मेरे प्रिय भाई !
आपका एहसानमंद हूं कि आपने मुझपर इतना समय लगाया और इतना लंबा लेख लिखा।1.पहली बात तो मैं आपको यह बता दूं कि सेक्स कोई गंदी चीज़ नहीं है। विवाह संबंध का उद्देश्य नस्ल चलाना होता है और विवाह को एक धार्मिक संस्कार और क़रार माना जाता है वेद वालों के यहां भी और कुरआन वालों के यहां भी।
सम्भोग पर मैंने कई लेख लिखे हैं जो कि आपने संभवतः पढ़े ही नहीं।
संभोग एक पवित्र कर्म है इसे अपवित्र बनाता है हमारा ईश्वर की मर्यादा और सीमा को तोड़ना। अपने ब्लॉग पर मैंने इसी बात पर ज़ोर दिया है कि लोग मालिक का आदेश मानें और उसकी निश्चित की गई मर्यादा का पालन करें।
2. टैग में सेक्स लफ़्ज़ लिखने पर आपकी तरफ़ से कोई पाबंदी है या नेक दिखने के लिये ऐसा नहीं करना चाहिये ऐसा न तो आपने कभी बताया है और न ही किसी और ने। फिर आपका ऐतराज़ क्या मायने रखता है ?
3.‘सेक्स‘ को टैग बनाने के पीछे एक रोचक क़िस्सा है।
बहुत दिन पहले मैंने एक लेख सीता माता जी के विवाह के संबंध में लिखा था। उस लेख के लिये मुझे एक चित्र की खोज थी। गूगल पर इमेज खोजने के लिये मैंने अंग्रेज़ी में सीता लिखा तो आवारा लड़कियों के चित्र वहां नज़र आने लगे। मैंने पेज पर पेज पलटे लेकिन हरेक पेज पर यही क़िस्सा जारी रहा। मैं बहुत दुखी हुआ। सीता जी नेकी और पवित्रता की प्रतीक हैं उनका नाम लिखने के बाद उनके विपरीत चरित्र वाली औरतों के कामुक चित्र देखना मेरे जैसे हरेक भारतीय और ग़ैर भारतीय के लिये दुख की बात होना स्वाभाविक है। मैंने इस समस्या के मूल पर ग़ौर किया तो पता चला कि उस वेबसाइट में वह नाम कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में अवश्य आया है। सर्च इंजन टैग से भी ढूंढता है।
मैंने इस विधि को लोगों के ‘माइंड प्योरिफ़िकेशन‘ के लिये इस्तेमाल करना आरम्भ कर दिया ताकि अगर कोई आदमी सेक्स विषय पर जानकारी पाना चाहे तो उस तक केवल अमर्यादित और पापकारक जानकारी ही न पहुंचे बल्कि उसे पवित्र संदेश भी पहुंचे। हो सकता है कि उसके दिल पर मालिक का नाम या उसका पैग़ाम असर कर जाए और वह सच्ची तौबा करके गुनाह की दलदल से निकल आए।
जिन किशोरों और युवाओं को सेक्स और विवाह के संबंध में सही जानकारी नहीं दी जाती, वे जज़्बात में आकर ग़लत क़दम उठा रहे हैं। उन्हें बचाना है, समाज को बचाना है तो यौवन के बारे में उन्हें सही जानकारी देना बुनियादी ज़रूरत है।
आपने पूछा सो मैंने बता दिया। आपका नाम शम्स है और शम्स नाम के मेरे एक चाचा हैं जो एक मशहूर शायर हैं। इस नाम का लिहाज़ करते हुए आपको काफ़ी कुछ कन्सेशन दिये जाते हैं। उम्मीद है कि समझ जाएंगे।
मोहतरम जनाब शम्स जी की पोस्ट का एक अंश ‘भड़ास‘ से साभार है-
वेद कुरआन की बात करने वाला डा.अनवर जमाल भी सेक्स के भूत की चपेट में......
