सनातन धर्म के अध्‍ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अ‍ाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to

जिस पुस्‍तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्‍दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्‍दी रूपान्‍तर है, महान सन्‍त एवं आचार्य मौलाना शम्‍स नवेद उस्‍मानी के ध‍ार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन पर आधारति पुस्‍तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्‍मक अध्‍ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्‍त के प्रिय शिष्‍य एस. अब्‍दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्‍य जावेद अन्‍जुम (प्रवक्‍ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्‍तक के असल भाव का प्रतिबिम्‍ब उतर आए इस्लाम की ज्‍योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्‍दी प्रेमियों के लिए प्रस्‍तुत है, More More More



Wednesday, July 14, 2010

A thought on blog parliament शराब और तवायफ़ों के अड्डे इस पाक ज़मीन पर कौन चला रहा है ? इन सब हालात को जो महापुरूष सुधार सकते थे, सही मार्ग दिखा सकते थे उनके जीवन चरित्र को ही बिगाड़ दिया गया है। उन्हें जार, चोर, शराबी, धोखेबाज़ और ज़ालिम लिख दिया।-Anwer Jamal

क़ाबिल ए क़द्र, जनाब भाई महक साहब! आप देश की व्यवस्था के बारे में चिंतित हैं। बहुत सही चिंता है आपकी। आपने रोहतक से दिल्ली का सफ़र किया और देखा कि महान भारत के लोगों को सफ़र करने के सामान्य नियमों का पालन करने तक में कोई दिलचस्पी नहीं है। धक्का मुक्की और बदतमीज़ी आम है जबकि दूसरी तरफ़ जनाब सतीश सक्सेना जी ने विदेशी ट्रेन में सफ़र किया तो उन्हें लोगों की तो क्या ट्रेन की भी आवाज़ नहीं आई। इसके बावजूद इस देश के लोग यूरोप को संस्कारविहीन समझते और कहते हैं। कहीं खड़े होने के लायक़ तक नहीं हैं और खुद को महान घोषित कर लिया। भारत तो बेशक महान है लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इस महान देश के अनुरूप आचरण करते हैं।
शराब और तवायफ़ों के अड्डे इस पाक ज़मीन पर कौन चला रहा है ?
फ़िल्म कलाकारों और मॉडल्स के अधनंगे नाच को कला का नाम किसने दिया ?
कालाबाज़ारी और मिलावट कौन कर रहा है ?
पेट में ही कन्या भ्रूण हत्या कौन कर रहा है ?
और जो लड़कियां जन्म ले लेती हैं उन्हें स्कूल आते जाते कौन छेड़ता है ?
शिक्षित कन्याओं को उनके वर्क प्लेस पर क्या कुछ सहना पड़ता है यह कोई सायमा सहर से पूछे ?
विवाहित लड़की को अपना घर छोड़ने के बाद जो घर मिलता है उसे वह अपना घर मानकर भी मान नहीं पाती ?
हरेक रिश्ते पर दौलत और लालच हावी हो चुका है। मां बाप आज ठोकरें खा रहे हैं। इन सब हालात को जो महापुरूष सुधार सकते थे, सही मार्ग दिखा सकते थे उनके जीवन चरित्र को ही बिगाड़ दिया गया है। उन्हें जार, चोर, शराबी, धोखेबाज़ और ज़ालिम लिख दिया। उनकी कथाएं बिगाड़ दीं, उनकी शिक्षाएं बिगाड़ दीं। उन्होंने अधर्म का नाश किया और आडम्बर का विरोध किया। उनके वचनों में ही अधर्म और आडम्बर समाहित कर दिया। ऐसा किसी एक के साथ नहीं किया बल्कि इस देश के हरेक महापुरूष के साथ यही किया गया। हज़ारों साल से बार बार यही किया गया यहां तक कि फिर इस देश में ‘ईशवाणी‘ के अवतरण का सिलसिला ही रूक गया। फिर बुद्ध और महावीर जैसे महान दार्शनिकों ने सुधार का बीड़ा उठाया लेकिन उनके साथ भी वही किया गया जो कि हमेशा से सुधारकों के साथ किया जाता रहा है। आज इनकी शिक्षाओं का मौलिक रूप लुप्त हो चुका है।
सुधार के लिए ज़रूरत है
उसूलों की और एक आदर्श महापुरूष की, जिसका जीवन चरित्र सुरक्षित हो। सभी महापुरूषों की जीवनी पढ़िये और देखिये कि यह ज़रूरत किस महापुरूष से पूरी हो रही है और जब यह ज़रूरत पूरी हो जाये तो बस फिर उसका अनुसरण कीजिये। बस इतना सा काम करना है और लीजिये हो गया आपकी हरेक समस्या का समाधान।
अगर लोग इतना सा काम न कर सकें तो फिर किसी भी समस्या से मुक्ति मिलने वाली नहीं है। जब असली पार्लियामेंट मसलों को हल नहीं कर पा रही है तो फिर यह ‘ब्लॉग पार्लियामेंट‘ ही मसलों को कैसे हल कर पाएगी ?
ऐसा मेरा विचार है। इसके बावजूद कुछ न करने से कुछ करना बेहतर होता है इसलिए आप जो भी पॉज़िटिव काम करेंगे, हम आपका साथ देंगे। सम्मिलित होने से पहले मैं अपने
ब्लॉग गुरू श्री श्री 801 सारथि जी महाराज से परामर्श करना चाहूंगा।
आप इस विचार को जनाब शरीफ़ ख़ान साहब के सामने भी रख सकते हैं। वे भी समाज में सुधार के इच्छुक हैं। पिछली पोस्ट पर उनका कमेंट भी है।
इतने अच्छे और मौलिक प्रस्ताव के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपको तो वैसे भी मेरा ही उदारवादी चेहरा तक समझ लिया गया था। आपमें और मुझमें कुछ ज़्यादा ही साम्य है। मालिक आपका उत्साह बनाये रखे और आपको मंज़िल तक पहुंचाये।
यह विचार मैंने जनाब महक जी के प्रस्ताव पर व्यक्त किये जोकि निम्नवत है। इस पर आप लोग भी विचार करें और अपनी बेहतर राय से आगाह करें।
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Mahak said...

