
Greater noida मे हुए खुर्जा की छात्राओं के गैंगरेप के पीछे सोशल वेबसाइट आरकुट वजह बना। आरकुट के माध्यम से दो युवतियों की दोस्ती दो युवकों से हुई। दोस्ती इस क़दर परवान चढ़ी की दोनों दोस्तों ने पहले लड़कियों को प्यार का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद दोनों प्रेमियों ने अपनी प्रेमिकाओं को बदल कर उनका रेप किया। यही नहीं अपने दो अन्य दोस्तों से भी दोनों युवतियों का गैंगरेप कराया। गैंगरेप की शिकार लड़कियों में एक नाबालिग़ है। पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर तीन युवकों को गिरफ्तार किया है जबकि एक फ़रार है। गिरफ़्तार युवकों मे दो छात्र और दो निजी कम्पनी के एक्ज़ीक्यूटिव हैं। पुलिस के मुताबिक लड़कियों के साथ बीती रात गे्रनो के एन.आर.आई. सिटी के एक फ़्लैट में गैंगरेप किया गया। लेकिन घटना से पहले लड़कियां अपनी मर्ज़ी से खुर्जा से गे्रनो आई थीं। मैडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि हो गइ है। दोनों पीड़ित लड़कियां पुलिसकर्मियों की बेटियां है। आॅरकुट के माध्यम से दोनों युवतियों को पूरे भरोसे में लेने के बाद शुक्रवार रात दीपक व प्रशांत ने फोन कर खुर्जा में पढ़ने वाली अपनी-अपनी गर्लफ्रेंड को अपने दोस्तों के फ़्लैट पर बुला लिया। नोएडा की चमक-धमक ने युवतियों को अंधा कर दिया। उन्होंने ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी अस्मत से इस कदर खिलवाड़ होगा। प्यार के भूत में लड़कियां किसी सहेली के घर जाने का बहाना बनाकर अपने पे्रमियों के पास चली गईं। शुक्रवार रात इन लोगों ने प्रेमियों के संग शारीरिक संबंध बनाए। इसी बीच प्रेमी प्रशांत व दीपक ने फोन कर अपने दोस्तों जितेन्द्र और विक्की को बुला लिया। हालांकि लड़कियां इन युवकों को भी जानती थीं, लिहाजा उनके आने पर युवतियों ने विरोध नहीं किया। लेकिन इस बार दोस्तों के दिल में हवस भरी हुई थी। उन्होंने आते ही दोनो को बंधक बना लिया। पूरी रात बारी-बारी से युवतियों के साथ गैंगरेप किया। यही नहीं दोनों दोस्तों ने भी अपनी प्रेमिकाओं को बदलकर रेप किया। घटना में एक नाबालिग लड़की की हालत खराब हो गई, लिहाजा सुबह जितेन्द्र ने उसे काफी समझा-बुझाकर बाइक पर बैठाया और दादरी स्टेशन छोड़ने जाने लगा। दोना लड़कियां काफ़ी डरी व सहमी थीं। लेकिन आमका फाटक पर एक पुलिस जिप्सी को देख युवतियों ने साहस करते हुए चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। पुलिस ने बाइक को रोक लिया और लड़की की आपबीती सुनने पर लड़कों को गिरफ़्तार कर लिया। लड़की के बयान के बाद कासना पुलिस ने एन.आर.आई. सिटी में छापा मारा और दीपक व प्रशांत को गिरफ़्तार कर लिया जबकि घटना की भनक लगते ही विक्की फरार हो गया। एस.एस.पी. गौतमबुद्धनगर ने बताया कि लड़कियों की शिकायत पर मामला गैंगरेप में दर्ज किया गया है। दोनो लड़कियां अपनी मर्ज़ी से पहले बस में बैठ सिकन्द्राबाद आई और फिर दोस्तों के साथ कार में बैठकर फ़्लैट पर गई। उन्हें यह नहीं पता था कि वहां दो अन्य साथी भी होंगे जो उनके साथ ऐसे वाक़ये को अंजाम देंगे। एस.एस.पी. ने पुष्टि की कि इनमें से एक लड़की नाबालिग़ भी है।
संभ्रंात परिवारों के हैं चारों युवक
गैंगरेप में शामिल चारों युवकों में ऐसा कोई भी नहीं था, जिसने अच्छी-खासी तालीम न पाई हो। चारों जिस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका अपराध से दूर तक कोई वास्ता नहीं है। गिरफ्तार जीतू उर्फ जितेन्द्र नोएडा में रिलायंस कम्पनी में सेल्स मैनेजर है जबकि फ़रार विक्की एक प्रतिष्ठि कम्पनी में रीजनल हेड बताया जा रहा है। इसके अलावा दीपक एनीमेशन का तृतीय वर्ष का छात्र है और प्रशांत ग्रेनो के कॉलेज में बीबीए तीसरे वर्ष का छात्र है। हिन्दुस्तान, अंक, सोमवार 26.04.2010 से साभार
इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।
@ जागो हिन्दू जागो ! देखो अपने केसरिया वीर्यवानों की लाल सफ़ेद करतूत और दिखाओ कि आपने कितनी पोस्ट्स में ऐसे दरिन्दों की भत्र्सना की है ?
