सनातन धर्म के अध्ययन हेतु वेद-- कुरआन पर अाधारित famous-book-ab-bhi-na-jage-to
जिस पुस्तक ने उर्दू जगत में तहलका मचा दिया और लाखों भारतीय मुसलमानों को अपने हिन्दू भाईयों एवं सनातन धर्म के प्रति अपने द़ष्टिकोण को बदलने पर मजबूर कर दिया था उसका यह हिन्दी रूपान्तर है, महान सन्त एवं आचार्य मौलाना शम्स नवेद उस्मानी के धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन पर आधारति पुस्तक के लेखक हैं, धार्मिक तुलनात्मक अध्ययन के जाने माने लेखक और स्वर्गीय सन्त के प्रिय शिष्य एस. अब्दुल्लाह तारिक, स्वर्गीय मौलाना ही के एक शिष्य जावेद अन्जुम (प्रवक्ता अर्थ शास्त्र) के हाथों पुस्तक के अनुवाद द्वारा यह संभव हो सका है कि अनुवाद में मूल पुस्तक के असल भाव का प्रतिबिम्ब उतर आए इस्लाम की ज्योति में मूल सनातन धर्म के भीतर झांकने का सार्थक प्रयास हिन्दी प्रेमियों के लिए प्रस्तुत है, More More More
Thursday, June 12, 2014
मध्य पूर्व में दुश्मनी की दीवार ढहा दो: पोप
पोप फ्रांसिस ने मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की दिशा में एक साहसिक कदम उठाते हुए वेटिकन में एक अप्रत्याशित अंतर-धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया. इसमें इजरायल और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने हिस्सा लिया.
इजरायल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेस और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास की उपस्थिति को 'भाईचारा का महान प्रतीक' बताते हुए पोप फ्रांसिस ने रविवार को दोनों नेताओं को दो घंटे तक इतालवी में संबोधित किया और उनसे कहा कि 'बच्चे संघर्षो से थक चुके हैं और परेशान हो गए हैं.
उन्होंने दुश्मनी की दीवार ढहाने का आह्वान किया और सभी पक्षों से बातचीत और शांति के मार्ग पर चलने को कहा ताकि प्रेम और मैत्री की जीत सुनिश्चित हो सके. पोप ने कहा कि शांति स्थापित करने का आह्वान किसी हथियार से कहीं ज्यादा कारगर है.
अगले महीने राष्ट्रपति पद से निवृत्त होने जा रहे पेरेस (90) ने सामूहिक प्राथना समारोह के बाद दिए गए अपने संबोधन में सभी पक्षों से मध्य-पूर्व में शांति के लिए अपनी पूरी ताकत से जुटने का आग्रह किया और कहा कि इसके लिए त्याग व समझौते की दरकार भी होगी.
पोप फ्रांसिस और पेरेस के बाद अब्बास ने फिलिस्तीनी जनता के नाम संबोधन में कहा कि वे हमारे और हमारे पड़ोसी के लिए शांति चाहते हैं. साथ ही साथ एक सम्मानित जीवन तथा स्वतंत्रता चाहते हैं. उन्होंने भगवान से अपने संप्रभु एवं स्वतंत्र मुल्क में एक समृद्ध और संभावनाशील भविष्य मुहैया कराने की प्रार्थना की.
वेटिकन में यह अब तक का ऐसा पहला अंतर-धर्म कार्यक्रम था जिसमें ईसाई कार्डिनलों, यहूदी रब्बीस और मुस्लिम इमामों ने नए और प्राचीन धार्मिक लेखों व कुरान का पाठ किया. समारोह के बाद पादरी, पेरेस और अब्बास के बीच करीब 20 मिनट तक अकेले में बैठक चली जिसमें उन्होंने विचार विमर्श किया.
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