
Greater noida मे हुए खुर्जा की छात्राओं के गैंगरेप के पीछे सोशल वेबसाइट आरकुट वजह बना। आरकुट के माध्यम से दो युवतियों की दोस्ती दो युवकों से हुई। दोस्ती इस क़दर परवान चढ़ी की दोनों दोस्तों ने पहले लड़कियों को प्यार का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद दोनों प्रेमियों ने अपनी प्रेमिकाओं को बदल कर उनका रेप किया। यही नहीं अपने दो अन्य दोस्तों से भी दोनों युवतियों का गैंगरेप कराया। गैंगरेप की शिकार लड़कियों में एक नाबालिग़ है। पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर तीन युवकों को गिरफ्तार किया है जबकि एक फ़रार है। गिरफ़्तार युवकों मे दो छात्र और दो निजी कम्पनी के एक्ज़ीक्यूटिव हैं। पुलिस के मुताबिक लड़कियों के साथ बीती रात गे्रनो के एन.आर.आई. सिटी के एक फ़्लैट में गैंगरेप किया गया। लेकिन घटना से पहले लड़कियां अपनी मर्ज़ी से खुर्जा से गे्रनो आई थीं। मैडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि हो गइ है। दोनों पीड़ित लड़कियां पुलिसकर्मियों की बेटियां है। आॅरकुट के माध्यम से दोनों युवतियों को पूरे भरोसे में लेने के बाद शुक्रवार रात दीपक व प्रशांत ने फोन कर खुर्जा में पढ़ने वाली अपनी-अपनी गर्लफ्रेंड को अपने दोस्तों के फ़्लैट पर बुला लिया। नोएडा की चमक-धमक ने युवतियों को अंधा कर दिया। उन्होंने ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी अस्मत से इस कदर खिलवाड़ होगा। प्यार के भूत में लड़कियां किसी सहेली के घर जाने का बहाना बनाकर अपने पे्रमियों के पास चली गईं। शुक्रवार रात इन लोगों ने प्रेमियों के संग शारीरिक संबंध बनाए। इसी बीच प्रेमी प्रशांत व दीपक ने फोन कर अपने दोस्तों जितेन्द्र और विक्की को बुला लिया। हालांकि लड़कियां इन युवकों को भी जानती थीं, लिहाजा उनके आने पर युवतियों ने विरोध नहीं किया। लेकिन इस बार दोस्तों के दिल में हवस भरी हुई थी। उन्होंने आते ही दोनो को बंधक बना लिया। पूरी रात बारी-बारी से युवतियों के साथ गैंगरेप किया। यही नहीं दोनों दोस्तों ने भी अपनी प्रेमिकाओं को बदलकर रेप किया। घटना में एक नाबालिग लड़की की हालत खराब हो गई, लिहाजा सुबह जितेन्द्र ने उसे काफी समझा-बुझाकर बाइक पर बैठाया और दादरी स्टेशन छोड़ने जाने लगा। दोना लड़कियां काफ़ी डरी व सहमी थीं। लेकिन आमका फाटक पर एक पुलिस जिप्सी को देख युवतियों ने साहस करते हुए चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। पुलिस ने बाइक को रोक लिया और लड़की की आपबीती सुनने पर लड़कों को गिरफ़्तार कर लिया। लड़की के बयान के बाद कासना पुलिस ने एन.आर.आई. सिटी में छापा मारा और दीपक व प्रशांत को गिरफ़्तार कर लिया जबकि घटना की भनक लगते ही विक्की फरार हो गया। एस.एस.पी. गौतमबुद्धनगर ने बताया कि लड़कियों की शिकायत पर मामला गैंगरेप में दर्ज किया गया है। दोनो लड़कियां अपनी मर्ज़ी से पहले बस में बैठ सिकन्द्राबाद आई और फिर दोस्तों के साथ कार में बैठकर फ़्लैट पर गई। उन्हें यह नहीं पता था कि वहां दो अन्य साथी भी होंगे जो उनके साथ ऐसे वाक़ये को अंजाम देंगे। एस.एस.पी. ने पुष्टि की कि इनमें से एक लड़की नाबालिग़ भी है।
संभ्रंात परिवारों के हैं चारों युवक
संभ्रंात परिवारों के हैं चारों युवक
गैंगरेप में शामिल चारों युवकों में ऐसा कोई भी नहीं था, जिसने अच्छी-खासी तालीम न पाई हो। चारों जिस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका अपराध से दूर तक कोई वास्ता नहीं है। गिरफ्तार जीतू उर्फ जितेन्द्र नोएडा में रिलायंस कम्पनी में सेल्स मैनेजर है जबकि फ़रार विक्की एक प्रतिष्ठि कम्पनी में रीजनल हेड बताया जा रहा है। इसके अलावा दीपक एनीमेशन का तृतीय वर्ष का छात्र है और प्रशांत ग्रेनो के कॉलेज में बीबीए तीसरे वर्ष का छात्र है। हिन्दुस्तान, अंक, सोमवार 26.04.2010 से साभार
इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।
@ जागो हिन्दू जागो ! देखो अपने केसरिया वीर्यवानों की लाल सफ़ेद करतूत और दिखाओ कि आपने कितनी पोस्ट्स में ऐसे दरिन्दों की भत्र्सना की है ?
इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।
@ जागो हिन्दू जागो ! देखो अपने केसरिया वीर्यवानों की लाल सफ़ेद करतूत और दिखाओ कि आपने कितनी पोस्ट्स में ऐसे दरिन्दों की भत्र्सना की है ?
@पी.सी.गोदियाल जी! आप मदरसे के पिटे हुए बच्चे को तो तुरन्त कैश करते हैं लेकिन आप यह बताएं कि बुरक़ा न पहनने वाली और गोल गप्पों को सरलतापूर्वक अपने मुख में ग्रहण करने में सक्षम इन यूनिवर्सिटी बालाओं के प्रति आपने संवेदना प्रकट करना क्यों ज़रूरी न समझा ?
@आक़ा ए महाजाल ! क्या ऐसी घटनाओं को , जिनमें कि मुस्लिम युवक लिप्त न हों , लव फ़साद का नाम दिया जा सकता है ?
@बहन फ़िरदौस ! अगर वस्त्र या बुरक़ा तमाम बुराईयों की जड़ है तो ये कन्याएं तो बुरक़ा न पहनती थीं और जो थोड़ा बहुत पहनती भी थीं उसे भी अपने हाथों से ही उतार चुकी थीं , फिर इनके साथ इतना बुरा क्यों हुआ ?
@फ़ौज़िया जी ! कौमार्य झिल्ली तो हिम्नोप्लास्टी से दोबारा बनाई जा सकती है लेकिन इनके मन का घाव किस सर्जरी से ठीक किया जा सकता है ? पवित्रता की परवाह तो आपको है ही नहीं ।
@भाई अमित ! इस कलियुग की पुलिस ने बलात्कारियों को तुरन्त अन्दर कर दिया जबकि तथाकथित ‘सतयुगादि‘ में श्राप तो मिलता था बेचारी अहल्या को और बलात्कारी ‘देवता‘ बने दनदनाते घूमते थे । बताइये कि वे युग अच्छे थे या वर्तमान युग ?
@मनुज जी , महक जी ! आप भी आइये और अपने विचार बताइये ।
@परम आर्य जी , अजित वडनेरकर जी , इक़बाल ज़फ़र साहब , कामदर्शी जी , गुलशन , गुलज़ार ज़ाहिद देवबन्दी , ज्योत्स्ना जी , लावंण्यम् जी और रचना जी ! आप सभी आएं और वर्तमान हालात में नारी सुरक्षा के व्यवहारिक उपाय बताएं ।भाई शाहनवाज़ और भाई अयाज़ ! बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के कारण और सटीक निवारण बताने की मेहरबानी फ़रमायें ।
@सफ़त भाई ! क्या आप कुछ हिफ़ाज़ती तदबीर बता सकते हैं , जिन्हें अपनाकर भारतीय बालाएं अपनी अस्मत की हिफ़ाज़त कर सकें ?
@रतन पाल जी ! आप मुर्दा ज़मीरों के दरम्यान सचमुच एक ज़िन्दा ज़मीर इन्सान हैं । अगर आपकी तरह ग़लत को ग़लत कहने वाले 20 आदमी भी यहां हो गये तो फिर किसी अनवर जमाल को ऐसी पोस्ट लिखने की ज़रूरत न बचेगी । आप से क्षमा चाहता हूं ।
@आनन्द पाण्डेय जी ! आप मुझसे जवाब चाहते थे न ? उम्मीद है कि उपरोक्त पंक्तियों में आपको अपना जवाब मिल गया होगा । अब आप यह बताएं कि क्या वैदिक काल में भी जार कर्म और बलात्कार आदि हुआ करते थे ? वेद कब की रचना हैं ? और बलात्कार का इतिहास कितना पुराना है ? आप वेदों पर रिसर्च कर रहे हैं आपसे सही जवाब मिलने की उम्मीद है ।
@जनाब उमर कैरानवी साहब ! जब ये लोग बता चुकें तो आप यह बताना कि किसके बताये पर चलना समस्या का बेहतर समाधान है ?
@जनाब उमर कैरानवी साहब ! जब ये लोग बता चुकें तो आप यह बताना कि किसके बताये पर चलना समस्या का बेहतर समाधान है ?