Part 1of 4
बहुत दिनों से एक विचार मेरे मन की गहराइयों में हिलोरे खा रहा था लेकिन उसे मूर्त रूप प्रदान करने के लिए आप सबका सहयोग चाहिए इसलिए उसे आप सबके समक्ष रखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था की पता नहीं कहीं वो असफल और अस्वीकार ना हो जाए लेकिन तभी ये विचार भी आया की बिना बताये तो स्वीकार होने से रहा इसलिए बताना ही सही होगा .
दरअसल जब भी मैं इस देश की गलत व्यवस्था के बारे में कोई भी लेख पढता हूँ, स्वयं लिखता हूँ अथवा किसी से भी चर्चा होती है तो एक अफ़सोस मन में होता है बार-2 की सिर्फ इसके विरुद्ध बोल देने से या लिख देने से क्या ये गलत व्यवस्थाएं हट जायेंगी , अगर ऐसा होना होता तो कब का हो चुका होता , हम में से हर कोई वर्तमान भ्रष्ट system से दुखी है लेकिन कोई भी इससे बेहतर सिस्टम मतलब की इसका बेहतर विकल्प नहीं सुझाता ,बस आलोचना आलोचना और आलोचना और हमारा काम ख़त्म , फिर किया क्या जाए ,क्या राजनीति ज्वाइन कर ली जाए इसे ठीक करने के लिए ,इस पर आप में से ज़्यादातर का reaction होगा राजनीति !!! ना बाबा ना !(वैसे ही प्रकाश झा की फिल्म राजनीति ने जान का डर पैदा कर दिया है राजनीति में कदम रखने वालों के लिए ) वो तो बहुत बुरी जगहं है और बुरे लोगों के लिए ही बनी है , उसमें जाकर तो अच्छे लोग भी बुरे बन जाते हैं आदि आदि ,इस पर मेरा reaction कुछ और है आपको बाद में बताऊंगा लेकिन फिलहाल तो मैं आपको ऐसा कुछ भी करने को नहीं कह रहा हूँ जिसे की आप अपनी पारिवारिक या फिर अन्य किसी मजबूरी की वजह से ना कर पाएं, मैं सिर्फ अब केवल आलोचना करने की ब्लॉग्गिंग करने से एक step और आगे जाने की बात कर रहा हूँ आप सबसे
July 13, 2010 2:53 PM
Mahak said...
आप सोच रहे होंगे वो कैसे ,तो वो ऐसे जनाब की मैं एक साझा ब्लॉग (Common Blog ) create करना चाहता हूँ जिसका की मकसद होगा एक ऐसा मंच तैयार करना जिसपे की हम सब हमारे देश के वर्तमान सिस्टम की खामियों की सिर्फ आलोचना करने के साथ-२ उसका एक तार्किक और बढ़िया हल भी प्रस्तुत करें और उसे बाकायदा एक बिल के रूप में पास करें आपसी बहस और वोटिंग के द्वारा
इस पर आपका कहना होगा की क्या सिर्फ ब्लॉग जगत के द्वारा देश के लिए नए और बेहतर कानून और सिस्टम बनाने से और वो भी सिर्फ ब्लॉग पर पास कर देने से देश का गलत सिस्टम और भ्रष्ट व्यवस्था बदल जायेगी ? तो श्रीमान आपसे कहना चाहूँगा की ये मैं भी जानता हूँ की ऐसा नहीं होने वाला लेकिन ज़रा एक बात सोचिये की जब भी हममें से कोई इस भ्रष्ट और गलत व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाता है या भविष्य में भी कभी उठाएगा तो जब इस गलत व्यवस्था के समर्थक हमसे पूछेंगे की -" क्या तुम्हारे पास इससे बेहतर व्यवस्था का प्लान है ?,अगर है तो दिखाओ " , तो क्या आपको नहीं लगता की हमारे पास पहले से वो सही सिस्टम होना तो चाहिए जो उस समय हम उनके सामने पेश कर सकें ,एक बार हम एक सही व्यवस्था का खाका तैयार करने में कामयाब हो गए तो वो दिन दूर नहीं होगा जब हम इसे पूरे देश के सामने भी पेश करेंगे और देश हमारा साथ देगा और इस पर मोहर लगाएगा .
इसीलिए मेरी आप सबसे प्रार्थना है की इसमें सहयोग करें , मैं आपसे आर्थिक सहयाग मतलब रुपया ,पैसे का सहयोग नहीं मांग रहा बल्कि आपसे बोद्धिक सहयोग चाह रहा हूँ ,
हमारे इस common BLOG का नाम होगा
"BLOG Parliament - Search for a right system & laws for the country "
http://blog-parliament.blogspot.com/
इसके मुख्यतः 3 चरण होंगे
1 . अपने बिल अथवा प्रस्ताव की प्रस्तुति और उसपे बहस
2 . उस प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में वोटिंग
