tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post8135976008948407881..comments2023-10-18T23:46:43.430+05:30Comments on Ved Quran: What was the real mission of Christ मसीह का मिशन था ‘सत्य पर गवाही देना‘ - Anwer JamalDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-85389735774689910642011-01-28T20:09:40.857+05:302011-01-28T20:09:40.857+05:30@ डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! २१ वीं सदी चल रही है जन...@ डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! २१ वीं सदी चल रही है जनाब , आम तौर से तो यही मशहूर है . आप ज़रा खुल कर बताएं कि१५ वीं सदी कौन चल रही है और उसके चलने से क्या होने वाला है ?<br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2009/09/blog-post_15.html" rel="nofollow">http://hamarianjuman.blogspot.com/2009/09/blog-post_15.html</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-5793775796476162542011-01-27T20:07:05.563+05:302011-01-27T20:07:05.563+05:30सही कहा अभिषेक...कोई फ़ायदा नहीं....१५ वी सदी जो चल...सही कहा अभिषेक...कोई फ़ायदा नहीं....१५ वी सदी जो चल रही है.... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-49550712254660183192010-10-15T21:11:23.055+05:302010-10-15T21:11:23.055+05:30@ कुमारम जी उर्फ़ राकेश लाल जी ! आपने आज तक नहीं कि...@ कुमारम जी उर्फ़ राकेश लाल जी ! आपने आज तक नहीं कि<br /><b>1- आप बच्चों को मासूम मानते हैं या फिर जन्मजात पापी जैसा कि दीगर ईसाई मानते हैं ?</b><br />2-और न ही आपने यह बताया कि जिस बाइबिल से आप उद्धरण देते हैं उसमें कुल कितनी किताबें हैं ? <br />@ मिस्टर अभिषेक ! आपकी सलाह हिरण्याक्ष ने नहीं मानी वह लड़ा था सुअर से और हार गया। मैंने बहुत पहले एक लेख लिखा था कि हिन्दू भाई किसी को गाली देने के लिए शब्दहीन हो चुके हैं क्योंकि हरेक शब्द से जो आकृति बनती है उसे वे साक्षात ईश्वर या देवी-देवता या उनकी सवारी मानते हैं । <a href="http://vedquran.blogspot.com/2010/10/hunger-free-india-anwer-jamal.html" rel="nofollow">वह लेख आपके आगमन से पहले लिखा था लेकिन आपके पढ़ने योग्य है। वैसे भी उन्हें मना किया गया है गाली बकने से।</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-21613582504807567622010-10-14T22:43:32.022+05:302010-10-14T22:43:32.022+05:30मैं तो बहुत पहले ही जान गया था की यहाँ पर अनवर जम...मैं तो बहुत पहले ही जान गया था की यहाँ पर अनवर जमाल एंड पार्टी तर्कों की कसौटी पर हारने पर भी कुतर्को द्वारा सिर्फ अपनी बात सिद्ध करना चाहते है .इन को कई बार आईना दिखाया .पर ये तो बस सकुलर बन कर मूर्ख बनाने की कोसिस कर रहे है .<br />महक जी . जमाल जी हिन्दुओ को नमाज कायम करने की सलाह दे रहे है .एजाज उल हक़ तो मुझे अपनी ये सलाह पहले ही दे चुके है .अब आप अपने गुरुतुल्य की बात मान कर नमाज़ कायम कर ही ले . <br />गिरी जी तो मुद्दा ही नही समझ पाते है .बहुत संभव है की वो एक बार फिर बिना समझे इस लेख का भी समर्थन कर दे .<br />मैं इस अंतहीन बहस से पहले ही बाहर चला गया हू और आप सब हिन्दू भईयो से पुनः आग्रह करता हू की इन को इन के हाल पर छोड़ दीजिये . ये कभी नही सुधरने वाले .<br /><br />सूअर से कुश्ती नही लड़नी चाहिए . इस के दो कारण है <br />(१)आप के कपडे गंदे हो जायेंगे .<br />(२)इस से भी बड़ा कारण यह है की सूअर को मज़ा आएगीABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-69375279677573358262010-10-14T16:31:42.498+05:302010-10-14T16:31:42.498+05:30सुज्ञ जी आप उचित ही कहते हैं, यहाँ तो थोथा चना बाज...