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Monday, May 17, 2010

A grave in the womb . क्या मां-बाप को अपने अपाहिज भ्रूण को गर्भ में ही मार डालना चाहिये ?


मैं 15 अप्रैल 2010 को डा. मीनाक्षी राना के केबिन में अपनी पत्नी के साथ था ।

मेरी वाइफ़ प्रेग्नेंट है और उनकी तरफ़ तवज्जो देने की ख़ातिर मैंने अपना टी. वी. भी बन्द कर दिया है और अपने इन्टरनेट के सभी कनेक्शन भी सिरे से ही कटवा डाले । जो भी ज़रूरी चीज़ें दरकार हैं तक़रीबन सभी मुहैया करने की कोशिश की । डा. मीनाक्षी अपने पेशेंट्स की 7 वें महीने के बाद अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट्स देखकर गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत का अन्दाज़ा करती हैं । पहली रिपोर्ट के बाद आज उन्होंने ‘बी‘ लेवल का अल्ट्रा साउंड टेस्ट करवाया था । रिपोर्ट देखकर उन्होंने बताया कि शिशु का दिमाग़ आपस में जुड़ते वक्त थोड़ा ओवरलेप करके जुड़ा है , उसकी रीढ़ की हड्डी भी तिरछी है और उसकी कमर में एक रसौली भी है । डा. मीनाक्षी ने मुझे सारी कैफ़ियत बताने के बाद कहा कि मेरी राय में आप


‘इसे‘ टर्मिनेट करा दीजिये ।
मैंने उन्हें क्या जवाब दिया और क्यों दिया , यह तो मैं आपको बाद में बताऊंगा लेकिन पहले मैं आपका जवाब जानना चाहता हूं कि अगर पेट में पल रहा बच्चा अपाहिज हो और पैदा होने के बाद भी वह आजन्म अपाहिज ही रहे तो क्या उसकी मां की कोख को ही उसकी क़ब्र बना दिया जाए ?

आजकल आपने कन्या भ्रूण की हिफ़ाज़त के हक़ में कुछ आवाजे़ ज़रूर सुनी होंगी लेकिन क्या आपने अपाहिज भ्रूण की हिफ़ाज़त में उठने वाली कोई आवाज़ कभी सुनी है ?

जबकि इस तथाकथित सभ्य समाज में बड़े पैमाने पर पढ़े-लिखे लोग अपाहिज भ्रूणों की हत्या कर रहे हैं ?

आप यह भी देखिएगा कि लोग बिना पढ़े ही किस तरह इस पोस्ट को माइनस वोट करते हैं ?

29 comments:

  1. हर बेहतर इंसान अल्लाह के फैसले पर सहमति की मुहर लगाता है। और हर बदतर इंसान इबलीस के एतराज के लिये नया सुबूत बन जाता है। अब हमारे लिये यह फैसला करना है कि बेहतर बनकर अल्लाह के फैसले से सहमति दिखानी है और जन्नत में जाना है या बदतर बनकर इबलीस को और ज्यादा हंसने का मौका देना है और उसके साथ जहन्नुम में रहना है?

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  2. आजकल आपने कन्या भ्रूण की हिफ़ाज़त के हक़ में कुछ आवाजे़ ज़रूर सुनी होंगी लेकिन क्या आपने अपाहिज भ्रूण की हिफ़ाज़त में उठने वाली कोई आवाज़ कभी सुनी है ?

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  3. मां की कोख को ही उसकी क़ब्र बना दिया जाए? सारी बातें पढ कर मैं समझ नहीं पा रहा क्‍या कहूं? शायद माँ ही इसका मुनासिब जवाब दे पायेगी या फिर जिस पे बीती वही जवाब दे पायेगा

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  4. - बच्चे अपने महत्व का आभास करते हैं।
    - बिना भय के अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
    - उनके कार्यों में विकास हो ।
    - अपनी संवेदनाएं बड़ी ही सरलता से व्यक्त करते हैं।
    - जहां आवश्यकता हो वहां किसी का अपमान किए बिना आगे बढ़ जाते हैं
    - दूसरों की योग्यताओं को देखते और उसे दूसरों से बयान करते है।
    - अपने अधिकारों की रक्षा करते हैं और दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं करते।
    - अपने उद्धेश्यों की दिशा में बढ़ने वाले कार्यों का चयन करते हैं।

    http://www.islamshia-w.com/Portal/Cultcure/Hindi/CaseID/56662/71243.aspx

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  5. हम आज तक ये कहते आए है कि पालने वाला तो अल्लाह है । और अल्लाह अपने नेक बंदो का इम्तहान भी लेता है मै नही समझता कि आपके लिए फैसला लेने मे मुश्किल होगी । आप और आप जैसे लोग हमेशा अल्लाह की रज़ा मे राज़ी रहने वाले है अल्लाह ने चाहा तो जो भी होगा अच्छा ही होगा । यहाँ तो ऐसे लोग जमे है जो अपनी अच्छी खासी बच्चियो को भी मार डालते है वे आपको क्या सलाह देंगे आप भी खूब जानते है।