3 . Majority वोटिंग के हक में प्रस्ताव का पास होना अथवा reject होना
July 13, 2010 2:54 PM
Mahak said...
आप सबसे यही सहयोग चाहिए की आप सब इसके मेम्बर बनें,इसे follow करें और प्रत्येक प्रस्ताव के हक में या फिर उसके विरोध में अपने तर्क प्रस्तुत करें और अपना vote दें
जो भी लोग इसके member बनेंगे केवल वे ही इस पर अपना प्रस्ताव पोस्ट के रूप में publish कर सकते हैं जबकि वोटिंग members और followers दोनों के द्वारा की जा सकती है . आप सबको एक बात और बताना चाहूँगा की किसी भी common blog में members अधिक से अधिक सिर्फ 100 व्यक्ति ही बन सकते हैं ,हाँ followers कितने भी बन सकते हैं
तो ये था वो सहयोग जो की मुझे आपसे चाहिए ,
मैं ये बिलकुल नहीं कह रहा हूँ की इसके बदले आप अपने-२ ब्लोग्स लिखना छोड़ दें और सिर्फ इस पर ही अपनी पोस्ट डालें , अपने-2 ब्लोग्स लिखना आप बिलकुल जारी रखें , मैं तो सिर्फ आपसे आपका थोडा सा समय और बौद्धिक शक्ति मांग रहा हूँ हमारे देश के लिए एक बेहतर सिस्टम और न्याय व्यवस्था का खाका तैयार करने के लिए
1. डॉ. अनवर जमाल जी
2. सुरेश चिपलूनकर जी
3. सतीश सक्सेना जी
4. डॉ .अयाज़ अहमद जी
5. प्रवीण शाह जी
6. शाहनवाज़ भाई
7. जीशान जैदी जी
8. पी.सी.गोदियाल जी
9. जय कुमार झा जी
10.मोहम्मद उमर कैरान्वी जी
11.असलम कासमी जी
12.राजीव तनेजा जी
13.देव सूफी राम कुमार बंसल जी
14.साजिद भाई
15.महफूज़ अली जी
16.नवीन प्रकाश जी
17.रवि रतलामी जी
18.फिरदौस खान जी
19.दिव्या जी
20.राजेंद्र जी
21.गौरव अग्रवाल जी
22.अमित शर्मा जी
23.तारकेश्वर गिरी जी
( और भी कोई नाम अगर हो ओर मैं भूल गया हों तो मुझे please शमां करें ओर याद दिलाएं )
मैं इस ब्लॉग जगत में नया हूँ और अभी सिर्फ इन bloggers को ही ठीक तरह से जानता हूँ ,हालांकि इनमें से भी बहुत से ऐसे होंगे जो की मुझे अच्छे से नहीं जानते लेकिन फिर भी मैं इन सबके पास अपना ये common blog का प्रस्ताव भेजूंगा
common blog शुरू करने के लिए और आपको उसका member बनाने के लिए मुझे आप सबकी e -mail id चाहिए जिसे की ब्लॉग की settings में डालने के बाद आपकी e -mail ids पर इस common blog के member बनने सम्बन्धी एक verification message आएगा जिसे की yes करते ही आप इसके member बन जायेंगे , प्रत्येक व्यक्ति member बनने के बाद इसका follower भी अवश्य बने ताकि किसी member के अपना प्रस्ताव इस पर डालते ही वो सभी members तक blog update के through पहुँच जाए ,अपनी हाँ अथवा ना बताने के लिए मुझे please जल्दी से जल्दी मेरी e -mail id पर मेल करें
mahakbhawani@gmail.com
July 13, 2010 2:55 PM
Mahak said...
हमारे इस common blog में प्रत्येक प्रस्ताव एक हफ्ते के अंदर अंदर पास किया जायेगा , Monday को मैं या आप में से इच्छुक व्यक्ति अपना प्रस्ताव पोस्ट के रूप में डाले ,Thursday तक उसके Plus और Minus points पर debate होगी, Friday को वोटिंग होगी और फिर Satuday को votes की गणना और प्रस्ताव को पास या फिर reject किया जाएगा वोटिंग के जरिये आये हुए नतीजों से
आप सब गणमान्य ब्लोग्गेर्स को अगर लगता है की ऐसे कई और ब्लोग्गेर्स हैं जिनके बौधिक कौशल और तर्कों की हमारे common ब्लॉग को बहुत आवश्यकता पड़ेगी तो मुझे उनका नाम और उनका ब्लॉग adress भी अवश्य मेल करें ,मैं इस प्रस्ताव को उनके पास भी अवश्य भेजूंगा .
तो इसलिए आप सबसे एक बार फिर निवेदन है इसमें सहयोग करने के लिए ताकि आलोचना से आगे भी कुछ किया जा सके जो की हम सबको और ज्यादा आत्मिक शान्ति प्रदान करे
इन्ही शब्दों के साथ विदा लेता हूँ
जय हिंद
महक
July 13, 2010 2:55 PM