सुज्ञ जी आप उचित ही कहते हैं, यहाँ तो थोथा चना बाजे घना का हाल है। सच मे अधजल गगरी छलकत जाय कहावत ऐसे ही लोगो के लिए है। मैं तो महक जी के लिए कुछ कह नही सकता वो गलत अर्थ निकालेंगे, उनको समझाने का दायित्व आप पर ही आया इस प्रकार।<br /><br />आपके द्वारा यह सही इंगित किया गया है, यहाँ अब और समय व्यर्थ करना उचित नहीं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-70177841627047707142010-10-14T11:51:46.882+05:302010-10-14T11:51:46.882+05:30अब जरा सोचिये कि जिस ईसा को मूसा इब्राहिम इसहाक और...अब जरा सोचिये कि जिस ईसा को मूसा इब्राहिम इसहाक और याकूब और दाउद का सच्चा यहोवा परमेश्वर जिसने ईसा को जिलाया है। <br /><br />जिसने शैतान के सिर को कुचला जिससे शैतान थर्राता है। <br /><br />उसका विरोध आप क्यों करते है। इससे मै क्या समझू। कही आप घायल तो नहीं हो रहे हैं आप सभी कि प्रतिक्रिया यही बयां कर रही है।<br /><br />आप तो तीन मे एक आर एक मे तीन पर बहस करते है<br /><br />अभी यहां तो छह 6-7 मे एक दखिई देने लगा है ये आपने प्रमाणित कर दिया है।kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-16273031873189807072010-10-14T11:32:53.676+05:302010-10-14T11:32:53.676+05:30डा. अनवर साहब,एज़ाज़ साहब,
कृपया अब मेरे नाम से उद््...डा. अनवर साहब,एज़ाज़ साहब,<br />कृपया अब मेरे नाम से उद््बोधित पोस्ट या टिप्पणी न करें। कि विवश होकर प्रत्युत्तर के लिये आना पडे।मैं बहस से अपने को विलग करता हूं।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-88541205379154465172010-10-14T11:19:44.619+05:302010-10-14T11:19:44.619+05:30@"डा. अनवर साहब ने जो कुछ सुज्ञ जी को समझाया ...@"डा. अनवर साहब ने जो कुछ सुज्ञ जी को समझाया वे समझ गए"<br /><br />मैं जो समझा हूं वह यह है कि बहस के दंभीयो के हाथों इस्लाम की हार नहिं चाह्ता। यहां अनवर,एज़ाज़ आदि वाक्चातुर्य में जीतना चाह्ते है,इस्लाम का जो होना हो वो हो। यही मैं समझा हूं। इसीलिये मैं बहस से बाहर हूं।<br />श्री रविन्द्र नाथ जी फ़िर भी मेरे से सम्बधित सच्चाई रख रहे है, श्री निरंजन जी मिश्र की सलाह http://premsandes.blogspot.com/2010/10/who-will-give-ideal-consept-of-dharma.html#comments पर<br />भाई रविन्द्र नाथ जी आपको भी इस निष्परिणाम बहस से बाहर हो जाना चाहिए।<br />महक जी, अनावश्यक बहस का ही यह दुष्परिणाम था कि वैदिक मूल कर्मसिद्धांत'आवागमन'पर विचारभ्रम पैदा हुआ।<br />आप भी बहस से बाहर आएं।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-3356814680854506892010-10-14T10:57:17.785+05:302010-10-14T10:57:17.785+05:30एजाजुल हक जी आप शब्दों के अर्थ पर अपने तर्क रखतें ...एजाजुल हक जी आप शब्दों के अर्थ पर अपने तर्क रखतें है।<br />उसी को बहस का मुद्दा बना देते है। जवाब देने के बजाय नया प्रश्न खड़ा कर देतें है। <br /><br />अगर आप अनवर जी से पूछे सवालो का जवाब देते उसके बाद प्रश्न करते तो कोई बात होती।<br /><br />आपका उत्तर - 1 .बैगलोर मे रेव्ह. बेन्नी हिन्न की 3 दिन मीटिंग मे 70,000,00 सत्तर लाख लोग आये थे <br />बैगलोर का जकूर हवाई अड्डा 15 दिन बंद रहा।<br />कितनी चगांई हुई सीडी मगवा कर देख लीजियेगा।<br /><br /> 2 .भारत में चेन्नई नामक जगह है वहां डा0 डी.जी.एस.दीनाकरन थे वो अभी नही हैं वर्तमान में उनका लड़का पॉल दीनाकरन हैं इनके बारे मे पता कर लें आपको जवाब मिल जायेगा। <br /><br />ढूंढोगे तो पाओगे।kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-13266428786354972962010-10-14T09:57:09.123+05:302010-10-14T09:57:09.123+05:30कौन है ? जो ईसा मसीह से भी बड़े काम कर सकता हो ?