@प्रिय प्रवीण जी ! आप आज़ाद हैं जो चाहे बताएं और जब चाहे बताएं ।
इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।
ReplyDelete इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।
ReplyDeleteये धैर्य की इन्तहां है मित्र।
ReplyDeleteआप जरा जरा सी बात में वेदों को और सनातन धर्म को कटघरे में खडा कर देते हो ।
जरा ये बताइये इस तरह की घटनाएं क्या इस्लाम धर्म के लोग नहीं करते।
और क्या आपको ये लगता है कि वेद बलात्कार करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
एक बात सच सच बताइयेगा, क्या आपने पूरी कुरान ठीक से पढी है, अगर हां तो क्या आपका कुरान यही सिखाता है कि कोर्इ भी समाजिक दोष पवित्र ग्रन्थों पर मढ दिया जाए।
और अगर आपका कुरान ये सिखाता है तो आप खुद अन्दाजा लगा लीजिये कि आपका कुरान कैसा है और उसकी शिक्षाएं कैसी हैं।
कहने को तो मैं भी कुरान में हजारों गलतियां निकाल सकता हूं पर मै एसा नहीं करता हूं क्यूकि कोई भी ग्रन्थ अपने समय के अनुसार ही चीजों को बताता है, नियम बनाता है और चूंकि सारे नियम हर काल में लागू नहीं किये जा सकते इसलिये ग्रन्थों को इसका दो
ष नहीं देना चाहिये।
आपने लिखा है इस्लाम इन सब की शिक्षा नहीं देता, बिल्कुल मानता हूं पर क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है।
क्या निर्दोषों की हत्या की शिक्षा देता है, क्या अपनी हवस पूरी करने के लिये लडकियों की खरीद फरोख्त की शिक्षा देता है। नहीं न , मगर फिर भी ये सब हो तो रहा है न और करने वाले लोग भी ज्यादातर इसी धर्म से हैं।
उपरवाला माफ करे पर इन सब बातों के लिये क्या आप कुरान को जिम्मेदार ठहरायेंगे| अगर नहीं तो कोई हक नहीं है आपको पवित्र वेदों पर कीचड उछालने का ।
आशा है इस बात को समझेंगे।
जमाल साहब, मुझे पता था कि आप "लव जेहाद" पर लिखी मेरी 2 पोस्ट का जवाब देने के लिये फ़ड़फ़ड़ा रहे थे, लेकिन ऐसी बेताबी का अंदाज़ा नहीं था… बहरहाल आपने सवाल पूछा है तो जवाब दे देता हूं… "बेशक इसे लव-फ़साद नाम दिया जा सकता है, लेकिन इसमें धर्म कहाँ से आ गया? ऐसी हरकतें तो मालेगांव और सूरत में पहले कई मुसलमान लड़के भी कर चुके हैं…"
ReplyDeleteतो फ़िर अन्तर क्या है?
अन्तर यह है कि मुस्लिम लड़के ऐसा काम, लड़कियों को जबरदस्ती इस्लाम मे लाने के लिये करते हैं। फ़िरदौस जी भी कह चुकी हैं कि मदरसे में ऐसी ही शिक्षा दी जाती है, इसी को हमने लव "जेहाद" का नाम दिया है। अब इसी घटना को उलटकर सोचिये, क्या इन हिन्दू लड़कों ने मुस्लिम लड़कियों को फ़ँसाया? और मानो फ़ँस भी जातीं तो क्या हिन्दू लड़के मुस्लिम लड़कियों से हिन्दू धर्म अपनाने को कहते? अब इतनी सीधी बात भी आप नहीं समझ रहे और खुद को डॉक्टर कहते हैं?
माधुरी गुप्ता जैसे गद्दार सैकड़ों हिन्दू (और मुसलमान भी) कई निकल सकते हैं, लेकिन माधुरी गुप्ता पाकिस्तान के एक "मुस्लिम" फ़ौजी के प्यार(?) में फ़ँसी हुई थी, तथा "लव जेहाद" के दौरान उसका ब्रेन-वॉश करने में सहायता हुई।
लेकिन अफ़सोस कि आप "फ़साद" और "जेहाद" के मूल अन्तर को समझ नहीं रहे (या शायद जानबूझकर अंजान बन रहे हैं)… और मेरी पोस्ट का जवाब देने के लिये ऐसी बकवास पोस्ट लिख मारी… :) :)
ऐसे दरिन्दे किसी भी धर्म में हो सकते है ऐसे प्रकरणों में किसी धर्म की शिक्षाओं का कोई असर नहीं होता |
ReplyDeleteजिसने जो किया है वह भुगतेगा जरुर | आप भारत की न्यायपालिका पर भरोसा रखें |
अनवर मियाँ जो सवाल आप से मैने किया था, उसका जवाब तो आप से अबतक देते बना नही आल्तूफ़ाल्तू बाते लिखे घूम रहे हो!!! ए आतन्कवादी बताओ भेड चराने वाला और क्या क्या सिखा गया है आप को,अच्छा चलो इतना बता दो तुम भाई अगला आर डी एक्स कहाँ किस पब्लिकप्लेस पर रखने वाले हो ,और देश के खिलाफ़ नई गद्दारी कैसे करनेवाले हो या कोई प्लेन हाईजैक कर के कान्धार ले जा रहे हो अफ़ज़ल को फ़ासी तो हुई नही दोबारा सन्सद पर ट्राई तो नही कर रहे हो???
ReplyDeleteकसाब के भाईजान !!!