28 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

प्रिय प्रवीण जी ! मैंने आपसे जिस पोस्ट पर रौनक़ अफ़रोज़ होने की बात कही थी वह यह है ,The existence of God प्रकृति के किसी भी तत्व में ‘माइंड‘ नहीं पाया जाता, फिर प्रकृति में योजना और संतुलन कैसे पाया जाता है ? इसमें आपके कमेंट का लिंक भी है। बराय मेहरबानी आप अपना फ़ोन नम्बर और ईमेल एड्रेस भेज दें ताकि आपसे कोई बात कहनी हो या कुछ पढ़वाना हो तो लिंक भेजा जा सके और एस एम एस किया जा सके।
धन्यवाद
http://vedquran.blogspot.com/2010/07/he-existence-of-god-anwer-jamal.html

Shah Nawaz said...

Nice Post... Mahak ji ka achha prayas.

प्रवीण said...

.
.
.

आदरणीय डॉ० अनवर जमाल साहब,

तो यह बात है, अभी जाता हूँ उस पोस्ट पर...
इ-मेल व फोन नं० मैं इसलिये नहीं देना चाहता क्योंकि मैं चाहता हूँ कि ब्लॉगरों के बीच जो भी संवाद हो...वह खुला, साफ-साफ और सार्वजनिक हो... जो पोस्ट और कमेंट के माध्यम से ही चलना चाहिये... उम्मीद है आप समझेंगे व अन्यथा नहीं लेंगे।

आभार!

Mohammed Umar Kairanvi said...

भाई अनवर आपके गुरू को तो अच्‍छी महक उध्रर फोरन खेंच ले गयी थी, मसरूफ था इस लिये आपको न बता सका,यह सोचकर भी सुस्‍ती रही कि मेरे से अधिक आपका महक जी से संवाद बना हुआ है

बडी वजह यह थी के सोचता था अपनी मण्‍डली को देख कर दूसरे भाग न जायें इस लिये पहले महान हस्तियों को आ लेने दो

दिली खाहिश तो है कि आप जल्‍द पहुचें गिरि जी जैसे भाईयों के साथ एक मंच पर देशहित में कुछ साझा करेंगे

Mohammed Umar Kairanvi said...

भाई अनवर आपके गुरू को तो अच्‍छी महक उध्रर फोरन खेंच ले गयी थी, मसरूफ था इस लिये आपको न बता सका,यह सोचकर भी सुस्‍ती रही कि मेरे से अधिक आपका महक जी से संवाद बना हुआ है

बडी वजह यह थी के सोचता था अपनी मण्‍डली को देख कर दूसरे भाग न जायें इस लिये पहले महान हस्तियों को आ लेने दो

दिली खाहिश तो है कि आप जल्‍द पहुचें गिरि जी जैसे भाईयों के साथ एक मंच पर देशहित में कुछ साझा करेंगे

Mohammed Umar Kairanvi said...
This comment has been removed by the author.
सहसपुरिया said...

चलिए आप भी कोशिश कर लीजिए,
जब दीवार मै इतने सिर लगेगें, दीवार अगर टूटी भी ना तो कम से कम अपना सिर ही टेस्ट हो जाएगा. उम्मीद पर दुनिया क़ायम है....

झंडागाडू said...

डाक्टर अनवर साहब जब आप यहाँ आयें तो मुझे जरुर खबर दें मैं आप से मिलना चाहिता हूँ

Ayaz ahmad said...

भाई झंडागाड़ू आप कौन है कृप्या अपना परिचय तो कराएँ

Taarkeshwar Giri said...

Very Nice , Ab Haridwar Jane Ka samay aa raha hai.

Mahak said...

@आदरणीय ,प्रिय एवं गुरुतुल्य अन्वेर जमाल जी

देर से आने के लिए माफ़ी चाहूंगा लेकिन क्या करता कल रात के 10 बजे से यहाँ पर बिजली नहीं है और रात के करीब 1 बजे हमारा inverter भी परलोक सिधार गया ,आज सुबह 12 बजे बिजली आई लेकिन उसके बाद भी हर 20 minute में जाती रही ,अब जाकर के यहाँ पर बिजली की उपस्तिथि में कुछ स्थिरता आई है
मुझे मेरे साझा ब्लॉग के प्रस्ताव पर आपके जवाब का बेसब्री से इंतज़ार था , जवाब पढ़कर थोड़ी निराशा ज़रूर हुई लेकिन जैसे ही आपके गुरुदेव के नाम से दिया हुआ लिंक खोला तो निराशा हार्दिक प्रसन्नता में बदल गयी ,बहुत ख़ुशी हुई जानकार के की कैरान्वी साहब आपके गुरु हैं क्योंकि हम सबके इस साझा ब्लॉग के सबसे पहले follower बनने का गौरव कैरान्वी जी के नाम ही है

इस ब्लॉग parliament के बारे में आपने जो जो शंकाएं प्रकट की हैं उन सबका जवाब मेरे पास है और आपको देना भी चाहता था लेकिन अब जब महागुरु जी ने भी अपनी हां दे दी है तो फिर बात को ज्यादा ना बढाकर यही कहना चाहूँगा की अब देर काहे की , क्या !! आप महागुरु का अर्थ नहीं समझे ? अरे !! भई आप मेरे गुरु और कैरान्वी जी आपके , तो हुए ना वो महागुरु ,
और हाँ मैंने आपके द्वारा बताये गए महोदय शरीफ खान जी के पास भी ये प्रस्ताव भेज दिया है ,

आपने ठीक कहा आपमें और मुझमें काफी समानता है विचारों को लेकर ,अरे भई गुरु -शिष्य में समानता तो होगी ही

बस अब आप जल्दी से जल्दी अपनी e -mail id मुझे भेजें ताकि आपका नाम भी members की list में add कर सकूँ और हम सबके साथ उस ब्लॉग के follower भी बनें ,
आप ये समझने की कोशिश करें की यह केवल मेरा ब्लॉग नहीं है ,यह हम सबका साझा ब्लॉग है ,यकीन मानिए इस पर किसी एक व्यक्ति का एकाधिकार बिलकुल नहीं होगा,
और हाँ mail में अपना real फ़ोन नंबर भी मुझे ज़रूर भेजें ,उस दिन आपने जिस नंबर से फ़ोन किया था उस नंबर पर मिलाने पर फ़ोन मिल नहीं रहा है

भगवान् आपको और आपके परिवार को तरक्की और लम्बी उम्र दे येही दुआ है मेरी,

आभार

महक

Mahak said...

