1. औरत को मारने का हुक्म है कुरआन में।
2. औरत का हिस्सा मर्द के मुक़ाबले कम है इस्लाम में ।
3. दो औरतों की गवाही एक मर्द के बराबर है इस्लाम में।
4. ‘दुनिया की चीज़ों में मुझे औरत पसंद है‘ ऐसा आया है हदीस में।
5. औरत तुम्हारे लिए खेती है, ऐसा आया है कुरआन में।
6. औरत को घरों में बंद करके एक घुटन भरी ज़िंदगी देता है इस्लाम।
7. इस्लाम की हुकूमत क़ायम करना ही एकमात्र मक़सद होता है मुसलमान का।
इस तरह के ऐतराज़ नए नहीं हैं और न ही इनके जवाब ही नए हैं। आज अपनी वेबसाइट ‘इस्लामहिंदी डॉट कॉम‘ के उद्घाटन के लिए जब हम मौलाना वहीदुददीन ख़ान साहब के सेंटर ‘सीपीएस ग्लोबल, 1 निज़ामुद्दीन वेस्ट, नई दिल्ली 100013‘ पहुंचे तो उनका लेक्चर चल रहा था और उसका विषय था ‘द रोल आफ़ वूमेन इन इस्लाम‘।
उनके इस एक लेक्चर में ही इन सारे सवालों के जवाब मौजूद हैं। जिसे 'सत्य की खोज' है, जो अपनी ज़िंदगी का मक़सद और उसे पाने का तरीक़ा जानना चाहता है उसके लिए यह लेक्चर बहुत क़ीमती है।
इस लेक्चर के बाद सवाल जवाब का सेशन हुआ और फिर मौलाना के मुबारक हाथों से का उद्घाटन हुआ।
इस प्रोग्राम की कुछ झलक आप यहां देख सकते हैं।
इस्लाम के बारे में यदि आप कुछ और जानना चाहें तो आप ईमेल कर सकते हैं Email: info@cps.org.in
फ़ोन पर भी आप जानकारी ले सकते हैं- +91-11-24357333
यह लेक्चर आज की तारीख़ (14-11-2010) का है इसके अलावा आप उनके पुरानी तारीख़ के लेक्चर भी देख सकते हैं यहाँ. http://www.cpsglobal.org/content/video-streams
इस तरह के ऐतराज़ नए नहीं हैं और न ही इनके जवाब ही नए हैं
ReplyDeleteइस तरह के ऐतराज़ नए नहीं हैं और न ही इनके जवाब ही नए हैं
ReplyDeleteNice post.
ReplyDelete‘द रोल आफ़ वूमेन इन इस्लाम‘।
ReplyDeleteउनके इस एक लेक्चर में ही इन सारे सवालों के जवाब मौजूद हैं। जिसे 'सत्य की खोज' है, जो अपनी ज़िंदगी का मक़सद और उसे पाने का तरीक़ा जानना चाहता है उसके लिए यह लेक्चर बहुत क़ीमती है।
मौलाना के मुबारक हाथों से आज अपनी वेबसाइट ‘इस्लामहिंदी डॉट कॉम‘ का उद्घाटन हुआ।
ReplyDeleteMubarak ho.
ReplyDeleteWelcome for a new site .
ReplyDeleteI hope Islamhindi.com will be a great step for Dawah
ReplyDeleteCongratulations!
ReplyDeleteकृपया ‘द रोल आफ़ वूमेन इन इस्लाम‘ का लिंक दें!
ReplyDelete@ Nilesh ji !
ReplyDeleteइस विषय पर आप फिलहाल पढ़ें "इस्लाम में औरतों के अधिकार" कुछ समय पश्चात उसकी विडियो रेकॉर्डिंग उपलब्ध करा दी जाएगी.
http://islamhindi.com
Nek kam ke liye mubarakbad, afsos hua ye jankar ki aap bina mile chale gaye.
ReplyDeleteजनाब तारकेश्वर गिरी जी ! अफसोस तो हमें हुआ कि आपको इस प्रोग्राम में शिरकत की दावत दी गई लेकिन आपने कह दिया कि आपको गुड़गाँव जाना है ।
ReplyDeleteआपकी शिकायत के अंदाज से ऐसा लगता है कि आप कहीं भी नहीं गए बल्कि आपने घर पर ही रहे ।
ahsaskiparten.blogspot.com पर उद्घाटन की झलकियां देखीं कुछ खास फोटो की कमी महसूस हुई
ReplyDeleteशायद किसी खास वजह से ही रोक लिया होगा आपने ।
Anwar Saheb main Gurgaon main hi tha, lekin jis samay maine apko comment diya us samay tak ghar wapas aa chuka tha
ReplyDeletenice post
ReplyDeletedabirnews.blogspot.com
जमाल भाईजान , सलाम कुबूल फरमायें, सबसे पहले आपको हमारी तरफ से मुबारकबाद
ReplyDeleteआज हमने एक ब्लाग पर आपके नाम का पत्र लिखा पाया
शायद अभी आप कार्यक्रम में मशरुफ होने के कारण या किसी और कारण से नही देख पाये
, हम आपको लिंक भेज रहे है
http://pachhuapawan.blogspot.com/2010/11/blog-post_12.html
और हम चाहते है आप जवाब भी लिखे
खुदा हाफिज