@...कौन है ? जो ईसा मसीह से भी बड़े काम कर सकता हो ?<br />@ कुमारम जी ! <a href="http://vedquran.blogspot.com/2010/10/ultimate-way-for-women-anwer-jamal.html" rel="nofollow"> जवाब दीजिये.</a><br />@ रविंदर जी !<br />१. क्या आप भूल गए हैं कि आपने धर्म ग्रंथों के प्रति मोह भंग होने कि बात कही थी? जिन धर्म ग्रंथों से आपका मोह भंग हुआ क्या उनमे कुरआन शामिल नहीं है,<br />डा. अनवर साहब ने जो कुछ सुज्ञ जी को समझाया वे समझ गए, राकेश जी या कुमारम जी भी समझ जाएँगे ,क्योंकि " wine" पर वे कुछ बोले नहीं पिछली पोस्ट पर, आप भी समझने की कोशिश कीजिये और शायद आप समझ भी गए हैं,क्योंकि मूर्ति पर ध्यान जमाने की ज़िद भी आपने छोड़ दी है, आपका धन्यावाद ।<br />@ महक जी !<br />कहाँ हैं आप ? क्या ज़्यादा बिज़ी हैं आज कल ?Ejaz Ul Haqhttps://www.blogger.com/profile/09008347253388849680noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-9670468732165248012010-10-14T08:50:58.935+05:302010-10-14T08:50:58.935+05:30हमारा दावा है कि आप मसीह से बड़े काम नहीं कर सकते
...<b>हमारा दावा है कि आप मसीह से बड़े काम नहीं कर सकते<br />@ कुमारम जी !</b><br />आपने कहा " मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, बरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं। John 14:13<br /><b>१. मेरा प्रश्न-</b> मसीह अलैहिस्सलाम का ख़तना हुआ, वे जीवन भर मूसा की व्यवस्था पर चले और ख़ुदा के हुक्म से मुर्दों को ज़िंदा किया.<br />क्या आपका ख़तना हुआ ? क्या आप मसीह की तरह व्यवस्था पर चलते हैं ? क्या आप लोग मुर्दों को ज़िंदा कर देते हैं? क्या आप लोग मसीह के लहू की जय बोल कर छुटकारा पा लेते हैं बिमारियों से? क्या ईसाई नन और पादरी डाक्टर के पास नहीं जाते ? अगर जाते हैं तो फिर क्या फ़ायदा ऐसे दावे का कि हम मसीह से भी बड़े काम कर सकते हैं. हमारा दावा तो यह है कि आप मसीह से बड़े तो क्या उनके जैसे भी काम नहीं कर सकते और न ही कर रहे हो. दुनिया इसे जानती है.<br /><b>प्रश्न २.</b> आपने इतने दिनों बाद भी यह नहीं बताया कि आप बच्चे को मासूम मानते हैं या जन्मजात पापी ?Ejaz Ul Haqhttps://www.blogger.com/profile/09008347253388849680noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-48272382915405747122010-10-14T01:32:43.135+05:302010-10-14T01:32:43.135+05:30अनवर जी आपने जो हैडिंग लिखी है उसके बारे मे -
मसी...अनवर जी आपने जो हैडिंग लिखी है उसके बारे मे -<br /><br />मसीह का मिशन था सत्य पर गवाही देना यह गलत है <br /> <br />1 क्योकि वह स्वंय सत्य था। यीशू ने कहा मार्ग सत्य और जीवन मै ही हूं।<br /> <br />2 यीशू का मिशन मृत्यू पर जय पाना था अगर शैतान लूसीफर को मालूम होता तो वह उसको मरने ही नही देता। शैतान ही तो यहूदा स्कारयोती के अन्दर समाया ईसा को पकड़वाने का माध्यम बनाया।<br /><br />शैतान तो सोचता था कि कितनी जल्दी इसे मरवा डालूं<br /><br />ईसा ने मरने के बाद सबसे पहले मौत की कुन्जी को अपने कब्जे मे लिये। इसी लिये शैतान आज उनके नाम से थर्राता है। <br /><br />कभी शैतान के सामने यीशू के लहू की जय बोल कर अजमा लेना।<br /><br />सेन्ट पॉल के विषय मे शरियत का जिक्र किया है। <br /><br />शरियत के बारे मे आप थोड़ा अध्ययन करियेगा या किसी ज्ञान वान से क्योकि वो आपकी किताब में नही है।kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-16440377703402079662010-10-14T00:26:15.079+05:302010-10-14T00:26:15.079+05:30अनवर जी आपने ही पेज बनाया उसमे जो आपने अपनी जानकार...अनवर जी आपने ही पेज बनाया उसमे जो आपने अपनी जानकारी के अनुसार लिखा उसमे मैने आपके ज्ञान की कमी पायी क्योकि आपको जितना नालेज है उतना ही नही लिखोगे। मगर उसमे जो प्रश्न है उसके उत्तर ठूढं के जरुर दीजियेगा।<br /><br />आपने उत्तर देने के पहले ही सवाल रख दिया <br /><br />उत्तर - आपके पास तो बहुत कुछ है फिर भी मै आपको बतलाता हंू <br /> <br />कलाम कहता है <br /><br />1 परख या आजमा कर देख यहोवा कितना भला है <br /><br />2 संकट के समय अति सहज से मिलने वाला परमेश्वर यहोवा है। <br />क्या आपके पास इतना महान खुदा नही जो आपको मुझसे पूछने की जरुरत पड़ी । <br /><br /> मेरे भाई मेरी बातो का बुरा मत मानना छोटा भाई समझ कर माफ कर देनाkumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-4505699752915529542010-10-14T00:00:41.038+05:302010-10-14T00:00:41.038+05:30EACH DAY HAS ITS OWN DISTINY:
YESTERDAY IS HI...EACH DAY HAS ITS OWN DISTINY: <br /><br />YESTERDAY IS HISTORY,<br /><br />TODAY IS OPPORTUNITY, <br /><br />WHILE TOMORROW IS MYSTERY: <br /><br />www.tbjoshua.comkumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-61175970403772662522010-10-13T23:51:08.043+05:302010-10-13T23:51:08.043+05:30सत्य का आत्मा अर्थात पवित्र आत्मा पाये हुओं मे ये ...सत्य का आत्मा अर्थात पवित्र आत्मा पाये हुओं मे ये चिन्ह होंगंे<br />नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जांए तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे। निदान प्रभु यीशु उन से बातें करने के बाद स्वर्ग पर उठा लिया गया, और परमेश्वर की दहिनी ओर बैठ गया। mark 16:18.19<br /><br />सत्य का आत्मा अर्थात पवित्र आत्मा का आगमन -<br /><br />जब पिन्तेकुस्त का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकठ्ठे थे। <br /> और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया। <br />और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं। <br />और वे सब पवित्रा आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।। <br />और आकाश के नीचे की हर एक जाति में से भक्त यहूदी यरूशलेम में रहते थे। जब वह शब्द हुआ तो भीड़ लग गई और लोग घबरा गए, क्योंकि हर एक को यही सुनाई देता था, कि ये मेरी ही भाषा में बोल रहे हैं। और वे सब चकित और अचम्भित होकर कहने लगे; देखो, ये जो बोल रहे हैं क्या सब गलीली नहीं? <br /> तो फिर क्यों हम में से हर एक अपनी अपनी जन्म भूमि की भाषा सुनता है? हम जो पारथी और मेदी और एलामी लोग और मिसुपुतामिया और यहूदिया और कप्दूकिया और पुन्तुस और आसिया। <br /> और फ्रीगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जो कुरेने के आस पास है, इन सब देशों के रहनेवाले और रोमी प्रवासी, क्या यहूदी क्या यहूदी मत धारण करनेवाले, क्रेती और अरबी भी हैं। <br /> परन्तु अपनी अपनी भाषा में उन से परमेश्वर के बड़े बड़े कामों की चर्चा सुनते हैं। <br />और वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ चाहता है? <br /> परन्तु औरों ने ठठ्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं।। <br /> पतरस उन ग्यारह के साथ खड़ा हुआ और उूंचे शब्द से कहने लगा, कि हे यहूदियो, और हे यरूशलेम के सब रहनेवालो, यह जान लो और कान लगाकर मेरी बातें सुनो। <br /> जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशें में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है। <br />परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है। <br /> कि परमेश्वर कहता है, कि अन्त कि दिनों में ऐसा होगा, कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उंडेलूंगा और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगी और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरनिए स्वप्न देखेंगे। <br /> बरन मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपने आत्मा में से उंडेलूंगा, और वे भविष्यद्वाणी करेंगे। और मैं उूपर आकाश में अद्भुत काम, और नीचे धरती पर चिन्ह, अर्थात् लोहू, और आग और धूएं का बादल दिखाउुगा। <br /> प्रभु के महान और प्रसिद्ध दिन के आने से पहिले सूर्य अन्धेरा और चान्द लोहू हो जाएगा। Acts 2:1to20kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-76766178407368854162010-10-13T23:21:30.409+05:302010-10-13T23:21:30.409+05:30@ Mr. Kumaram !
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो म...@ Mr. Kumaram !<br />मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, बरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं। John 14:13 <br />kya aapne kiye kabhi Jesus se bhi bade kaam, jaisa ki unhone kaha tha ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-5639255277379795682010-10-13T22:42:19.411+05:302010-10-13T22:42:19.411+05:30आप ने बताया है कि सत्य का आत्मा हैं हज़रत मुहम्मद स...आप ने बताया है कि सत्य का आत्मा हैं हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम <br /><br />ईसा के कथन - और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। <br /><br />प्रश्न - मोहम्मद साहब ने यही स्मरण दिलाया कि <br /><br />1. ईसा ने शराब बनाई और पी <br /><br />2. ईसा की मृत्यू नही हुई वो क्रूस पर मरे नही थे।<br /><br />3 जो कहता है मै आज कल और सर्वदा एक सा कभी न बदलने वाला परमेश्वर हूं। <br /><br />कभी न बदलने वाले खुदा को दो तरह का बना दिया। ईसा तक कुछ और ईसा के बाद मुहम्मद साहब के समय कुछ और। <br /><br />4. मसीह खुदा का बेटा नही है। मसीह ने झूठ कहा था लोंगों ने उसे खुदा का बेटा बना दिया।<br /><br />5. आदम से लेकर ईसा तक को झूठा बना दिया। और अपने आप को सर्वश्रेष्ठ ।kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-14286349379992719342010-10-13T22:39:08.384+05:302010-10-13T22:39:08.384+05:30अनवर जी सत्य के बारे मे जानिये।
हमारे हिन्दुस्ता...अनवर जी सत्य के बारे मे जानिये। <br /><br />हमारे हिन्दुस्तान संस्कृति मे अपने से बड़ो की इज्जत की जाती है। उन्हे सम्मान दिया जाता है और न हि उनकी कही बातों को काटा जाता है।<br /> न कि नंगा किया जाता है।<br />हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम मोहम्मद साहब से छह सौ या सात सौ साल पहले आये थे इसमे कोई शक नही है। बाकी आप समझदार हैं। <br /><br />और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। John 14:17<br />अर्थात् सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता हैः तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। John 14:18<br /> <br />1.