आदरणीय ,प्रिय एवं गुरुतुल्य अन्वेर जमाल जी

देर से आने के लिए माफ़ी चाहूंगा लेकिन क्या करता कल रात के 10 बजे से यहाँ पर बिजली नहीं है और रात के करीब 1 बजे हमारा inverter भी परलोक सिधार गया ,आज सुबह 12 बजे बिजली आई लेकिन उसके बाद भी हर 20 minute में जाती रही ,अब जाकर के यहाँ पर बिजली की उपस्तिथि में कुछ स्थिरता आई है
मुझे मेरे साझा ब्लॉग के प्रस्ताव पर आपके जवाब का बेसब्री से इंतज़ार था , जवाब पढ़कर थोड़ी निराशा ज़रूर हुई लेकिन जैसे ही आपके गुरुदेव के नाम से दिया हुआ लिंक खोला तो निराशा हार्दिक प्रसन्नता में बदल गयी ,बहुत ख़ुशी हुई जानकार के की कैरान्वी साहब आपके गुरु हैं क्योंकि हम सबके इस साझा ब्लॉग के सबसे पहले follower बनने का गौरव कैरान्वी जी के नाम ही है
इस ब्लॉग parliament के बारे में आपने जो जो शंकाएं प्रकट की हैं उन सबका जवाब मेरे पास है और आपको देना भी चाहता था लेकिन अब जब महागुरु जी ने भी अपनी हां दे दी है तो फिर बात को ज्यादा ना बढाकर यही कहना चाहूँगा की अब देर काहे की , क्या !! आप महागुरु का अर्थ नहीं समझे ? अरे !! भई आप मेरे गुरु और कैरान्वी जी आपके , तो हुए ना वो महागुरु ,
और हाँ मैंने आपके द्वारा बताये गए महोदय शरीफ खान जी के पास भी ये प्रस्ताव भेज दिया है ,

आपने ठीक कहा आपमें और मुझमें काफी समानता है विचारों को लेकर ,अरे भई गुरु -शिष्य में समानता तो होगी ही

बस अब आप जल्दी से जल्दी अपनी e -mail id मुझे भेजें ताकि आपका नाम भी members की list में add कर सकूँ और हम सबके साथ उस ब्लॉग के follower भी बनें , आप ये समझने की कोशिश करें की यह केवल मेरा ब्लॉग नहीं है ,यह हम सबका साझा ब्लॉग है ,यकीन मानिए इस पर किसी एक व्यक्ति का एकाधिकार बिलकुल नहीं होगा,
और हाँ mail में अपना real फ़ोन नंबर भी मुझे ज़रूर भेजें ,उस दिन आपने जिस नंबर से फ़ोन किया था उस नंबर पर मिलाने पर फ़ोन मिल नहीं रहा है

भगवान् आपको और आपके परिवार को तरक्की और लम्बी उम्र दे येही दुआ है मेरी,

आभार

महक

Mahak said...

आदरणीय ,प्रिय एवं गुरुतुल्य अन्वेर जमाल जी

देर से आने के लिए माफ़ी चाहूंगा लेकिन क्या करता कल रात के 10 बजे से यहाँ पर बिजली नहीं है और रात के करीब 1 बजे हमारा inverter भी परलोक सिधार गया ,आज सुबह 12 बजे बिजली आई लेकिन उसके बाद भी हर 20 minute में जाती रही ,अब जाकर के यहाँ पर बिजली की उपस्तिथि में कुछ स्थिरता आई है
मुझे मेरे साझा ब्लॉग के प्रस्ताव पर आपके जवाब का बेसब्री से इंतज़ार था , जवाब पढ़कर थोड़ी निराशा ज़रूर हुई लेकिन जैसे ही आपके गुरुदेव के नाम से दिया हुआ लिंक खोला तो निराशा हार्दिक प्रसन्नता में बदल गयी ,बहुत ख़ुशी हुई जानकार के की कैरान्वी साहब आपके गुरु हैं क्योंकि हम सबके इस साझा ब्लॉग के सबसे पहले follower बनने का गौरव कैरान्वी जी के नाम ही है
इस ब्लॉग parliament के बारे में आपने जो जो शंकाएं प्रकट की हैं उन सबका जवाब मेरे पास है और आपको देना भी चाहता था लेकिन अब जब महागुरु जी ने भी अपनी हां दे दी है तो फिर बात को ज्यादा ना बढाकर यही कहना चाहूँगा की अब देर काहे की , क्या !! आप महागुरु का अर्थ नहीं समझे ? अरे !! भई आप मेरे गुरु और कैरान्वी जी आपके , तो हुए ना वो महागुरु ,
और हाँ मैंने आपके द्वारा बताये गए महोदय शरीफ खान जी के पास भी ये प्रस्ताव भेज दिया है ,

