सनातन धर्म के अध्ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to
जिस पुस्तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्दी रूपान्तर है, महान सन्त एवं आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी के धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन पर आधारति पुस्तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्त के प्रिय शिष्य एस. अब्दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्य जावेद अन्जुम (प्रवक्ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्तक के असल भाव का प्रतिबिम्ब उतर आए इस्लाम की ज्योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्दी प्रेमियों के लिए प्रस्तुत है, More More More
Tuesday, June 8, 2010
The result of patience सब्र का फल
नफरत में आदमी अंधा हो जाता है । वह wise planning नहीं कर पाता । सब्र करने वाला wise planning करने की हालत में होता है । मुसीबत का खात्मा सब्र से होता है । जबकि नफरत मुसीबतों को और बढ़ा देती है । - मौलाना वहीदुददीन खाँ
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18 comments:
(१) संतोषं परमं सुखम् ।
(२) धीरज धरम मित्र अरु नारी,
आपद काल परखिये चारी ।
(गोस्वामी तुलसीदास)
RELIGION IS THE OPIUM OF MASS
@ माधव - जिसने रेलिजन को अफीम कहा उसने और भी बड़े-बड़े 'सिद्धान्त' दिये थे - वे सौ-डेढ़ सौ वर्षों के अन्दर ही 'फेल' हो गये।
क्या खूब कहा मौलाना ने अन्धा आदमी wise planning नहीं कर पाता
वाकई नफरत में अन्धा wise planning नहीं कर सकता,
गिरि जी का सौभाग्य वह ऐसे ज्ञानी पुरूष की महफिल में शरीक हो सके
आज की पोस्ट Nice post.
मुख्तसर लिखा ,अच्छा लिखा
Good
Nice Post to be followed
उम्दा जानकारी
वाकई सब्र मे बड़ी ताकत है
call me
1280912809
indonesia
vaqi sabr men badi taqat he
GOOD POST
अगर आप को सुकून चाहिए तो सब्र करो ,अगर सब्र चाहिए तो इस्लाम क़ुबूल करो |
आतिर भाई ! क्या आज आप करेले के बजाय जलेबी खाकर बोल रहे हो ?
अनवर जी आपने छोटी सी बात में बड़ा सन्देश दे दिया है....
लेकिन आपके लेख तो हमेशा बड़े होते हैं, फिर आज इतना छोटा सा क्यों?
;-)
great!!!!!!!!
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