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  6. खुद की महानता सिद्ध करने के लिए आज ये कोई नया शगूफा छेड दिया. ये कैराणवि, ऎयाज अहमद, विश्व गौरव, फौजिया, जीशान जैदी जैसी तुम्हारी छदम भेषधारी जुंडली तो हाँ में हाँ मिलाकर जरूर तुम्हे महान साबित कर देगी लेकिन सारा ब्लागजगत तुम लोगों की नौटंकी को बडी अच्छी तरह से जान गया है.डा. मीनाक्षी राणा(हिन्दू) नाम से काल्पनिक करैक्टर घड कर अपने आपको दयाद्र, अल्लाह का नेक बन्दा साबित करने के लिए तुमने जो ये मनघड्न्त कहानी बुनी है, उसका मकसद सिर्फ इतना है कि हिन्दुओं को कैसे भी करके नीचा दिखाना.
    ओर जो ये तुम लिख रहे हो कि मैने सारे इन्टरब्नैट कनैक्शन कटवा दिए तो अभी पिछले महीने हमारी अन्जुमन ब्लाग पर कैराणवी से सम्बोधित होकर तुम्ही नें एक टिप्पणी की थी न कि "मैने घर पर इन्टरनैट कनैक्शन नहीं लगवा रखा. मै साईबर कैफे से ब्लागिंग करता हूँ."
    अरे शर्म करो. अभी ओर कितना नीचे गिरोगे. थू है तुम लोगों के ईमान पर.

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  7. डॉ. आप भी भावना का ज्वर ले आते हो ....बच्चा सबसे प्यारा होता हे .इश्वर का वरदान ,माँ चाहे कोई हो नहीं चाहेगी की उसकी ओलाद चाहे जेसी हो ,उसकी आँखों के सामने दुख पाए|

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  8. लखनव से छपे अंग्रेजी दैनिक पनियर ने अपने 14 agust 1995 के अंक में तत्कालीन केंद्रीय सरकार के नगर विमानन मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने का जम्मू में दिया गया वक्तव्य छापा......
    "'जमाते इस्लामी दुवारा चलाये जा रहे मदरसों ने कश्मीर घटी के धरम निर्पेक्स ताने बाने को बहुत नुक्सान पंहुचाया हे ,नो जवानो में katrrvad को हवा दी हे ,....घाटी के युवको को बन्दूक संस्कृति से परिचय इन मदरसों ने करवाया और वे हिंसा का परचार करते हे ..

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  9. मदरसों में तालीम किस से दी जारही डॉक्टरो ??भारत में विद्या का अर्थ हे अन्तरिक्ष से ले कर अध्यात्म ,भोतिक से ले आरयू विज्ञानं ,ऐसे अनेक परकार के ज्ञान |तालेबान का अर्थ होता हे ज्ञान अर्जन करने वाला ,वो क्या ज्ञान अर्गें करते हे किसी से चुप नहीं ?तालीबान सामन्यता कुरान के विद्यार्थी होते हे |आप निर्णय करो की कोनसा ज्ञान श्रेष्ठ हे

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  10. न्यूटन जन्म के समय अविकसित था।
    संसार का महान गणितज्ञ यूलर अंधा था।
    आइंस्टीन जन्म से दिमागी रोग डिस्लेक्सिया से पीड़ित था।
    एडीसन भी मानसिक रूप से अविकसित था।
    अगर उस समय अल्ट्रा साउंड मशीनें होतीं तो शायद....
    अल्लाह से बढ़कर कोई डॉक्टर नहीं और कुदरत से बढ़कर कोई मशीन नहीं!

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  11. @man जी राष्ट्र और राष्ट्रवाद की सही परिभाषा बताओ क्या आप श्रीराम सेना, शिवसेना बजरंग दल अभिनव भारत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आदि के राष्ट्रवाद की बात कर रहे
    या आपका राष्ट्रवाद कुच्छ और है आपने हमें अब तक नहीं बताया ये आपके पिछली पोस्ट पर पूछे गए सवाल का जवाब है आप इन आतंकवादी संगठनो के राष्ट्रवाद से सहमत है या नहीं ?