आपने ठीक कहा आपमें और मुझमें काफी समानता है विचारों को लेकर ,अरे भई गुरु -शिष्य में समानता तो होगी ही

बस अब आप जल्दी से जल्दी अपनी e -mail id मुझे भेजें ताकि आपका नाम भी members की list में add कर सकूँ और हम सबके साथ उस ब्लॉग के follower भी बनें , आप ये समझने की कोशिश करें की यह केवल मेरा ब्लॉग नहीं है ,यह हम सबका साझा ब्लॉग है ,यकीन मानिए इस पर किसी एक व्यक्ति का एकाधिकार बिलकुल नहीं होगा,
और हाँ mail में अपना real फ़ोन नंबर भी मुझे ज़रूर भेजें ,उस दिन आपने जिस नंबर से फ़ोन किया था उस नंबर पर मिलाने पर फ़ोन मिल नहीं रहा है

भगवान् आपको और आपके परिवार को तरक्की और लम्बी उम्र दे येही दुआ है मेरी,

आभार

महक

talib د عا ؤ ں کا طا لب said...

बाज़ी च ए इत्फाल है दुन्या मेरे आगे
होता है शब ओ रोज़ तमाशा मेरे आगे

Anonymous said...

Collapse of Darwinism : Theory of Evolution

http://www.youtube.com/watch?v=H5sfHz3xyNc

Anonymous said...

THE MIRACLE OF MAN'S CREATION

http://www.youtube.com/watch?v=Sg6NhnYbqUQ&feature=related

Anonymous said...

The Creation of Universe

http://www.youtube.com/watch?v=bP6ZiQ9oq94&feature=related

Anonymous said...

Signs of the Last Day

http://www.youtube.com/watch?v=_nYoz4HxjNs

सत्य गौतम said...

सत्य गौतम अभावों की कोख से जन्मा हुआ और जीवन के घावों को ढोने वाला एक ऐसा बदनसीब इंसान है जिसे किसी से प्यार के बोल सुनने नसीब न हुए, न आज न पहले। सत्य गौतम केवल सत्य गौतम है, अगर कैरानवी होता तो अच्छा होता। उसे अपने अभावों और घावों की पूर्ति के लिए किसी ‘रब‘ का आसरा तो है। यहां तो ‘अप्प दीपो भवः‘ होना पड़ता है। वह परलोक आत्मा और तकदीर को मानता है यहां इसका कोई अनुभव नहीं है। जिसका अनुभव ही नहीं है उसे मानना मेरा काम नहीं है और उसके इंकार में समय लगाना भी मैं अपनी ऊर्जा गंवाना ही मानता हूं।मैं सत्य को कम जानता हूं और असत्य को पूरा। सम्मान की केवल परछाईयां ही देख पाया हूं जबकि तिरस्कार और अपमान हर पल मुझे डसते रहते हैं। यह डंक और यह पीड़ा मुझे उनसे मिलती है जो ‘धर्म परिवर्तन‘ के विरूद्ध स्वर मुखर करते रहते हैं। उनकी गल्ती भी मैं नहीं मानता ‘हिंदू ग्रंथ‘ उनका मन ऐसा ही बना देते हैं। जिसे वे धर्म समझते हैं वही मेरी और मेरे समाज की पीड़ा का मूल कारण है जिसे मैं समय के साथ नष्ट होते हुए देखने का सोने जैसा अवसर पाकर खुश हूं। अपनी खुशी को SHARE करने के लिए ही मैंने यह ब्लाग बनाया है और जो मैंने जिस समाज से पाया है वही उस समाज को लौटा रहा हूं। जो सच देखा है भोगा है जाना है समझा है वही आपको बता रहा हूं। सच को झेलना हरेक के बस की बात नहीं है और विशेषकर आप जैसे धंुधग्रस्त के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। मुझे पता है कि हिंदू परंपराओं के रखवालों ने टीवी चैनल्स तक पर हमले किये हैं। बाबा साहब की ‘द रिडल्स आॅफ हिंदूइज्म‘ पर भी बैन लगवाया है। आज भी स्थिति बहुत अधिक बदली नहीं है इसीलिये सामने नहीं आ सकता और किसी ब्लागर के लिये सबके सामने आना जरूरी भी नहीं है।
आपके सामने आने के आग्रह से संदेह होता। क्या करेंगे आप मुझे अपने सामने पाकर या लाकर ?
आप मेरी बात देखिये , आप मेरे तर्क देखिये , आप भी अपने तर्क लाईये और बताईये कि आपने दलितों को कितना अपनापन और सम्मान मिला है।कैरानवी के समुदाय से मुझे कभी अपमान नहीं मिला , कभी उनके साथ बैठकर आत्म ग्लानि का अहसास नहीं हुआ। मैं कैरानवी को तो नहीं जानता लेकिन उनके भाई बंधुओं के बर्ताव को मैंने करीब से देखा है।उनकी ज्यादा तारीफ इस डर से नहीं करूंगा कि अब मुझे कोई अन्य मुस्लिम कह दिया जाएगा । बस इतना कहना चाहूंंगा कि मैं केवल मैं हूं अन्य नहीं । आने वाला समय इसे बिल्कुल साफ कर देगा जैसे कि पानी बरसने के बाद आकाश हो जाता है।
अंत में
कैरानवी की बिरादरी से कहूंगा कि आपके भी सब काम ठीक नहीं हैं लेकिन मैं उन पर लिखकर दो मोर्चे एक साथ नहीं खोलना चाहता , इसलिए चुप हूं और मेरे समुदाय को उससे कोई लाभ भी नहीं है , हां नुक्सान अवश्य है। इसके बादईश्वर , धर्म और मरणोपरांत फल संबंधी बातों में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। कल जो भी हो लेकिन मैं आज को जीना चाहता हूं। आज का जीवन सरल हो सफल हो इसके लिए जो भी विधि हो उसे पकड़ा जाना चाहिये बाकी समस्त चीजे तज देने योग्य हैं। आओ मानवता के उत्थान और विकास के लिए वैज्ञानिक विचार पद्धति को अपनाएं।

सत्य गौतम said...

