tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post1373664409595820565..comments2023-10-18T23:46:43.430+05:30Comments on Ved Quran: शांति के लिए वेद कुरआन The absolute peaceDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-1020662647275307502013-02-22T17:18:11.673+05:302013-02-22T17:18:11.673+05:30atyant saarthak aur lajawab post.
sabhi ko ye po...atyant saarthak aur lajawab post. <br /><br />sabhi ko ye post padhni chaahiye.<br /><br />shukriya !प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-61204763887867831112011-07-27T22:07:56.431+05:302011-07-27T22:07:56.431+05:30राष्ट्रीय एकता को सुदृढ करने वाली बेहतरीन पोस्ट । ...राष्ट्रीय एकता को सुदृढ करने वाली बेहतरीन पोस्ट । <br />मैने भारतीय मुस्लिम समाज पर एक लेख लिखा है , कभी मेरे ब्लॉग पर आये और और अपने निश्पक्ष विचार दें । <br />भारतीय मुस्लिम समाज के नाम एक अनुरोध <br />www.vishwajeetsingh1008.blogspot.comBharat Swabhiman Dalhttps://www.blogger.com/profile/03272508118112772215noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-85922185935369007832011-04-18T22:13:41.942+05:302011-04-18T22:13:41.942+05:30आप इश्वर को किसी एक धरम में केद नही कर सकते इश्वर ...आप इश्वर को किसी एक धरम में केद नही कर सकते इश्वर या अल्हा तो प्रेम रूपी अनन्त सागर हें जिसे सिर्फ एक सच्चा योगी या सच्चा भगत ही जन सकता हे , http://bharatyogi.blogspot.com/2011/04/blog-post_8870.html#linksamithttps://www.blogger.com/profile/02754966564229525555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-57138144178381602622011-04-04T16:14:31.209+05:302011-04-04T16:14:31.209+05:30नमस्कार
आपका ह्रदय से आभारी हूँ ,
आपने मुझे प्रोत्...नमस्कार<br />आपका ह्रदय से आभारी हूँ ,<br />आपने मुझे प्रोत्साहित किया यूँ ही अपना मार्गदर्शन देते रहना ताकि और<br />भी प्रगति कर पाऊं ....<br /><br />आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा! धन्यवाद.......Santosh Pidhaulihttps://www.blogger.com/profile/08575692937513862747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-51659894445452431892011-03-31T21:03:23.923+05:302011-03-31T21:03:23.923+05:30bohot achcha jamaal bhaibohot achcha jamaal bhaihamarivanihttps://www.blogger.com/profile/13556207298223545364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-81966205673477617232011-03-28T17:56:19.590+05:302011-03-28T17:56:19.590+05:30जनाब, सबके मकसद समान हैं, लेकिन उन्हें पाने के लिए...जनाब, सबके मकसद समान हैं, लेकिन उन्हें पाने के लिए तरीके गलत अपनाए जा रहे हैं। हर कोई सुख और शांति पाना चाहता है। कोई आध्यात्म और अल्लाह का नाम लेकर तो कोई रुपयों के सहारे। रुपयों के सहारे शांति पाने वाले लोग हमेशा गलत दिशा में चलते हैं। वे हिन्दू भी हो सकते हैं और मुस्लिम भी। आपका लेख उन लोगों की आंखें खोलने में अहम है, जो किसी के उकसाने पर उत्तेजित हो जाते हैं और अपनी बुद्धि, विवेक का इस्तेमाल किए बिना कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। <br />मुम्बई पर हमला करने वालों को भी अल्लाह की पनाह और जन्नत नसीब होने का सपना दिखाया गया होगा। असीमानंद जैसे लोगों को धर्म के लिए शहीद होकर स्वर्ग में जाने का लोभ दिया गया होगा। खुदा खैर करे।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-70481022296251203412011-03-09T19:36:47.060+05:302011-03-09T19:36:47.060+05:30सामाजिक-धार्मिक संतुलन के लिए कार्य करती पोस्ट. बह...सामाजिक-धार्मिक संतुलन के लिए कार्य करती पोस्ट. बहुत अच्छा लगा.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-7079622871297365882011-02-01T13:20:18.452+05:302011-02-01T13:20:18.452+05:30हमारा हर कदम हो ऐसा