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  12. अरे शर्म करो. अभी ओर कितना नीचे गिरोगे. थू है तुम लोगों के ईमान पर.
    उपर लिखे शब्द कहने वाले को शायद ईमान का पता भी नहीं हो सच तो ये है की यहाँ पर सारी बात ईमान की ही हो रही है पर ये बेईमान कया जाने ईमान के बारे
    मे इन्हें तो बस negative वोट देना है झूठ बोलने वाले को दुसरे का सच भी झूठ ही लगता है

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  13. डा० अयाज़ साहब की बात से सहमत
    अल्लाह ताला हमेशा अपने बन्दो का इम्तिहान लेता है ,अब जिसने अल्लाह पर भरोसा रखा वो कामयाब हुआ......
    आप को फ़ैसला लेने में कोई दिक़्क़त नही होगी, क्यूंकी आप जैसे लोगो से ही हम नासमझो को राह मिलती है

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  14. अल्लाह आप को हर इम्तिहान में कामयाब करे (आमीन)

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  15. कभी ऐसा होता है इंसान जिसको अपने लिए बुरा समझता है हो सकता है अल्लाह ने उस में ख़ैर रखी हो.
    अल्लाह ताला कभी किसी को मायूस नही करता वो बहुत रहीम है
    ''बेशक अल्लाह सब्र करने वालो के साथ है''

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  16. इन संघटनो से आप के M.D.H. की देगी मिर्च क्यों लगती डॉ. अयाज जी ? इन होने तो कोई ऐसा देशद्रोही काम नहीं किया हे ,जिस से आप उन्हें आतंक वादी कह सके ,हाँ इन्होने पाक SUPORTER के नाक में दम जरूर कर रखा हे ...

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  17. कल की पोस्ट एक ऐसी मानवीय पहल है जो शायद कभी किसी मंच से उठाई गई हो "अपाहिज bhurno की सुरक्षा " ये आवाज पहली बार हिंदी ब्लागजगत या किसी और मीडिया माध्यम से पहली बार ही आई है ये मामला चाहे अनवर साहब की साथ हो या किसी अन्य व्यक्ति की साथ इसमे सबको मानवता का पक्ष ही रखना चाहिए था

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  18. @man जी आपने देखा इन जाली राष्ट्रवादियो का कमाल इस मानवता से सराबोर पोस्ट पर भी नकारात्मक वोट डाल दिया ।ये लोग अपाहिज भुर्णो को क्या समझे ये स्वस्थ भुर्णो को भी माँ का पेट चीरकर त्रिशूल से मारकर हवा मे लहराते है ।क्या यही इनका देशप्रेम और राष्ट्रवाद है? अब भी आप इन जाली राष्ट्रवादियो को क्या कहेंगे

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  19. @ चेयरमैन ब्लागवाणी शायद आपके दफ्तर मे भी कोई माधुरी गुप्ता जैसा कोई गद्दार गुप्ता घुस गया है जिसे आप पहचान नही पा रहे है । और वह ब्लागवाणी का भट्टा बिठाए जा रहा है इसका अहसास हमे तब हुआ जब अनवर साहब की हिट पोस्टो को भी HOT मे नही दिखाया जाता जबकि पोस्ट पर दर्शक संख्या भी अच्छी होती है वोट और टिप्पणी भी काफी होती है

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  22. @अविनाश वाचस्पति जी ! आप या तो दो बोल मेरी हमदर्दी में बोलते या फिर अपाहिज भ्रूण के हक़ में अपनी जुबान खोलते लेकिन यह क्या कि आप इतनी संवेदनशील पोस्ट पर ‘ज़लज़ला‘ उठा लाए ? आपसे ऐसी संवेदनहीनता की उम्मीद तो क़तई न थी ।