Sabhi Bhai log ko RAM- RAM ,
ReplyDeleteIsme Hindu ya Muslim ki bat karne se kya fyada, ye kam to kisi bhi dharm main ho sakta hai. Muslim ladkiya bhi piche nahi hai...... aur na hi muslim ladke
sabse pahli galti to un ladkiyon ki hai, jo utni door se chal karke ladko se milane aa gai aur rat main bhi rukne ke liye taiyar ho gai.
Kya pata mamla kuch aur ho
http://www.youtube.com/watch?v=TEC8p5VN1-I&feature=player_embedded
ReplyDeleteये लो देखो तुम्हारी आपा क्या कह रही है तुम जैसो को नसीहत देते हुए!
maine baar baar kaha hai ki agar jang ladni hi hai to videshi sanskriti ke khilaf ladiye , vo har dharm ko nuksaan pahuchaati rahi hai .
ReplyDeleteHindu dharm me 25 varsh tak gurukul me rehna sikhaya jaata thaa, aise me ye ghatna to ho hi nahi sakti thi .
ye to lord macaulay education system ka dosh hai . co -education hindu dharm ki den nahi hai
@ जमाल भाई
ReplyDeleteसबसे पहले तो आपको इस खबर को अपने ब्लॉग पर रखने के लिए धन्यवाद
रतन सिंह शेखावत जी की बात से बिलकुल सहमत हूँ की -
"ऐसे दरिन्दे किसी भी धर्म में हो सकते है ऐसे प्रकरणों में किसी धर्म की शिक्षाओं का कोई असर नहीं होता |"
और आप के द्वारा दी गयी जानकारी से ये पता चलता है की ये दरिन्दे खुद भी और इनके परिवार वाले भी काफी अमीर मालूम होते हैं और जाहिर है इनकी पहुँच भी काफी ऊपर तक होगी .इसलिए न्याय होने की उम्मीद करना तो बेकार है.Police वाले क्या करेंगे ज्यादा से ज्यादा इन्हें 1 -2 दिन जेल में रखेंगे फिर इनके परिवार वाले इनकी ज़मानत करवा देंगे और बड़े बड़े वकीलों को hire कर लेंगे इनका केस लड़ने के लिए.वे ऐसी-२ दलील रखेंगे, ऐसे-२ सबूत मांगेंगे की की हर किसी को शर्म आ जाए और इन लड़कियों पर ही तरह-२ के दबाव बनाए जायेंगे केस वापस लेने के लिए.वैसे थोड़ी गलती इन लड़कियों की भी है जो आजकल 1 -2 दिन के नशे को प्यार समझ लेती हैं जबकि ये यह नहीं समझती की ये प्यार नहीं सिर्फ कुछ दिनों का आकर्षण है .
आज इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए 2 चीज़ों की ज़रुरत है -
1 .
ये जो इंसान के रूप में भेड़िये हैं इन्हें ऐसी सज़ा दी जाए जिससे की समाज के सामने एक example set हो .इसी प्रकार की एक घटना को सुरेश जी ने भी अपने ब्लॉग पर उजागर किया था और मैंने वहां भी कहा था की-"ऐसे लोगों को नंगा करके पीटना चाहिए और इनकी खाल उधेड़ देनी चाहिए . समाज में एक message जाना चाहिए की जो इस तरह के इंसानियत को शर्मसार करने वाले काम करेगा उसे भयंकर सज़ा मिलेगी चाहे कोई गरीब करे या अमीर.
2 .
आज लोगों में नैतिकता का और सद्चरित्र का बहुत अधिक अभाव उत्पन हो गया है.उनमें अच्छे संस्कारों के ज़रिये नैतिकता को जगाना होगा और उन्हें चरित्रवान बनाना होगा .
इस बात से सहमत नहीं हूँ की -"लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे।"
लड़के लड़कियों के बीच दोस्ती इसका कारण नहीं है.कारण है नैतिक संस्कारों का अभाव और चरित्रहीनता .
लड़कियों से दोस्ती तो मेरी भी है और मेरे बहुत से मित्रों की है लेकिन हमारे मन में कभी स्वप्न में भी ऐसा दुष्कर्म करने का विचार नहीं आया.इस मित्रता में वासना का भाव नहीं है बल्कि पावनता एवं पवित्रता है.लड़के लड़की के बीच भी मित्रता हो सकती है लेकिन दोनों को अपनी मर्यादा में रहना ज़रूरी है .
और अंत में एक बात की और ज़रूर आपका ध्यान चाहूंगा की ये जो इस पोस्ट को heading आपने दी है की -"
Love Fasad लो कर लो हिन्दू युवाओं पर ऐतबार , झूठे प्यार की सच्ची दास्तान
ये बिलकुल सही नहीं है क्योंकि इस चीज़ का धर्म से कोई लेना देना नहीं है .अब इस तरह के केस तो मैं भी आपको दिखा सकता हूँ जिसमें मुस्लिम लड़के ऐसे दुष्कर्म कर रहें हैं .मुझे लगता है की ये पोस्ट आपने सुरेश जी की पोस्ट के बदले के रूप में लगाईं है.लेकिन इन चीज़ों का धर्म से कुछ सम्बन्ध है ही नहीं .ये गलत कार्य कोई भी करे वो सिर्फ एक इंसान के रूप में शैतान है जिसे की कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.उन्हें हिन्दू मुस्लिम के रूप में ना देखें .