इंसान को फख्र हो हम पर,
सिर्फ...हमारा हर कदम हो ऐसा <br />इंसान को फख्र हो हम पर,<br />सिर्फ इंसान हैं और वही रहे हम,<br />धर्म का इल्जाम न हो हम पर. <br />ये फासले तो हमने खुद ही बनाये हैं<br />मालिक ने तो हमको सिर्फ इंसान बनाया था.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-68171517222272445912011-01-30T15:35:00.631+05:302011-01-30T15:35:00.631+05:30शांति सिर्फ संत के लिए नहीं है, उन सबके लिए भी है ...शांति सिर्फ संत के लिए नहीं है, उन सबके लिए भी है जिनके मन अशांत हैं। संत अपने मन को शांत कर लेते हैं और संतत्व को प्राप्त होते हैं जबकि असंत को जब शांति प्राप्त होती है तब वे परमसंत की अवस्था को प्राप्त होते हैं। जय हो संतई की और शांति जी की।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-21244455749053570762011-01-24T07:33:18.119+05:302011-01-24T07:33:18.119+05:30यह एक बेहतरीन काम होगा ! देश की एकता और आपसी प्यार...यह एक बेहतरीन काम होगा ! देश की एकता और आपसी प्यार के लिए अगर मेरा लिखा कुछ भी काम आये तो बताइयेगा ! हार्दिक शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-62721556746192168642011-01-23T23:02:37.397+05:302011-01-23T23:02:37.397+05:30अति सुन्दर, धर्म कोई भी हो वह हमें सही रास्ता दिखा...अति सुन्दर, धर्म कोई भी हो वह हमें सही रास्ता दिखाते है किन्तु धर्म की गलत व्याख्या सही रास्ते से भटकाव पैदा करती है.हरीश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-70038848390062015802011-01-23T22:46:01.368+05:302011-01-23T22:46:01.368+05:30मैंने अभी हाल ही में ये ध्यान दिया है कुछ मुस्लिम ...मैंने अभी हाल ही में ये ध्यान दिया है कुछ मुस्लिम ब्लोगकर्ता अपने ब्लॉग पर और अपनी टिप्पणियों के माध्यम से कुछ पुस्तकों का प्रचार बड़े ही लगन और परिश्रम से कर रहे हैं,उन पुस्तकों से उधृत बातों का वो अपने कुतर्कों में भी स्थान-स्थान पर वर्णन करते हैं। वैसे तो मैं उनके इन अनर्गल प्रलापों पर ध्यान नहीं देता किन्तु मुझे जब बड़ा आश्चर्य होता है कि उनके इस काम में कुछ हिन्दू भी योगदान दे रहे हैं। मुझे हिन्दू, मुस्लिम या इसाई से कोई बैर नहीं है किन्तु लोगो के कुतर्कों और मनगढ़ंत से आपत्ति है <br />आज दिल खुशगवार हुआ<br />तेरे कूचे में आके<br />इस मासूमियत से प्यार हुआ<br />तेरे कूचे में आके<br />बहुत खूब, बेहतर आलेख !मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-68894034246700510872011-01-22T18:50:53.152+05:302011-01-22T18:50:53.152+05:30bahut sunder naazaare pesh kiye aapne is lekh mein...bahut sunder naazaare pesh kiye aapne is lekh mein... ummid karti hoon ki dharawaahik zaroor bane aur ghar ghar tak pahunche!Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)https://www.blogger.com/profile/13896147864138128006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-71699466672424042662011-01-20T20:30:15.902+05:302011-01-20T20:30:15.902+05:30@ जनाब पी. के. मिश्र जी ! जैसा आदमी आता है , जैसी ...@ जनाब पी. के. मिश्र जी ! जैसा आदमी आता है , जैसी नीयत और भाषा लेकर आता है , उसके आधार पर मैं फ़ैसला करता हूँ कि इसका सुधार कैसे संभव है .<br />यह विनती से मानेगा या इसकी ऐंठ निकलने के लिए कुछ और करना पड़ेगा ?<br />आप आये बहार आई .<br />शुक्रिया .