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Wednesday, March 10, 2010

अपने लिए और आप सभी के लिए प्रभु से आशीष की कामना करता हूं । god bless you brother

अज़ीज़ भाई सलीम ख़ान साहब
आपने मेरी हौसला अफ़जाई की । इसके लिए मैं आपका तहे दिल से मशकूर हूं । लेकिन मैं अर्ज़ करना चाहूंगा कि मैं कोई युद्ध नहीं कर रहा हूं बल्कि हिन्दी वेब दुनिया पर बसने वाली मकड़ियों के जालों की , महाजालों की सफ़ाई मा़त्र कर रहा हूं । मकड़ियों के जाले क़िले नहीं कहलाते और न ही उन पर किसी चढ़ाई की ही ज़रूरत हुआ करती है । इनके लिए तो बस ...
और अगर इसे युद्ध भी समझा जाए तो इसकी मुशाबिहत हॉलीवुड फिल्म मैट्रिक्स से की जा सकती है । जिसमें कुछ ताक़ते लोगों को ज़हनी तौर पर अपना गुलाम बनाये रखना चाहती हैं और वे उन लोगों के सफ़ाये का मन्सूबा बनाती हैं जो लोगों को उनके ‘ ति‍लिस्म से आज़ाद कराने के लिए संघर्ष करते हैं । लेकिन न तो यह पूरी तरह मैट्रिक्स है और न ही यहां के सभी लोग अपनी अक्ल बन्द किये बैठे हैं ।
इसलिए इन्शा अल्लाह जल्दी ही नफ़रतें ख़त्म होंगी और हमारी दुनिया में अमन का सूरज चमकेगा । हमदर्दी की हवाएं भी चलेंगी और ये पवित्र पुण्य भूमि मुहब्बत की खुश्बुओं से भी महकेगी ।
मुझे मालिक से पूरी उम्मीद है कि जो आज तल्ख़ियां दिखा रहे हैं कल मुहब्बतें दिखाने में वही आगे होंगे । अल्लाह हमें इन सभी भाइयों और बहनों के साथ ईमान की दौलत अता करे और सदा के लिए आनन्द लोक स्वर्ग जन्नत में आबाद करे । और उससे पहले पहले भी हम सबको इसी धरा पर स्वर्ग सुख प्रदान करे ।
पवित्र वेदों में भी इस भाव की बहूत सी प्रार्थनाएं आई हैं और पवित्र कुरआन में भी । आओ इन पवित्र मन्त्रों और दुआओं को साकार करने लिए अपनी हद भर सबके साथ मिलकर प्रयास करें ।सभी पाठक बन्धुओं का बहुत बहुत आभार ।
अपनी राय से हमें ज़रूर नवाज़िये ?

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