अच्छी लेख
ReplyDeleteअच्छी लेख
ReplyDeleteइसलाम में rapist की क्या सज़ा है मैं कई बार मुस्लिम दोस्तों के साथ किश्ती में सेर की वह चुम्मी चाम्मी से आगे नहीं बढते लेकिन एक बार शर्मा जी के साथ बैठी तो उस दिन मुझे ही शर्मा बनना पडा
ReplyDelete@आनंद जी! नाराज मत हो यही सवाल हम मुस्लिम विद्वानो से पूछ लेते है कि क्या कुरआन या हदीस मे ब्लातकार का बयान मिलता है?
ReplyDelete@गौरव अग्रवाल!भागवत 9-20-36 के अनुसार गुरुकुल कल्चर के फाऊन्डर देवताओ के गुरु barahaspati ने अपनी प्रेग्नेँट भावज ममता से बलात्कार किया और इससे भरद्वाज पैदा हुए क्या आपको पता है?
ReplyDeleteye daadi yukt manav,, chanz kaan ne kia kia tha jo aap avtarit hue,, batau kia sab ko
ReplyDelete‘लव जिहाद’ जैसी बाते बहुत ही बचकानी और बेवकूफ बनाने के अलावा कुछ भी नहीं है। यह केवल कुछ कुतर्कियों के मन की कहानी भर है।
ReplyDeleteMahak said...
@ जमाल भाई
सबसे पहले तो आपको इस खबर को अपने ब्लॉग पर रखने के लिए धन्यवाद
रतन सिंह शेखावत जी की बात से बिलकुल सहमत हूँ की -
"ऐसे दरिन्दे किसी भी धर्म में हो सकते है ऐसे प्रकरणों में किसी धर्म की शिक्षाओं का कोई असर नहीं होता |"
और आप के द्वारा दी गयी जानकारी से ये पता चलता है की ये दरिन्दे खुद भी और इनके परिवार वाले भी काफी अमीर मालूम होते हैं और जाहिर है इनकी पहुँच भी काफी ऊपर तक होगी .इसलिए न्याय होने की उम्मीद करना तो बेकार है.Police वाले क्या करेंगे ज्यादा से ज्यादा इन्हें 1 -2 दिन जेल में रखेंगे फिर इनके परिवार वाले इनकी ज़मानत करवा देंगे और बड़े बड़े वकीलों को hire कर लेंगे इनका केस लड़ने के लिए.वे ऐसी-२ दलील रखेंगे, ऐसे-२ सबूत मांगेंगे की की हर किसी को शर्म आ जाए और इन लड़कियों पर ही तरह-२ के दबाव बनाए जायेंगे केस वापस लेने के लिए.वैसे थोड़ी गलती इन लड़कियों की भी है जो आजकल 1 -2 दिन के नशे को प्यार समझ लेती हैं जबकि ये यह नहीं समझती की ये प्यार नहीं सिर्फ कुछ दिनों का आकर्षण है .
आज इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए 2 चीज़ों की ज़रुरत है -
1 .
ये जो इंसान के रूप में भेड़िये हैं इन्हें ऐसी सज़ा दी जाए जिससे की समाज के सामने एक example set हो .इसी प्रकार की एक घटना को सुरेश जी ने भी अपने ब्लॉग पर उजागर किया था और मैंने वहां भी कहा था की-"ऐसे लोगों को नंगा करके पीटना चाहिए और इनकी खाल उधेड़ देनी चाहिए . समाज में एक message जाना चाहिए की जो इस तरह के इंसानियत को शर्मसार करने वाले काम करेगा उसे भयंकर सज़ा मिलेगी चाहे कोई गरीब करे या अमीर.
2 .
आज लोगों में नैतिकता का और सद्चरित्र का बहुत अधिक अभाव उत्पन हो गया है.उनमें अच्छे संस्कारों के ज़रिये नैतिकता को जगाना होगा और उन्हें चरित्रवान बनाना होगा .
बिल्कुल सही कहा महक भाई नें।
और अंत में एक बात की और ज़रूर आपका ध्यान चाहूंगा की ये जो इस पोस्ट को heading आपने दी है की -"
Love Fasad लो कर लो हिन्दू युवाओं पर ऐतबार , झूठे प्यार की सच्ची दास्तान
ये बिलकुल सही नहीं है क्योंकि इस चीज़ का धर्म से कोई लेना देना नहीं है .अब इस तरह के केस तो मैं भी आपको दिखा सकता हूँ जिसमें मुस्लिम लड़के ऐसे दुष्कर्म कर रहें हैं .मुझे लगता है की ये पोस्ट आपने सुरेश जी की पोस्ट के बदले के रूप में लगाईं है.लेकिन इन चीज़ों का धर्म से कुछ सम्बन्ध है ही नहीं .ये गलत कार्य कोई भी करे वो सिर्फ एक इंसान के रूप में शैतान है जिसे की कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.उन्हें हिन्दू मुस्लिम के रूप में ना देखें.