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-62251038499291874812011-01-20T20:25:57.263+05:302011-01-20T20:25:57.263+05:30@ तारकेश्वर जी ! अगर मेरी आवाज़ आपके दिल तक भी पहु...@ तारकेश्वर जी ! अगर मेरी आवाज़ आपके दिल तक भी पहुँच गयी तो मैं समझूंगा कि मेरी आवाज़ वहीँ पहुँच गयी है जहां आप चाह रहे हैं .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-17847485958966530502011-01-19T23:55:59.499+05:302011-01-19T23:55:59.499+05:30जब स्वामी असीमानंद हैदराबाद जेल मे थे तो वहाँ पर ...जब स्वामी असीमानंद हैदराबाद जेल मे थे तो वहाँ पर उनकी मुलाकात अपने किए गए गुनाह (मक्का मस्जिद बम विस्फोट ) के आरोप मे बंद मासूम युवक से हुई जिसका नाम अब्दुल कलीम है । कलीम ने स्वामी जी की बहुत सेवा की तो स्वामी जी की आँखे खुली की खुली रह गई क्योंकि उन्हे तो मुसलमानों का कुछ और ही रूप दिखाया गया था और उन्हे वह रूप दिखा कर "बम का जवाब बम " देने के लिए तैयार किया गया था और स्वामी उन देशद्रोही गतिविधियों मे संघ परिवार का साथ देने के लिए तैयार हो गए मगर अब उन्हे अपनी गलती का एहसास होने लगा और उन्होने अपने किए गए तमाम बम धमाकों का इकरार कर लिया । हालाँकि अभी तक उन्ही बम धमाकों के आरोप मे जेल में बंद मुस्लिम युवक छूटे नही लेकिन अब लगता है कि वह सब छूट जाएँगे । लेकिन अभी साध्वी प्रज्ञा का साधुवाद जगाने वाला ऐसा कोई नही मिला पर हमें पूरी उम्मीद है एक दिन वह भी होगा कि जब साध्वी भी सही रास्ते पर आ जाएगी । क्योकि ईश्वर के यहाँ देर है अँधेर नही ।Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-71617351256610527392011-01-19T22:50:10.033+05:302011-01-19T22:50:10.033+05:30गुरु श्री अनवर जमाल जी
मै बहुत परेशान हु ,मुझे ४ ल...गुरु श्री अनवर जमाल जी<br />मै बहुत परेशान हु ,मुझे ४ लड़िकयो से प्यार हो गया है ,मै क्या करू<br />मै किसी को छोड़ना नही चाहता<br />आप के पास कोई उपाय हो तो बताओAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-61401972999165638922011-01-19T21:41:26.582+05:302011-01-19T21:41:26.582+05:30@ किलर झपाटा जी ! आप का स्वागत है . अगर आप खुद को ...@ किलर झपाटा जी ! आप का स्वागत है . अगर आप खुद को सौ के बराबर मानते हैं तो कम मानते हैं . आप के बराबर तो हज़ार भी नहीं हैं. आप की मिसाल बस आप खुद हैं .<br />मैंने अपने वादे के मुताबिक़ एक लेख लिखा है .<br />कृपया आप और दीगर सभी लोग उसे एक नज़र देख लीजिये और बताइए की उसमें क्या कमी है ?<br />आपकी महरबानी होगी .<br /><a href="V" rel="nofollow">गुस्से की ऊर्जा से काम लेना सीखिए ? The energy of anger</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-77803901635007722932011-01-19T17:49:02.276+05:302011-01-19T17:49:02.276+05:30क्या बात है डॉ. साहब आज तो छा गए ओय तुसी। किन्ना व...क्या बात है डॉ. साहब आज तो छा गए ओय तुसी। किन्ना वड्डा वड्डा फ़ण्डा दिखाया। आपकी सोच के सम्मान में इस पहलवान की एक ही टिप्पणी को सौ के बराबर समझिएगा। बहुत सुन्दर दिल पाया आपने।किलर झपाटाhttps://www.blogger.com/profile/07325715774314153336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-45394875299387073232011-01-19T17:12:16.849+05:302011-01-19T17:12:16.849+05:30आज दिल खुशगवार हुआ
तेरे कूचे में आके
इस मासूमियत...आज दिल खुशगवार हुआ<br />तेरे कूचे में आके<br />इस मासूमियत से प्यार हुआ<br />तेरे कूचे में आके<br /><br />...तो क्या मै समझू कि आप प्रतिक्रिया के फलस्वरूप लोगो को दौडाने क़ा काम करते हो<br />खैर जो भी हो आपकी इस अदा पे निहाल............PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-56759093995760000662011-01-19T14:17:33.721+05:302011-01-19T14:17:33.721+05:30@ ज़ीशान भाई !