महक जी ! आपने भी किसी दलित को अपनी पार्लियामेंट में स्थान न दिया, क्यों ? फिर कैसी आपकी संसद और कैसा आपका कानून ? कानून बनाया था बाबा साहब ने, अगर आप किसी अंबेडकरवादी को अपना अध्यक्ष चुनते हुए डरते हैं तो कम से कम उनमें से किसी एक को सम्मिलित तो करते। इसके लिए ज्यादा नहीं तो दो चार दलित बुद्धिजीवियों को तो चुनते। यह मेरी शिकायत है, और विरोध भी । कृप्या दर्ज करें।

DR. ANWER JAMAL said...

Butterfly किसी मुफ़्ती के फ़तवे की वजह आज तक नाहक़ इतनी जानें न गई होंगी जितनी कि इस देश में डाक्टरों के क्लिनिक में रोज़ाना ले ली जाती हैं और कहीं चर्चा तक नहीं होता। -Anwer Jamal
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/07/butterfly-anwer-jamal.html

Mahak said...

महक जी ! आपने भी किसी दलित को अपनी पार्लियामेंट में स्थान न दिया, क्यों ?

@सत्य गौतम जी

आपको और सभी को एक बात बहुत साफ़ शब्दों में बताना चाहूँगा की यहाँ पर किसी को भी स्थान या फिर आमंत्रित ये देखकर नहीं किया गया है की ये हिन्दू है और ये मुस्लिम, ये ब्राहमण है और ये दलित , मैं इस तरह से इंसान को धर्म ,जाती आदि में बांटने की मानसिकता का घौर विरोधी हूँ ,मैंने हर व्यक्ति को एक अच्छे इंसान के तौर पर यहाँ पर आमंत्रित किया है और मैं अभी भी हर उस व्यक्ति को पूरे सम्मानपूर्वक आमंत्रित करता हूँ जो हमारे देश की समस्याओं के प्रति चिंतित है और इनका हल निकालना चाहता है ,

आपकी ब्राह्मणों या फिर अपने आपको ऊँची जाती कहे जाने वाले लोगों से क्या शिकायतें हैं ये मैं नहीं जानता लेकिन आपको बताना चाहता हूँ की मैं उंच -नीच ,जात-पात आदि में बिलकुल यकीन नहीं रखता, मेरे लिए ये बिलकुल महत्वपूर्ण नहीं है की आपका मजहब कौन सा है या फिर आपकी जाती क्या है , मेरे लिए महत्वपूर्ण है की आप एक इंसान के तौर पर कैसे हैं और आपमें हमारे आस-पास और देश में घट रही घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता कितनी है

मैं नहीं जानता की आपकी जाती क्या है और मैं जानना भी नहीं चाहता , और सिर्फ में ही नहीं इस ब्लॉग के जितने भी members और followers हैं उनमें से ज़्यादातर को मैं थोड़ा-बहुत समझने लगा हूँ और मुझे यकीन है की एक भी आपको ऐसा नहीं मिलेगा जो इस जात-पात में यकीन रखता हो

तो इसलिए ये बात अपने दिमाग से निकाल दीजिये की आप एक जाती विशेष के हैं इसलिए मैंने आपको या अन्य लोगों को इस साझा ब्लॉग के लिए आमंत्रित नहीं किया ,जनाब मैं उन्ही लोगों को तो आमंत्रित कर पाऊंगा ना जिन्हें मैं जानता हूँ इस ब्लॉग जगत मैं , हम आप आपस में मिल ही पहली बार रहे हैं तो इससे पहले मैं आपको कैसे आमंत्रित करता ?

आपके इतने बड़े कमेन्ट में मुझे सिर्फ 2 lines ऐसी लगें जिनमें की मैं खुद यकीन करता हूँ और वे ये हैं -

1 .आप मेरी बात देखिये , आप मेरे तर्क देखिये , आप भी अपने तर्क लाईये

2 .आओ मानवता के उत्थान और विकास के लिए वैज्ञानिक विचार पद्धति को अपनाएं।


ये हैं वो बातें जिनमें मैं और हमारे इस ब्लॉग के ज़्यादातर members एवं followers यकीन रखते हैं ,
आपको एक बात और साफ़-2 बता देना चाहता हूँ की इस साझा ब्लॉग पर ना तो आप और ना ही कोई और जातिवाद या फिर मजहब आदि का ज़हर घोलने का प्रयास करे, ऐसे किसी भी प्रयास को बिलकुल सफल नहीं होने दिया जाएगा,आपकी जो भी समस्याएं एवं शिकायतें हैं समाज से या जिससे भी उन्हें शालीनतापूर्वक उनके हल सहित रखें ,आप खुद देखिएगा की ये ब्लॉग parliament आपके हर अच्छे प्रस्ताव को पूरे बहुमत से पास करेगी बिना हिन्दू,मुस्लिम,ब्राहमण या दलित का भेद-भाव किये हुए ,ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है

तो जो भी ग़लतफहमी आपके मन में आई हुई है उसे दूर करिए और ब्लॉग का member और follower बंनने का निमंत्रण स्वीकार कीजिये

जल्दी से इस ब्लॉग के follower बनिए और अपनी e -mail id मुझे mail कीजिये जिससे की आप भी जल्दी से जल्दी इस ब्लॉग के member बन सकें ,

धन्यवाद

महक

Mohammed Umar Kairanvi said...

