सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Sunday, June 6, 2010

Power of patience सब्र की ताक़त के बारे में जाना दिल्ली ब्लोगर मजलिस ने

मेरे अलावा डॉ अयाज़, मास्टर अनवार, भाई शाहनवाज़ भी मौजूद थे और मानो या ना मानो अथवा आश्चर्य जनक किंतु सत्य की उक्ति को चरितार्थ करते हुए मेरे साथ भाई तारकेश्वर गिरी जी भी वहां तशरीफ फर्मा थे। पूरा वक्त बेहतरीन और यादगार गुज़रा। मेरे साथ के लोग इसके गवाह हैं।

सब्र की ताक़त के बारे में जाना दिल्ली ब्लोगर मजलिस ने

बेशक परमेश्वर सब्र करने वालों के साथ है। -   अलकुरआन

मौलाना वहीदुददीन ख़ान साहब ने अरबी में आयत पढ़ने के बाद उसका अर्थ बताने के बाद कहा कि जान लो कामयाबी सब्र के साथ है। जब इनसान सब्र करता है तो सारी नेचुरल फ़ोर्सेज़ उसे सपोर्ट करती हैं जैसे कि वे किसी चोट का हील करने में करती हैं।

एक पश्चिमी स्कॉलर ने एक किताब ‘द हन्ड्रेड‘ लिखी। उसने दुनिया के सौ कामयाब लोगों की सूची बनाई तो उसने सबसे ऊपर पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद स. का नाम रखा। उसने उनकी कामयाबी का राज़ नहीं लिखा।
पैगम्बर स. की पूरी ज़िंदगी सब्र का बेहतरीन नमूना है। उनकी कामयाबी के पीछे सब्र की ताकत है।

कुरआन में आया है कि:

सब्र करने वाले अनलिमिटेड बदला पाएंगे।

यह खुशखबरी सिर्फ सब्र के लिए दी गई है। ऐसी खुशखबरी नमाज़, रोज़ा और हज के बारे में नहीं दी गई है।

आज सुबह 10.30 बजे शुरू होने वाली इस क्लास में हर एक धर्म मत के औरत मर्द शामिल थे। ब्लॉग जगत से मेरे अलावा डॉ अयाज़, मास्टर अनवार और भाई शाहनवाज़ सिद्दीकी प्रेम रस लुटाते हुए मौजूद थे और मानो या ना मानो अथवा आश्चर्य जनक किंतु सत्य की उक्ति को चरितार्थ करते हुए मेरे साथ भाई तारकेश्वर गिरी जी भी वहां तशरीफ फर्मा थे। पूरा वक्त बेहतरीन और यादगार गुज़रा। मेरे साथ के लोग इसके गवाह हैं।




21 comments:

MLA said...

Kya Bat hai???

Anwar Sahab,

Delhi mei the to hame bhi bula lete. Ham bhi Delhi mei hi rehte hai.

MLA said...

Ap or Giri sahab mast lag rahe ho. Achha hai duria kam aur pyar zyada ho.

Congratulations!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

आपका अख्तर खान अकेला said...

pyaar or sdbhaav ki yeh misaal maashaa alllah allah nzr nhin lgaaye khudaa kre yeh chln pure desh men ho hinu pdhe quraan muslmaan pdhe ved gitaa or mere desh men bs aap jesaa pyaar hi pyaar ho . akhtar khan akela kota rajsthan bhaai kbhi kbhaar hmaare blog akhtarkhanakela.blogspot.com ko chkh kr nmk mirchi kaa test kesaa he gyaan baant diyaa kro.

शेखचिल्ली का बाप said...

Aman yaar ye ulti Ganga kaise beh rahi hai ?

zeashan haider zaidi said...

निस्संदेह सबसे बड़ी ताक़त सब्र की है. और इसका सुबूत है कर्बला!

Shah Nawaz said...

बहुत ज़बरदस्त और कामयाब रही यह छोटी सी ब्लोगर सम्मलेन. और मौलाना वहीदुद्दीन के विचार तो सचमुच अद्भुद थे. सबकुछ सपने जैसा लग रहा है, यकीन ही हो रहा है. वाकई मौलाना जादुई तक़रीर करते हैं.

मेरे पास एक ही लफ्ज़ है और वह है ज़बरदस्त!

Shah Nawaz said...

सब लोगो से पहली बार मिलना भी अद्भुद था. मैंने शाहदरा स्टेशन पर डॉ अयाज़ को खड़ा देखा और देखते ही पहचान गया, उसके बाद डॉ अनवर तथा बाद में तारकेश्वर जी को मैंने देखते ही पहचान लिया. :-)

रात को जब अनवर भाई का फ़ोन आया था तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ था, कि वह और तारकेश्वर गिरी साहब एक साथ कहीं चल रहे हैं. उन्हें कहा तो मैं भी झट से तैयार हो गया. और यकीनन यह एक अच्छी मीटिंग थी.

