेश जी और अनवर जमाल जी आप दोनों तथ्यों के साथ पुलिस में शिकायत जरूर कराएँ जिससे इस शख्स की पहचान हो सके / आप लोग FIR की कांपी को तथ्यों के साथ पोस्ट पर भी डाल दें साथ में उस क्षेत्र के पुलिस अधिकारी का इ.मेल और फोन नंबर भी पोस्ट पर डाल दें / जिससे हम सब ब्लोगर ,आपके क्षेत्र के पुलिस के उच्च अधिकारीयों को कार्यवाही के लिए इ.मेल और फोन कर आग्रह और दवाब बना सकें / आखिर हमलोगों की एकजुटता कब काम आएगी /
भाइयो ऊपर के तीनो कमेँट फर्जी है जो कि सुरेश जी और अनवर साहब के नाम से एक ही व्यक्ति ने किए है ये कमीना व्यक्ति भ्रम फैलाना चाहता है और खुद को ही कमीना बताकर अपनी असलियत छिपाना चाहता है
gr8!!!
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