जो कुदरती है वह बुरा कैसे हो सकता है बुरा और भला तो हम अपने सामाजिक नियमों से अपने हितो को मद्देनजर रखते हुए निर्धारित करते है। नीतियां भी वही पचती हैं जो कि हमारे हित में हों फिर हम बाद में उसे जनहित, राष्ट्रहित और ना जाने किन किन के हित से जोड़ कर बताते हैं ताकि अधिकतम लोग हमारे साथ खड़े हो जाएं। जैसा कि मैं पहले ही लिख चुका हूं कि मैं अच्छा मुसलमान नहीं हूं यदि ईश्वर अल्ला जिन सिद्धांतों पर दुनिया को किताबो में बता रहा है तो मेरी तो मिट्टी खराब होनी है लेकिन क्या करूं बुद्धि जो उसने दी है वह भ्रष्ट हो गयी है कि भड़ास पर रम गया हूं।
जो अच्छे हिन्दू या मुसलमान होने के लिये ताल ठोंकते नजर आते हैं उनमें से डा.अनवर जमाल जो कि पूरी दुनिया को जमालगोटा दे रहे हैं कि सनातनधर्म और इस्लाम मे बहुत साम्य है दोनो एक ही है हिन्दुओं को मुसलमान बन जाना चाहिये क्योंकि अन्तिम संदेष्टा ने कहानी पूरी कर दी है अब कोई विवाद नहीं होगा आदि आदि। अनवर जमाल के पत्रा पर देखा तो दंग रह गया कि ये आदमी तो एक नंबर का टोटकेबाज़ है। पोस्ट में जो लिख रहा है सो तो है ही लेकिन लेबल्स(जो कि पोस्ट को सर्च इंजनों की पकड़ में आने के लिये कुंजी का कार्य करते हैं) में ऐसा शब्द प्रयोग कर रहा है जिसका कि पोस्ट से कोई लेना देना ही नहीं है।
अच्छा जवाब
ReplyDelete"मैंने इस विधि को लोगों के ‘माइंड प्योरिफ़िकेशन‘ के लिये इस्तेमाल करना आरम्भ कर दिया ताकि अगर कोई आदमी सेक्स विषय पर जानकारी पाना चाहे तो उस तक केवल अमर्यादित और पापकारक जानकारी ही न पहुंचे बल्कि उसे पवित्र संदेश भी पहुंचे। हो सकता है कि उसके दिल पर मालिक का नाम या उसका पैग़ाम असर कर जाए और वह सच्ची तौबा करके गुनाह की दलदल से निकल आए।"
ReplyDeleteएक नायाब ख्याल.
very nice thanks again and again
ReplyDeleteवाह डा० साहब क्या ख़याल है...बुराई में भी अच्छाई निकलना तो कोई आपसे सीखे
ReplyDeleteमैंने इस विधि को लोगों के ‘माइंड प्योरिफ़िकेशन‘ के लिये इस्तेमाल करना आरम्भ कर दिया ताकि अगर कोई आदमी सेक्स विषय पर जानकारी पाना चाहे तो उस तक केवल अमर्यादित और पापकारक जानकारी ही न पहुंचे बल्कि उसे पवित्र संदेश भी पहुंचे। हो सकता है कि उसके दिल पर मालिक का नाम या उसका पैग़ाम असर कर जाए और वह सच्ची तौबा करके गुनाह की दलदल से निकल आए।
ReplyDeleteआपने बिलकुल ठीक decision लिया जमाल भाई ,जहाँ पर पहले से ही रौशनी है वहाँ दीये की क्या ज़रूरत है ,उसकी असल ज़रूरत तो वहाँ है जहाँ पर अँधेरा है
आपका नाम शम्स है और शम्स नाम के मेरे एक चाचा हैं जो एक मशहूर शायर हैं। इस नाम का लिहाज़ करते हुए आपको काफ़ी कुछ कन्सेशन दिये जाते हैं। उम्मीद है कि समझ जाएंगे।
ReplyDeleteऔर मैं भी आपको 101% गारंटी देकर कहता हूँ की ऐसे लोग ना तो सुधरेंगे और ना ही समझेंगे,ऐसे लोगों को concessions देना इनके होंसले को बुलंद करना है,ये लातों के भूत हैं बातों से नहीं मानने वाले
दिलचस्प गुफ़्तगू है.
ReplyDeleteyaqeenan dilchasp guftgoo hai
ReplyDeletedr sahab, maine kal aapka sms aate hi ise apne mobile par raat men padh liya tha.. comment open nahin ho sakaa tha...
masha ALLAH~!!!
bahut achchha mind blowing
ReplyDeleteGood idea.
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