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  23. दो. अयाज साहब जो ये नेगेटिव कमेन्ट और नेगेटिव वोटिंग करते जरूरी नहीं हे की वो इन हिन्दू संघटनो से हो ,डॉ साहब आप बार बार र्क्यो गुजरात कांड को आगे कर देते हो जबकि ये पर्तिकिरिया थी ,,,याद रखो की शुरुवात कंहा से हुई ,,आप ने शायद इतिहास नहीं पढ़ा या जानबूझ के इस तथ्य को उड़ाना चाहते हो की एक हजार साल तक हिन्दू वो ने कितनी जलात और अत्याचार की जिन्दगी जी ,,उनका सामूहिक नरसंहार हुआ ,,३०००० हजार माँ बहनों का सामूहिक बलात्कार हुवे ये तो एक एक बार की घटनाये हे ,ना जानी कितने जुर्म्म के दर्रिन्दो ने छोटे छोटे मासूम बचो को उनकी मावो से अलग किया गया, वो अपने माँ बाप की हालत देख के बिलखते थे ,बाबर जेसा कुता दरिंदा शराब की चुस्कियो के साथ हिंदुवो के सर कट ते देख उसको असीम आनंद आता ,हिंदुवो की बहन बेटियों को काबुल कंधार की गलियों में दो दो दिनारो में बेचा गया ,,हिन्दू अपने परिवार की हत्या कर सकता हे लकिन गो हत्या नहीं उसी गोउ को उसकी आँखों के सामने मंदिरों में काटा गया ,,|,ये क्या हे डॉ ?आप इसे क्या कहेंगे ?आज हिन्दू इन संघटनो के जरिये एक हो रहा हे तो आप के पेट में दर्द क्यों हो रहा हे,,,क्योकि बाबर्र ही आप का हीरो हे ,|आज हजारो हिंदुवो में मुस्लिम बड़े शान से रह ता हे ...लकिन १०० मुस्लिम एक हजार हिंदुवो के लिए मुसीबत बन जाते हे ?ये कटु सच्चाई हे ,हिंदुवो को एक करने काम ये संघटन बढ़िया तरीके कर रहे ..माँ जगदम्बे भावनीकी किरपा से हिन्दू आगे बढ़ता रहेगा |

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  24. आपसे ऐसी संवेदनहीनता की उम्मीद तो क़तई न थी ।
    ब्लॉगर्स से भरे इस आभासी संसार में हमदर्दी के दो बोल अगर मिले भी तो अपने इस्लामी भाइयों से , बाक़ी सबकी संवेदना कहां सो गई ?
    एक दो जाली राष्ट्रवादी आये भी तो अपना वही पाकिस्तान का राग अलापते रहे या फिर मुझे ही झूठा कहकर अपना फ़र्ज़ पूरा समझ लिया ।
    मैं सभी मोमिन भाइयों का बेहद शुक्रगुज़ार हूं
    और ख़ास तौर पर ज़ीशान भाई का कि उन्होंने भारत में हिन्दी साहित्य संसार में पहली बार अपाहिज भ्रूणों के जीवन की रक्षा के हक़ में उठने वाली आवाज़ को बल दिया । मेरे दिल का हौसला और मेरे ईमान को तक़वियत दी । अभी-अभी पोस्ट लिखने के दौरान ही भाई तारकेश्वर गिरी जी से बात हुई । उनकी जानकारी में मेरे हालात पहले से ही हैं । उनसे मैंने विशेष तौर कहा कि जो भी आपको उचित लगे आप ज़रूर बतायें । देखिये कि उनकी टिप्पणी कितनी देर में प्राप्त होती है ।

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  25. आपसे ऐसी संवेदनहीनता की उम्मीद तो क़तई न थी ।
    ब्लॉगर्स से भरे इस आभासी संसार में हमदर्दी के दो बोल अगर मिले भी तो अपने इस्लामी भाइयों से , बाक़ी सबकी संवेदना कहां सो गई ?
    एक दो जाली राष्ट्रवादी आये भी तो अपना वही पाकिस्तान का राग अलापते रहे या फिर मुझे ही झूठा कहकर अपना फ़र्ज़ पूरा समझ लिया ।
    मैं सभी मोमिन भाइयों का बेहद शुक्रगुज़ार हूं
    और ख़ास तौर पर ज़ीशान भाई का कि उन्होंने भारत में हिन्दी साहित्य संसार में पहली बार अपाहिज भ्रूणों के जीवन की रक्षा के हक़ में उठने वाली आवाज़ को बल दिया । मेरे दिल का हौसला और मेरे ईमान को तक़वियत दी । अभी-अभी पोस्ट लिखने के दौरान ही भाई तारकेश्वर गिरी जी से बात हुई । उनकी जानकारी में मेरे हालात पहले से ही हैं । उनसे मैंने विशेष तौर कहा कि जो भी आपको उचित लगे आप ज़रूर बतायें । देखिये कि उनकी टिप्पणी कितनी देर में प्राप्त होती है ।

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  26. @ जमाल भाई

    क्या मेरे ब्लॉग की इस पोस्ट पर ये comments आपकी तरफ से किये गयें हैं ?

    http://rashtravaad-mahak.blogspot.com/2010/05/there-is-no-doubt-in-it.html

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  27. जमाल भाई
    क्या मेरे ब्लॉग की इस पोस्ट पर ये comments आपकी तरफ से किये गयें हैं ?

    http://rashtravaad-mahak.blogspot.com/2010/05/there-is-no-doubt-in-it.html

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  28. जमाल भाई
    क्या मेरे ब्लॉग की इस पोस्ट पर ये comments आपकी तरफ से किये गयें हैं ?

    http://rashtravaad-mahak.blogspot.com/2010/05/there-is-no-doubt-in-it.html

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