@पी.सी.गोदियाल जी! आप मदरसे के पिटे हुए बच्चे को तो तुरन्त कैश करते हैं लेकिन आप यह बताएं कि बुरक़ा न पहनने वाली और गोल गप्पों को सरलतापूर्वक अपने मुख में ग्रहण करने में सक्षम इन यूनिवर्सिटी बालाओं के प्रति आपने संवेदना प्रकट करना क्यों ज़रूरी न समझा ?
@आक़ा ए महाजाल ! क्या ऐसी घटनाओं को , जिनमें कि मुस्लिम युवक लिप्त न हों , लव फ़साद का नाम दिया जा सकता है ?
@बहन फ़िरदौस ! अगर वस्त्र या बुरक़ा तमाम बुराईयों की जड़ है तो ये कन्याएं तो बुरक़ा न पहनती थीं और जो थोड़ा बहुत पहनती भी थीं उसे भी अपने हाथों से ही उतार चुकी थीं , फिर इनके साथ इतना बुरा क्यों हुआ ?
@फ़ौज़िया जी ! कौमार्य झिल्ली तो हिम्नोप्लास्टी से दोबारा बनाई जा सकती है लेकिन इनके मन का घाव किस सर्जरी से ठीक किया जा सकता है ? पवित्रता की परवाह तो आपको है ही नहीं ।
@भाई अमित ! इस कलियुग की पुलिस ने बलात्कारियों को तुरन्त अन्दर कर दिया जबकि तथाकथित ‘सतयुगादि‘ में श्राप तो मिलता था बेचारी अहल्या को और बलात्कारी ‘देवता‘ बने दनदनाते घूमते थे । बताइये कि वे युग अच्छे थे या वर्तमान युग ?
@मनुज जी , महक जी ! आप भी आइये और अपने विचार बताइये ।
@परम आर्य जी , अजित वडनेरकर जी , इक़बाल ज़फ़र साहब , कामदर्शी जी , गुलशन , गुलज़ार ज़ाहिद देवबन्दी , ज्योत्स्ना जी , लावंण्यम् जी और रचना जी ! आप सभी आएं और वर्तमान हालात में नारी सुरक्षा के व्यवहारिक उपाय बताएं ।भाई शाहनवाज़ और भाई अयाज़ ! बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के कारण और सटीक निवारण बताने की मेहरबानी फ़रमायें ।
@सफ़त भाई ! क्या आप कुछ हिफ़ाज़ती तदबीर बता सकते हैं , जिन्हें अपनाकर भारतीय बालाएं अपनी अस्मत की हिफ़ाज़त कर सकें ?
@रतन पाल जी ! आप मुर्दा ज़मीरों के दरम्यान सचमुच एक ज़िन्दा ज़मीर इन्सान हैं । अगर आपकी तरह ग़लत को ग़लत कहने वाले 20 आदमी भी यहां हो गये तो फिर किसी अनवर जमाल को ऐसी पोस्ट लिखने की ज़रूरत न बचेगी । आप से क्षमा चाहता हूं ।
@आनन्द पाण्डेय जी ! आप मुझसे जवाब चाहते थे न ? उम्मीद है कि उपरोक्त पंक्तियों में आपको अपना जवाब मिल गया होगा । अब आप यह बताएं कि क्या वैदिक काल में भी जार कर्म और बलात्कार आदि हुआ करते थे ? वेद कब की रचना हैं ? और बलात्कार का इतिहास कितना पुराना है ? आप वेदों पर रिसर्च कर रहे हैं आपसे सही जवाब मिलने की उम्मीद है ।
@जनाब उमर कैरानवी साहब ! जब ये लोग बता चुकें तो आप यह बताना कि किसके बताये पर चलना समस्या का बेहतर समाधान है ?
@प्रिय प्रवीण जी ! आप आज़ाद हैं जो चाहे बताएं और जब चाहे बताएं ।