यह भी ठीक कहा है, कोई अपना नाम हिंदू रखने से हिंदू नहीं हो जाता है, इसी तरह कोई मुस्लिम नाम रख लेने भर से ही कोई मुसलमान नहीं हो जाता है। अगर किसी भी धर्म की शिक्षाओं को देखना है तो उसके धर्म ग्रन्थों को पढ़ना चाहिए या फिर उनका सही तरीके से पालन करने वालो को देखना चाहिए।
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ReplyDeleteiska javab dena koi mushkil kaam nahi hai, par me vishayantar nahi karna chahta
ReplyDeletemain bas ye kehna chahta hon ki aaj ki peedi ko chritra heen banane me kisi dharm ka nahi pashchatya andhanukaran ka haath hai
shayad main aapko apni baat samjha nahi paya, darasal hindu aur muslim do bhai hai jo bharat maa ke bete hai, videshi mehmaano ke kaan bharne se ye ek doosre ke prati asuraksha mehsoos karne lage hai
main jab jab aapko asli pareshaani (videshi andhanukaran ) ki yaad dilaunga , kya aap sirf ek dusre ki kamiyo nikalne ki parampara nibhana chahenge
shri ashfaqulla khan khan se thodi seekh lenge to ham sabka bhala hoga
agar ve bhee isi tarah ki baaten sochte hote to desh ajad kaise hota ??
agar garv karne layak sthiti kisi ki hai to vo un videshiyon ki hai jo hame ladva kar aaram se chale gaye, aur kahin door baith kar aaram se hamari ladai ki khabren pad kar hanste honge ham par (ham dono par )
@ गौरव भाई
ReplyDeleteअच्छा और बिलकुल सही लिखा है लेकिन अगर हिंदी में लिखेंगे तो और अच्छा लगेगा
@ mahak जी से सहमत गौरव बारे में
ReplyDeleteअच्छा और बिलकुल सही लिखा है लेकिन अगर हिंदी में लिखेंगे तो और अच्छा लगेगा
सामने वाले को अपने मुकाबिल मुकाबले का देखना चाहते हैं हम
@Anand Pandey Ji
ReplyDeleteआप जमाल साहब की बात को अन्यथा न लें. उनके कहने का दूसरा मतलब है. जिस तरह कुरआन में बलात्कारियों के लिए सजा का प्रावधान है, उसी तरह वेदों में भी होना चाहिए. लेकिन इस बारे में आप जैसा कोई विद्वान ही बता सकता है.
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ReplyDelete@Mohammed Umar Kairanvi :
ReplyDeleteभाईजान, मैं यहाँ मुकाबला करने नही आया हूँ
इतिहास साक्षी है कि आपसी फूट हमेशा एक बड़ा कारण रही है जिससे बाहरी ताकतें भारत पर हावी होती रही है .
अगर श्री अशफाक उल्ला खां भी मनमुटाव वाला रवैया अपनाते तो देश कैसे आजाद होता ??
@गौरव अग्रवाल जी पाश्चात्य कल्चर हटा कर कौन सा कल्चर लाया जाएगा उस कल्चर के नियम कानून क्या होँगे
ReplyDeleteसबूत की बात गोल कर गए जमाल साहब?
ReplyDeleteसुरेश चिपलूनकर जी की हर पोस्ट में तथ्य था तस्वीरो और लिंक्स के साथ.. आपकी बनी बनायीं जूठी खबरों की तरह नहीं.. आपने कहा और हमने मान लिया.. हेहे
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ReplyDelete@Dr. Ayaz ahmad
ReplyDeleteवैसे इस कल्चर का नाम होना चाहिए भारतीयता और सबसे पहले भारतीयता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसका पहला और आखिरी नियम होना चाहिए कि कोई किसी भी तरह से दूसरे धर्म पर उंगली नही उठाएगा,चाहे वो किसी भी स्तर का विद्वान हो
उसके बाद हर व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार रहे.
याद रखें कि ....
देश सुरक्षित तो धर्म सुरक्षित ||
धर्म सुरक्षित तो हम सुरक्षित ||
गिरि जी आपके बारे में मेरे यहां कमेंट कर गये मैंने उनसे पूछा है कि उन्होंने chod कहा है या chhod कहा है, जल्द ध्यान दें वरना अनवर साहब बुरा मान जायेंगे
ReplyDeleteTarkeshwar Giri said...