@ अनवर जी इस बात को जरा ध्यान सें पढ़े वह तुम में होगा। <br /><br />मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, बरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं। John 14:13 <br />ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कही। John 14:26<br /><br /><br />2.@ अनवर जी इस बात को जरा ध्यान सें पढ़े जो काम ईसा ने किये वरन उस <br /><br />से भी बड़े बड़े काम करेगा।<br /><br />प्रश्न - क्या मोहम्मद साहब ने ईसा जैसे ही काम किये हो तो बतायें। <br /><br /><br />परन्तु सहायक अर्थात् पवित्रा आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। John 14:27kumaramhttps://www.blogger.com/profile/02431407162072545742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-54338678879695503012010-10-13T20:45:14.776+05:302010-10-13T20:45:14.776+05:30"धर्मशास्त्र में भी आया है कि ‘मैं दया से प्र..."धर्मशास्त्र में भी आया है कि ‘मैं दया से प्रसन्न से होता हूं बलिदान से नहीं।" - क्या जमाल ने मांसाहार छोड दिया, और बकरीद पर क्या वो कुर्बानी नही देगें?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-20197160533398617802010-10-13T20:31:01.084+05:302010-10-13T20:31:01.084+05:30जमाल तुमने लिखा है "लेकिन मेरे सवालों का जवाब...जमाल तुमने लिखा है "लेकिन मेरे सवालों का जवाब इनमें से कोई भी नहीं दे रहा है। ये क्या जवाब देंगे ? जवाब तो पादरी राकेश चार्ली जी भी न दे सके।" - <b> तुम्हारा यह घमण्ड मुझे बहुत पसंद है</b>, इसे बनाए रखो|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-15072075628348592712010-10-13T20:22:10.012+05:302010-10-13T20:22:10.012+05:30अगर आप साकार और निराकार के बजाए सजीव और निर्जीव मे...अगर आप साकार और निराकार के बजाए सजीव और निर्जीव मे भेद के आधार पर मूर्ती पूजन का विरोध करते हैं तो गुरुपूजन एवं माता पिता के पूजनीय होने पर कोइ प्रश्न नही उठाना चाहिए।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-39771550608495407642010-10-13T20:08:21.063+05:302010-10-13T20:08:21.063+05:30भाइ अनवर जी ये मेरे सवाल का जवाब नही था
मैने पिछ...भाइ अनवर जी ये मेरे सवाल का जवाब नही था <br /><br />मैने पिछले पेज मे पूछा था ये मेरे सवाल का जवाब नही था <br /><br />कृप्या नमुदार का अर्थ बता देंbhagvatprasad mishrahttps://www.blogger.com/profile/01383139361511940488noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-2895326606677108202010-10-13T18:17:20.591+05:302010-10-13T18:17:20.591+05:30@जमाल भाइ - बात साकार और निराकार मे चयन की है, नाक...@जमाल भाइ - बात साकार और निराकार मे चयन की है, नाक भी साकार है, कल को कोई नाक की मुर्ती बना कर पूजन प्रारंभ कर देगा, कैसे रोकोगे? वैसे भी सब मुस्लिम ध्यान करते ही हैं इसका कोइ प्रमाण नही है, कई तो दूसरो को देख कर मात्र अभ्यास वश उठते और बैठते हैं क्या इतना मात्र ध्यान है? अतः जो भी जिस रूप मे समझ सके महत्व समझने का है।<br /><br />आपके प्रश्न सुज्ञ जी के लिए - सत्य एक ही होता है पर समझने वाले उसको समझे तब न, आप जो सुज्ञ जी को समझा रहे हैं वस्तुतः वो आपको समझना है। पर आप समझे तब न।