सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



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Tuesday, August 17, 2010

Real sence of Dharma एक है धर्मसार है - Anwer Jamal

वेदसार ब्रह्मसूत्र-
एकम् ब्रह्म द्वितीयो नास्ति, नेह, ना, नास्ति किंचन।
अर्थात ब्रह्म एक है दूसरा नहीं है, नहीं है, नहीं है, किंचित मात्र नहीं है।
कुरआन का सार कलिमा ए तय्यबा है जिसका अव्वल हिस्सा  यह है-
ला इलाहा इल-लल्लाह
अर्थात अल्लाह के सिवाय कोई वंदनीय-उपासनीय नहीं है।

एक ही अजन्मे, अविनाशी सृष्टिकर्ता को संस्कृत में ‘ब्रह्म’ और अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ कहा जाता है। शांति स्वरूप और अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ कहा जाता है। शांतिस्वरूप और अस्सलाम भी उसी के सगुण नाम हैं। उस मालिक का नाम लेने वालों के मिज़ाज में भी शान्ति और सलमाती झलकनी चाहिये जो कि धर्म का मूल है और ‘इस्लाम’ का तो धात्वर्थ ही शांति है।

ईश्वर और धर्म शांति का स्रोत हैं।



आइये, शांति पाएं, शांति फैलाएं।।