Anwar jamal ko kidhar chod diya apne
कैराना में शिक्षा एवं सामाजिक जागरूकता लाने के लिये आयी ब्लागजगत की मशहूर हस्तियां
http://umarkairanvi.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
शर्मनाक।
ReplyDeleteडॉ. अनवर जमाल साहब, बलात्कार और बलात्कारियों का हल सिर्फ और सिर्फ शरियत कानून में है. ना तो भारतीय कानून में और ना ही वैदिक धर्म के कानूनों में. शरियत के हिसाब से बलात्कारी को मौत की सजा मिलती है, क्योंकि वह एक औरत को तिल-तिल कर मरने पर मजबूर कर देता है. एक इज्ज़त ही तो होती है एक औरत के पास और ऐसा वहशी उसको ही तार-तार कर देता है. ऐसे दरिंदो को तो सारे आम मौत आने तक कोड़ो से मारा जाना चाहिए. ताकि देखने वालो को भी नसीहत मिले की ऐसे जुर्म कि यह सजा होती है.
ReplyDeleteदरअसल एक बार मेरी अम्मी भी एक बार इसी तरह किसी ज़ालिम और गलीज़ हिंदू के साथ भाग गईं थी. वो काफ़िर का बच्चा, उनके साथ १ महीने तक बलात्कार करता रहा. पर हद तो तब हो गयी जब मैं और अब्बू उन्हें उस हिंदू के घर से वापिस बुलाने आये तो अम्मी ने वापिस जाने से इनकार कर दिया. मुझे तो लगता है कि या तो अम्मी अत्यंत कामातुर हो गयी थी या फिर उस काफिर ने उन पर जादू-टोना कर दिया था...खैर जब से उनके सामने कुर'आन-शरीफ पेश की गईं तो फिर वो होश में आ गईं और वापिर घर आने को तैयार हो गईं.
ReplyDeleteडॉ साहब, एक बात बताईये, कि आप PhD वाले डॉक्टर हैं या चिकित्सक हैं ?
ReplyDeleteअगर आप चिकित्सक हैं तो कृपया मेरी एक निजी समस्या का समाधान करें. मुझे अफ़सोस है कि मुझे अपनी समस्या को इस तरह सबके सामने नेट पर पब्लिश करना पढ रहा है पर क्या करू मर्ज़ हद से गुज़रता जा रहा है.
दरअसल मेरे गुप्तांग में कुछ-कुछ पुरुष गुप्तांग जैसा उग रहा है, मुझे शर्म आ रही है बताते हुए पर, कहना होगा कि इससे मेरे और मेरे जीवन साथी के सम्भोग करने के दौरान बहुत समस्या उत्पन्न हो रही है, कृपया समाधान बताएं, आपकी आभारी रहूंगी...
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ReplyDelete.
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आदरणीय डॉ० अनवर जमाल साहब,
सबसे पहली बात कि "ऐसे दरिन्दे किसी भी धर्म में हो सकते है ऐसे प्रकरणों में किसी धर्म की शिक्षाओं का कोई असर नहीं होता |"
"इसलाम की शिक्षाएं ऐसे हादसों से रक्षा करती हैं। लड़के-लड़कियों का उन्मुक्त मिलन और प्रचलित ढंग की सह-शिक्षा इसलाम में वर्जित है जब तक इस व्यवस्था को नहीं बदला जायेगा। ऐसे हादसे होते रहेंगे। अपनी औलाद की हिफ़ाज़त की ख़ातिर इसलामी नियमों की जानकारी हासिल कीजिए और अपने बच्चों को भी दीजिए।"
यह कोई हल नहीं, दो स्थितियों की कल्पना कीजिये...
१- हर दरवाजे, मकान, दुकान पर एक बड़ा सा और मजबूत ताला ।______ चोरियां फिर भी नहीं रूकेंगी, बस चोरों के औजार बेहतर हो जायेंगे।
२- कहीं कोई ताला नहीं, सब कुछ खुला-बिना ताले के ______ कोई चोरी नहीं करता क्योंकि सभी संयमी व चरित्रवान हैं।
आदर्श स्थिति हर हाल में दूसरी ही है । लड़के-लड़कियों को अलग अलग रखने और सहशिक्षा से वंचित रखने पर यौनकुंठितों, दोगलों का एक समाज बनेगा... इस बात के पैरोकारों में से अधिकतर यौनकुंठित हैं भी... जिन्हें किसी विपरीतलिंगी से सामान्य बात तक करने में दिक्कत होती है ।
जबकि यदि उनको यह सिखाया जाये कि विपरीतलिंगी भी एक इन्सान ही है, वह विपरीतलिंगी सहपाठी के साथ सहज व्यवहार करना सीखें तथा समझें कि पढ़ने लिखने की उम्र में पढ़ाई व विवाह की उम्र में उपयुक्त जीवन साथी के साथ विवाहोपरान्त ही यौन संबंध बनाने चाहिये, तो इस तरह की घटनायें कम होंगी।
@ आदरणीय अंजुम शेख जी,
"बलात्कार और बलात्कारियों का हल सिर्फ और सिर्फ शरियत कानून में है. ना तो भारतीय कानून में और ना ही वैदिक धर्म के कानूनों में. शरियत के हिसाब से बलात्कारी को मौत की सजा मिलती है।"
दुख के साथ कह रहा हूँ कि ऐसा वास्तव में है नहीं । मेरी इस बात को समझने के लिये कृपया यह पोस्ट व विशेष रूप से उस पर की गई मेरी टिप्पणियाँ पढ़ें ।
आभार!
