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Saturday, August 21, 2010

I love Christ , The messiah, messenger of God . आपने क्रिएशन, हज़रत ईसा मसीह को क्रिएटर बना डाला। यह ग़लत है। - Anwer Jamal

राकेश लाल जी ! आपका आना अच्छा लगा, लेकिन यह हिन्दी ब्लॉग है , अगर आप बाइबिल के वचनों को हिन्दी में दिखाते तो और भी अच्छा रहता। मैं बचपन से ही इंजील और मसीह में आस्था रखता हूं। नवीं क्लास में था तो मुझे ‘दिनाकरन जी‘ ने नया नियम भेजा, बाद में मुझे पूरी बाइबिल उर्दू में एक पादरी दोस्त ने दे दी, फिर अंग्रेज़ी में भी एक प्रति एक और पादरी मित्र ने गिफ़्ट कर दी।

यूहन्ना की पहली आयत आपने उद्धृत की है और वचन को परमेश्वर ही घोषित कर दिया है। यह एक ग़लत बात है। हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम की ज़बान इब्रानी या सुरयानी थी। उनके सामने किसी ने उनके वचनों को संकलित नहीं किया। वेटिकन सिटी में रखे हुए नुस्ख़े लैटिन और यूनानी भाषा में हैं, जो मसीह के साढ़े तीन सौ साल बाद के हैं। उनका भी केवल अनुवाद ही उपलब्ध कराया जाता है। इस आयत में यूनानी भाषा का शब्द ‘होथिओस‘ परमेश्वर के लिये आया है और जहां ‘एन्ड द वर्ड वॉज़ गॉड‘ आया है वहां यूनानी शब्द ‘टोन्थिओस‘ आया है जिसका अर्थ है ‘ देवशक्तियों से युक्त ‘। अर्थात वचन देवशक्तियों से युक्त था। आपने क्रिएशन को क्रिएटर बना डाला। यह ग़लत है।
हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम ने हमेशा खुद को खुदा के बन्दे के तौर पर पेश किया आप ग़लती से उन्हें खुदा का दर्जा दे बैठे।

13 comments:

  1. nice एवं विचारणीय post

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  2. अगर किसी भी सज्जन को नेट पर हिंदी में लिखने का तरीका नहीं मालूम है तो वो इस लिंक पर जाकर ऐसा कर सकते हैं

    http://www.google.com/transliterate/indic/

    दरअसल शुरू में मुझे खुद नहीं मालूम था की नेट पर हिंदी में कैसे लिखा जाता है और मैं रोमन हिंदी में ही लिखता था लेकिन भला हो अनवर जमाल जी का जो उन्होंने कैरानवी भाई के ज़रिये इस लिंक को मुझ तक पहुंचाया और मेरी problem solve हुई

    अनवर जी , धन्यवाद

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  3. हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम ने हमेशा खुद को खुदा के बन्दे के तौर पर पेश किया yeh ग़लती से उन्हें खुदा का दर्जा दे बैठे।

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  4. हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम ने हमेशा खुद को खुदा के बन्दे के तौर पर पेश किया log ग़लती से उन्हें खुदा का दर्जा दे बैठे।

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  5. आज का लेख अच्छा है, कुछ अच्छा लिखा तो अच्छा लगा, शुक्रिया.

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  6. आज का लेख अच्छा है, कुछ अच्छा लिखा तो अच्छा लगा, शुक्रिया.

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  7. बहुत अच्छा लेख...
    पढ़ कर अच्छा लगा

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  8. जमाल जीबुरा न माने मै आपके जवाब से सहमत नही हूं। ईसा मसीह अलैहिस्सलामजी के नाम कुरान शरीफ मे जो आये हैं वो गलत हैं आप अपनी लाइन से भटक रहे हैं।

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  9. प्रोटेस्टेंट ईसाईयों ने बाइबिल से 7 किताबें जाली घोषित करके क्यों निकाल दीं ?
    @ जनाब राकेश लाल जी, यहां मैंने कहीं नहीं बताया कि हज़रत ईसा मसीह का नाम पवित्र कुरआन में आया है तब आप बेवजह आपत्ति क्यों कर रहे हैं ? यहां तो यह बताया जा रहा है कि हज़रत ईसा खुदा का वचन हैं खुदा नहीं हैं।
    फिर इसके बाद आपने ईमेल के द्वारा मुझे सूचित किया था कि किताब का एक बिन्दु भी बदलने का अधिकार किसी को नहीं है। तब मैंने आपसे ईमेल के माध्यम से ही पूछा था कि फिर प्रोटेस्टेंट ईसाईयों ने तब किस प्रकार बाइबिल से 7 किताबें जाली घोषित करके निकाल दीं ?
    आपने उसका जवाब भी अभी तक नहीं दिया । इसके खि़लाफ़ आपने मुझे पवित्र कुरआन की उन आयतों का अनुवाद ईमेल से भेज दिया जिनमें मसीह का नाम और ज़िक्र है। जब आप मानते हैं कि कुरआन में उनका नाम ग़लत तरीक़े से लिया गया है तो आप उससे क्या सिद्ध करना चाहते हैं ?
    मैं तो कुरआन की आयतों को मानता हूं और इंजील की आयतों को भी लेकिन आप इंजील की आयतों को ही मान जाईये।
    क्या मसीह ने नहीं कहा है कि मैं शरीअत को मिटाने नहीं बल्कि उसे पूरा करने आया हूं ?
    तब आप किसके कहने से शरीअत कैंसिल किये बैठे हैं भाई ?

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