वाह महक जी, आपका गौतम को दिया जवाब पढकर बहुत खुशी हुई

'महक' वाकई ब्‍लागजगत को महका सकता है

Mahak said...

@कैरान्वी जी ,

तारीफ के लिए बहुत-2 शुक्रिया

सत्य गौतम said...

कैरानवी जी ! आप आये , मेरा नसीब। आपका नाम सुना है और सरसरी तौर पर आपके ब्लॉग्स भी देखे परंतु मैं तो अवतारवाद को ही नहीं मानता तो आपका समर्थन ही कैसे करता। लोग आपको विद्वान मानते हैं लेकिन आपने महान समाज सुधारक मुहम्मद साहब को अवतार कह दिया। यह आपकी अक्षम्य भूल है मेरे निकट। अवतार होते हैं जालिमों के , वे धरती पर आते हैं कमजोरों का खून बहाने के लिए। मुहम्मद साहब ने तो काले बिलाल को अपना शिष्य बनाया काबे पर चढ़ाया फिर वह अवतार कैसे हो सकते हैं ? अवतार के मानने वाले तो एकलव्य का अंगूठा कटवा लेते हैं । अवतार होते हैं विष्णु के और विष्णु के लोक में म्लेच्छ और शूद्र जा नहीं सकते तो म्लेच्छों में कोई विष्णु का अवतार हो भी नहीं सकता। कहीं लिखा भी नहीं है कि म्लेच्छों में विष्णु का अवतार होगा।
संभवतः मुसलमानों ने सोचा होगा कि मुहम्मद साहब को अवतार घोषित कर देने से हिंदुओं के लिए उनका मानना निश्चित हो जाएगा। हिंदू तो केवल अपना हित देखता है और हित होता है सदा विजेता के अण्डकोष नमन में।मुसलमानों का डंका बजता था तो शेरवानी पहनकर घूमते थे। मुगलई ड्रेस पहनते थे। शिवाजी भी ऐसी ही ड्रेस पहनकर छिप छिप कर वार करते थे। जिस मुसलमान ने उसे टोकरे में बिठाकर भगाया, उसकी जान बचायी उसी के सहजाति बंधुओं पर उसने जुल्म तोड़े और आज तक शिव सैनिक जुल्म कर रहे हैं। आज अंग्रेजों के पिशाब में चिराग जल रहे हैं तो यही हिंदू भाग भाग कर आस्ट्रेलिया जा रहे हैं पढ़ने और कुत्ते से अच्छी मौत मर रहे हैं।
जिस घटिया नजर से ये भारत में दलितों को देखते हैं ये विदेश में उसी अपमान को सहकर जीते हैं
और फिर इनकी लड़कियां वह करती हैं जो कि वेद पुराण जैसे हिंदू ग्रंथों में लिखा है और फिर होती हैं ऐसी संतानें जैसी कि इनके पूर्वजों के काल में होती थी। जब से भारत में आर्य भारत आये तब से ही सब कुछ नैतिकता आदि में तो मानो आग ही लगा दी गई।
ये पूजते हैं शक्ति को। आप शक्तिवान बनायें खुद को , ये झुक जाएंगे। शक्ति आयेगी एकता से । आपको सवर्णों से ज्यादा दलितों पर ध्यान देना चाहिये। दलित केवल प्यार और सम्मान का भूखा है। आप प्यार दीजिये दलितों को , आपकी शक्ति बढ़ती चली जाएगी। मुझे आप अपना विरोधी न समझें लेकिन जो बातें मेरे अनुभव और ज्ञान में नहीं आतीं मैं उन पर बहस नहीं करता। बहस के लिए मानवता के हित पर सोच को प्रबुद्ध करने वाले मुद्दों की कोई कमी नहीं है। हमें अपना ध्यान उसी पर केंद्रित करना चाहिये। समय आपको बताएगा कि आपने सवर्णों पर जितना भी समय लगाया सब बर्बाद किया और जहां आपकी प्रतीक्षा हो रही है दलितों की उन अंधेरी बस्तियों आप अपने प्रेम का दीपक जलाने पहुंचे ही नहीं । बुरा लगे तो क्ष्मा कर दीजियेगा लेकिन सत्य यही है। सत्य कहने के कारण ही मुझे दुनिया सत्य गौतम कहती है।

Anonymous said...

7 सबसे नाकाम देश, जिनसे बाकी विश्व परेशान है

4 countery are muslim

सोमालिया
सुडान
अफगानिस्तान
इराक

http://www.tarakash.com/2/magazine/-7/3159-7-most-failed-state-of-the-world.html

Anonymous said...

Pakistan also the failed state

Why muslim countery are fail state????

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

काफ़ी अच्छी खबर..........मैं भी इस ब्लोग का हिस्सा बन चुका हूं....

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"हमारा हिन्दुस्तान"

"इस्लाम और कुरआन"

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