Mohammed Umar Kairanvi said...

भाई अनवर साहब अब तो ब्‍लागजगत भी गवाह है गिरी जी आपके साथ थे, इन्‍शा अल्‍लाह उनके साथ कभी गंगा में नहाने की उनकी इच्‍छा भी पूरी हो जायेगी, बहुत सी बाते हैं शायद प्रेम रस वाला भाई पढवायेगा कि कैसे यह अच्‍छी मीटिंग थी

आतिर कड़वा said...

beshak allah shabr karne walo ke sath he.

आतिर कड़वा said...

mashaallah आप लोगों के पेट को देखकर ऐसा लगता है कि मौलाना साहब का दिया हुवा सारा इल्म आप लोगों के पेट में भरा हुवा है |

आतिर कड़वा said...

माफ़ करना में अपनी आदत से मजबूर हूँ |

Ayaz ahmad said...

अभी अभी वापस घर पहुँचा पोस्ट देखी। दिल एक बार फिर बाग बाग हो गया । अभी तो मिलने की खुशी ही कम नही हुई थी गिरी जी शाहनवाज़ जी अनवर जी और मास्टर अनवार जी की बातें अब भी कानों मे मिठास घोल रही है और मौलाना का बयान तो कमाल का था

Taarkeshwar Giri said...

ISlam ki sahi paribhasha kya hoti hai iski adbhut jankari mili maulana ji ke class se. Aur jankar ke bahut hi dukh hua ki logo ne islam ke matlab ko bigad karke rakha hua hai.

Anwar Jamal Ji, Ayaz Ji, Master Anwar Ji aur Sahnawaj bhi se milkar ke bahut hi kushi hui.

Is class aur meeting ka pura vivaran main apni post main dunga.

Satish Saxena said...

आज का लेख आश्चर्यजनक तौर पर सुखद रहा मेरी सादर शुभकामनायें स्वीकार करें डॉ अनवर जमाल ! तारकेश्वर जी के साथ आपको देखना वाकई अच्छा लगा ! इस्लाम की खूबसूरती के बारे में कोई शक किसी भी समझदार को नहीं होना होना चाहिए बात सिर्फ अशिक्षा और इस्लाम को गलत पारिभाषित करने वालों की है ! ऐसे लोगो ने इस्लाम का बहुत नुकसान किया है मगर मौलाना वहीदुद्दीन खान साहब जैसे बेहतरीन विद्वान् मौजूद हैं इस देश में ! अंततः शुभ होगा और हमारे दोनों धर्मों के मध्य स्नेह धरा बहेगी ऐसा मेरा विश्वास है ! मौलाना जी से मिलने की इच्छा है ...
काश मैं भी होता ....

Mahak said...

अच्छा है दूरियाँ कम और प्यार ज्यादा हो .

Congratulations!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

बाकी सब को तो पहचान गए लेकिन हर तस्वीर में ये बिलकुल बाईं तरफ जो सज्जन हैं ये कौन हैं ,इन्हें पहली बार देखा है, कृपया इनका परिचय भी करवाएं

Ayaz ahmad said...

@महक जी ये बाएँ तरफ मास्टर अनवार साहब है ये जल्द ही एक ब्लागर के रूप मे आपके सामने होंगे

Ayaz ahmad said...

@सतीश सक्सेना जी अचानक बने प्रोग्राम की वजह से बहुत सारे लोग इसमे शरीक नही हो सके अगली बार जल्द ही आप सबसे मुलाकात होगी ।

बगावत सिंह said...

वाह बच्चों आज इस बूढे के दिल को सुकून मिल गया ...तुम लोगों ने उन सबके मुंह पर करारा तमाचा रसीद किया है जो धर्म के नाम पर यहां सबको लडाने भिडाने में लगे थे । अब इसी तरह ये भाईचारा कायम रखना ।

Mahak said...

@अयाज़ भाई

जानकारी के लिए धन्यवाद

महक

DR. ANWER JAMAL said...

गिरी जी, जिगर ही नहीं बल्कि दिल भी बहुत बड़ा रखते हैं। कार से उतरते ही मुझे बड़ी गर्मजोशी से लिपटा लिया। इस यात्रा का ज़िक्र उनकी क़लम से आ जाये इसीलिए मैंने ज़्यादा नहीं लिखा। वोट मैं कर नहीं पा रहा हूं। ख़ैर अगली पोस्ट पर करूंगा ।

HAKEEM YUNUS KHAN said...

Nice Post .