बेशक मुश्किल के साथ आसानी है। -अलकुरआन
प्रॉब्लम और अपॉरचुनिटीज़ दोनों ‘ट्विन‘ हैं। दोनों साथ साथ होती हैं। अगर आप भड़क उठते हैं तो आप अंधे हो जाते हैं। पाकिस्तान नफ़रत में अंधा हो गया है। उसने 4 बार इन्डिया पर अटैक किया और चारों बार हारा। उसे चाहिये था कि समस्याओं को बातचीत के ज़रिये हल करता और अपॉरचुनिटीज़ को इस्तेमाल करता। पाकिस्तान के पास सुई गैस है वह उसे इन्डिया को बेचता और उसे कोयले की ज़रूरत है वह कोयला यहां से ख़रीदता। पाकिस्तान आस्ट्रेलिया से कोयला ख़रीदता है जोकि उसे कई गुना महंगा पड़ता है। पाकिस्तान ने अपॉरचुनिटीज़ को नहीं देखा। मैं इसे
‘डीलिंकिंग की पॉलिसी‘ कहता हूं।
कश्मीर के मसले को भी मुसलमानों ने ही बिगाड़ा है।
मौलाना वहीदुददीन ख़ान साहब का लेक्चर जारी था जिसे हाज़िरीने मजलिस के साथ साथ दुनिया के दूर दराज़ में बैठे लोग भी इंटरनेट पर देख रहे थे। मौलाना के लेक्चर को प्रत्येक रविवार को भारतीय समय के अनुसार 10 : 30 बजे सुबह देखा जा सकता है। इस लेक्चर को इस लिंक पर देखा जा सकता है।
http://www.youtube.com/watch?v=cJvIgiII5QU&feature=related
मौलाना बिना किसी लाग लपेट के सच को खुद भी स्वीकार करते हैं और दूसरों को भी सच को जानने मानने की तालीम देते हैं और हक़ीक़त भी यही है कि जब तक हमारे अन्दर यह गुण पैदा नहीं होगा हमारे मसलों का हल होने वाला नहीं है।
क्लास के बाद भाई तारकेश्वर गिरी जी के तास्सुरात भी यही थे कि यहां जो कुछ देखा वह उससे बहुत अलग है जो मेरे दिमाग़ में था। मौलाना ख़ान साहब और गिरी जी, दोनों में दो बातें समान हैं। एक तो यह कि दोनों ही सच को बेखटके स्वीकारते हैं और दूसरी बात यह कि दोनों ही आज़मगढ़ के बाशिन्दे हैं।
भाई शाहनवाज़ ने भी मौलाना के अनमोल मोतियों से अपनी झोली भर ली।
सत्य वचन
ReplyDeleteअब तो "सब" खुश हो गए होंगे ?
ReplyDeleteNice to know about Molana vahiduddin. It seems that he is a nice person & gr8 scholer.
ReplyDeleteMy friend Sajid has started his Hindi blog, please visit & send comments.
ReplyDeletehttp://sajiduser.blogspot.com
पदम भूषण मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान साहब बारे में सिलसिलेवार पढने दिलों की दुरियां दूर हो रही हैं, लगे रहिये सब आपके साथ हैं
ReplyDeleteपाकिस्तान में, सत्ता में आने व वहीं बने रहने का यही एक सफलतम मुद्दा है
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबेटे , अगर शुरु से ही ऐसा लिखता तो तेरी छवि आज कुछ और ही होती ।
ReplyDeleteक्रोधात् भवति सम्मोह: सम्मोहात मतिभ्रम: ।
ReplyDeleteमतिभ्रंसात् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात् प्रणश्यति ।। (श्रीमद्भगवद्गीता)
(- क्रोध से सम्मोह होता है, सम्मोह से मतिभ्रम, मतिब्रंश से बुद्धिनाश और बुद्धिनाश से (व्यक्ति/देश) मर जाता है। )
परम आर्य जी, छवि बनाने वालों के लिए एक शेर अर्ज़ है !!!
ReplyDeleteमेरा क़ातिल ही मेरा मुजरिम है, क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा !!!!!!!!!!!!!!!!!
khoob
ReplyDeletekhoob pasand aaya !
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अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteअनवर भाई आपने मौलाना की तक़रीर को अच्छे अंदाज मे पेश किया
ReplyDeleteGOOD POST
ReplyDeleteShayad is se dono dhamo ke log aur kareeb aaye.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete"पदम भूषण मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान साहब के बारे में सिलसिलेवार पढने से दिलों की दुरियां, दूर हो रही हैं. लगे रहिये सब आपके साथ हैं!"
ReplyDeleteउमर भाई की राय से सहमत हूँ.