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ReplyDeleteइस्लाम व कुरान पर महापुरुषों द्वारा दिए गए क्रातिकारी विचार पढ़ें..............
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zeashan zaidi ji
ReplyDeleteपहले तो आपको ये बता दूं कि वेदों में बलात्कार है ही नहीं और इसीलिये उसमें इसकी सजा भी नहीं है।
दूसरी बात वेदों में तलाक भी नहीं है अत: उसके लिये भी कोई नियम कानून नहीं है।
वेदों में और बहला फुसला कर योन पिपाशा शांत करने में कोनसी समानता हे ....अप हर बात को वेद कुरान के साथ क्यों जोड़ रहे हो ,,कुतरक से क्या सिद्ध करना कहते हो आप ?
ReplyDeleteएक १५ वर्ष की लड़की लड़की को उसकी इच्छा के विरूद्ध हजारो मील एक ८० वर्ष के बूढ़े शेख के साथ निकाह किया जाता हे ,जिसके पहले ही २० सोतने हे ये भी कुरान के हिसाब से सही हे ?सही हे क्योकि कुरान कहती हे
ReplyDelete@Praveen Shah Ji
ReplyDeleteआपने बलात्कार रोकने के दो तरीके बताये, और उसमें ये कहा की दूसरा तरीका ज्यादा असरकारी है. अब असरकारी तो कुछ हद तक पहला तरीका भी है. बलात्कार एक ऐसा घृणित कृत्य है की उसकी रोकथाम के लिए हर मुमकिन तरीका अपनाना चाहिए. इसलिए कुरआन दोनों ही तरीकों की बात करता है. पहले तो सेक्स के लिए इतनी आजादी दे रहा है की बलात्कार की ज़रुरत ही न पड़े, और उसके बाद भी कोई निहायत कुत्सित मानसिकता का व्यक्ति यह कृत्य करता है तो उसके लिए कठोर दंड भी है.
@Mr.Anonymous ! आप जो कह रहे हैं अपने मन से कह रहे हैं या किसी हदीस से यह बात कह रहे हैं ?
ReplyDeleteमैंने जो भी लिखा है आप मुझ से उसका हवाला मांग सकते हैं . मैंने तो अजित जी के ब्लॉग पर भी जा कर कहा कि श्री कृष्ण जी ने कभी रस लीला खेलने का पाप नहीं किया . महापुरुष समाज के सामने आदर्श पेश करते हैं . उनके बाद स्वार्थी लोग शोषण करते हैं और महापुरुषों को कलंकित करते हैं . कृपया मेरे लेख देख कर बताएं कि मेरी कौन सी बात अप्रमाणिक है ?
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मुझे कुछ बाते आनन्द पांडे जी से कहनी हें ,वह लिखते हें कि वेदों में बलात्कार या बलात्कारी कि सज़ा नहीं हे ,न ही वेदों में तलाक़ आदि की बात हें अर्थात वेदों में वर्तमान युग की समस्सियाओं का समाधान नहीं हे ,अरे भाई हम यही तो कहते हें की यह धर्म पुस्तके ईश्वरीय गरंथ थे परन्तु पुराने समय के लिए थे , इस समें के लिए ईश्वरीय गरंथ कुरान हें जिस में इस दोर की हर समस्या का समाधान मोजूद हें ,परन्तु उस के नाम से आप का जायका खराब हो जा ता हें ,अरे भाई में कह्ताहूँ ,कुरान आपका भी इतना ही हें जितना मेरा ,ओर कुरान में आज के समय की हर समस्सया का समाधान मोजूद हें ,जिसे लोग स्वीकार भी करते हें, परन्तु बेक डोर से, वह केसे? उसे देखें ,,, भारतीय संसद ने महिलाओं के लिए ३३पर्तिशत आरक्षण तय किया हें , अर्थात दो हिस्से पुरुषों के ओर एक हिस्सा महिलाओं का ,अब में आप को यह बतादूँ कि कुरान ने चोदा सो वर्ष पूर्व यह नियम बना दिया था कि पुरुषों के दो हिस्से होंगें ओर महिलाओं का एस हिस्सा ,,देखे कुरान ४/१०
ReplyDeletemai to comment padhkar kewal anand leta hu. tum log apna dimag kharab karo aur mai maje luga. Ha Ha Ha
ReplyDeleteबलात्कार क्यों होता है कपड़े पहन लेने से या कपड़ा उतार देने से जानवरों में तो ऐसा नहीं होता जबकि सब नंगे हैं।जो व्यक्ति प्रेम को नहीं जाना जिनका दिमाग तो बढ़ गया दिल विकसित न हो सका वही बलात्कार करते हैं या जिन्हें उसी प्रकार से शिक्षित किया गया।कुरान में या वेद में कुछ नहीं सत्य तुम्हारे में है ।
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