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Tuesday, June 8, 2010

The result of patience सब्र का फल

नफरत में आदमी अंधा हो जाता है । वह wise planning नहीं कर पाता । सब्र करने वाला wise planning करने की हालत में होता है । मुसीबत का खात्मा सब्र से होता है । जबकि नफरत मुसीबतों को और बढ़ा देती है । - मौलाना वहीदुददीन खाँ

18 comments:

  1. (१) संतोषं परमं सुखम् ।

    (२) धीरज धरम मित्र अरु नारी,
    आपद काल परखिये चारी ।
    (गोस्वामी तुलसीदास)

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  2. @ माधव - जिसने रेलिजन को अफीम कहा उसने और भी बड़े-बड़े 'सिद्धान्त' दिये थे - वे सौ-डेढ़ सौ वर्षों के अन्दर ही 'फेल' हो गये।

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  3. क्‍या खूब कहा मौलाना ने अन्‍धा आदमी wise planning नहीं कर पाता

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  4. वाकई नफरत में अन्‍धा wise planning नहीं कर सकता,

    गिरि जी का सौभाग्‍य वह ऐसे ज्ञानी पुरूष की महफिल में शरीक हो सके

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  5. आज की पोस्ट Nice post.

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  6. मुख्तसर लिखा ,अच्छा लिखा

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  7. उम्दा जानकारी

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  8. वाकई सब्र मे बड़ी ताकत है

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  9. अगर आप को सुकून चाहिए तो सब्र करो ,अगर सब्र चाहिए तो इस्लाम क़ुबूल करो |

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  10. आतिर भाई ! क्या आज आप करेले के बजाय जलेबी खाकर बोल रहे हो ?

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  11. अनवर जी आपने छोटी सी बात में बड़ा सन्देश दे दिया है....

    लेकिन आपके लेख तो हमेशा बड़े होते हैं, फिर आज इतना छोटा सा क्यों?

    ;-)

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