शुक्रिया ,
आपका यह एक कमेँट हिंदी ...@ ज़ीशान भाई ! <br />शुक्रिया , <br />आपका यह एक कमेँट हिंदी ब्लागर्स की बौद्धिकता को बेनक़ाब करने के लिए काफी है । <br />जब अनवर जमाल इन्हें दौड़ा लेता तो ये कहते हैं कि अनवर जमाल शांति की बात नहीं करता और जब वह शांति का पैग़ाम देता है तो ये दो लफ़्ज़ लिखना पसंद नहीं करते ।<br />अभी मैं इनमें से किसी का ब्लागीय कोर्ट मार्शल कर दूं तो आएंगे भागे भागे और 80 कमेँट कर देंगे। <br />यह प्रवृत्ति ग़लत है।<br />अगर लोग चाहते हैं कि अनवर जमाल उन्हें दौड़ाना बंद कर दे तो कम से कम उसके अविवादित लेखों को तो पढ़ो और सराहो ताकि वह उसी तरह के लेखन में आगे बढ़ सके। <br />उसे हतोत्साहित करने या डराने की कोशिश ख़ुद षडयंत्रकारियों के लिए ही घातक सिद्ध होगी। <br />अनवर के लेखन की शैली को बदलना ख़ुद बहुसंख्यक ब्लागर्स के हाथ में है ।<br />उन्हें सोचना चाहिए कि वे अनवर जमाल को किस तरह के लेख लिखते देखना चाहते हैं ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-55332341240218187342011-01-19T11:42:55.530+05:302011-01-19T11:42:55.530+05:30शान्ति के नाम पर इतने कम कमेंट्स?शान्ति के नाम पर इतने कम कमेंट्स?zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-51985837038306727352011-01-19T10:22:48.966+05:302011-01-19T10:22:48.966+05:30Kash aap ki awaj un anpadh Musalmano aur Hindo tak...Kash aap ki awaj un anpadh Musalmano aur Hindo tak panhuchati. to log samjhte ki Hum Dharmik Bat main hain aur Insan pahle.<br /><br /><br />Ek accha lekh ke liye aapki tarfi karta hun.<br /><br />aur han ITNA LAMBA LEKH<br />--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------lekin accha lagaTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-68680409146669114682011-01-19T09:47:31.944+05:302011-01-19T09:47:31.944+05:30.
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बहुत खूब, बेहतर आलेख !
न तेरा हरा है, न मेर....<br />.<br />.<br />बहुत खूब, बेहतर आलेख !<br /><br /><b>न तेरा हरा है, न मेरा केसरिया होगा<br />लहू का रंग तो, सिर्फ लाल हो सकता है।</b><br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-13719827857655012412011-01-19T01:26:15.264+05:302011-01-19T01:26:15.264+05:30आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें
बिछड़ों को फ...आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें<br />बिछड़ों को फिर मिला दें, नक्शे दूई मिटा दें<br />सूनी पड़ी है मुद्दत से दिल की बस्ती<br />आ इक नया शिवाला इस देस में बना दें<br />दुनिया के तीरथों से ऊंचा हो अपना तीरथ<br />दामाने आसमां से इसका कलस मिला दें<br />हर सुब्ह उठके गाएं मन्तर वो मीठे मीठे<br />सारे पुजारियों को ‘मै‘ पीत की पिला दें<br />शक्ति भी शांति भी भक्तों के गीत में है<br />धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है<br />.<br />बहुत खूबS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.com