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-32415926310551726092010-10-13T14:53:46.663+05:302010-10-13T14:53:46.663+05:30घर आए महमान से हुई बातें बहुत अच्छी लगी आगे की कह...घर आए महमान से हुई बातें बहुत अच्छी लगी आगे की कहानी भी हो सके तो कभी सुनाईएगा<br /><br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2010/05/interview-5.html" rel="nofollow">नव- मुस्लिम डाक्टर मुहम्मद हुज़ेफा (डी. एस. पी. रामकुमार) से मुलाकात interview 5</a><br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2010/04/interview.html" rel="nofollow">मास्टर मुहम्मद आमिर (बलबीर सिंह, पूर्व शिवसेना युवा शाखा अध्यक्ष) से एक मुलाकात - Interview</a><br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2010/05/blog-post_04.html" rel="nofollow">मुहम्मद इसहाक (पूर्व बजरंग दल कार्यकर्त्ता अशोक कुमार) से एक दिलचस्प मुलाकात Interview 2</a><br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2010/05/25-interview-3.html" rel="nofollow">बाबरी मस्जिद गिराने के लिये 25 लाख खर्च करने वाला सेठ रामजी लाल गुप्ता अब "सेठ मुहम्मद उमर" interview 3</a><br /><br /><a href="http://hamarianjuman.blogspot.com/2010/05/interview-4.html" rel="nofollow">जनाब अब्दुर्रहमान (शास्त्री अनिलराव आर्य समाजी) से मुलाकात Interview-4</a>बलबीर सिंह (आमिर)https://www.blogger.com/profile/00069411085255665505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-55646667352990868522010-10-13T14:48:44.510+05:302010-10-13T14:48:44.510+05:30@Ejaz Ul Haq:- १. मैं अचंभित हूँ कि किस प्रकार लोग...@Ejaz Ul Haq:- १. मैं अचंभित हूँ कि किस प्रकार लोग भ्र्म की दुनिया मे जीते हैं, मैने कब कहा कि मेरा कुरान पर मोह था, न था न है और अब उसको पढने के पश्चात होने की कोई संभावना भी नही। मेरा पूर्वाग्रह दूर करने के प्रति अपनी ऊर्जा न लगाओ, हो सके तो वह वातावरण बनाओ जिससे तुम्हारे लो अनायास ही धर्म के नाम पर व्यर्थ मे अपने प्राणों की आहुति न दें, स्वयं भी जिएं दूसरों को भी जीने दें।<br /><br />२. देवी के अपमान की बात फिर से मुझे तुम्हारे गुरुजी के सृष्टि के उत्पन्न होने की theory पर ले जाती है जहाँ निर्लज्जता पूर्वक तुम लोगो ने श्रीमद्भावत पुराण को उद्ध्र्त किया झूठा।<br /><br />३. मैने यह नही कहा कि डा गांव मे रहते हैं, मैने कहा कि डा गांव के लोगो को ठगते हैं, comment ज्यादा ही कडवा है पर क्या करूँ जब इंजक्श्न टाइट लगता है तो यह तो सब समझ जाते हैं कि सामने वाला qualified बंदा नही है। तो ऐसा आदमी परमात्मा से मिलाएगा या जर्क भेजेगा थोडा शंशय रहता है।<br /><br />४. भारतीय संस्कृति के विविध आयाम हैं उसमे से एक इसे मानता है कि मृत्यु निश्चित समय पर आती है तो दूसरा मानता है कि कर्म ही सब को नियंत्रिन करता है, अर्थात कर्म के अनुसार भाग्य बदलता रहता है। महर्षि चार्वाक ने तो भाग्य को पूर्णतः खारिज किया हुआ है, अतः आप किस आयाम की बात कर रहे हैं जरा स्पष्ट करें।<br /><br />मुझ पर ईसाइ पंडित होने का आरोप लगाने वाले हो सकता है कि तुम विदेशी ताकतो के जरिया हो हम लोगो को आपस मे लडाने के लिए।Anonymousnoreply@blogger.com