tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post7318334404220790257..comments2023-10-18T23:46:43.430+05:30Comments on Ved Quran: I like Ramchandra ji श्री रामचन्द्र जी के प्रति मेरा अनुराग और चिंतन - Anwer JamalDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-56376752390596160722010-08-06T18:22:29.933+05:302010-08-06T18:22:29.933+05:30Very Nice Post.
May Allah shower his bounties for ...Very Nice Post.<br />May Allah shower his bounties for your hard and honest work.<br />Iqbal Zafar.Iqbal Zafarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-72473154466491125332010-08-05T22:16:51.155+05:302010-08-05T22:16:51.155+05:30जय श्री रामजय श्री रामManhttps://www.blogger.com/profile/04207741457433540498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-33007801227770693932010-08-05T22:01:24.621+05:302010-08-05T22:01:24.621+05:30राम और रामचन्द्र जी में अन्तर है , कृपया अजन्मे ईश...<b>राम और रामचन्द्र जी में अन्तर है , कृपया अजन्मे ईश्वर और जन्म लेने वाले दशरथपुत्र को आपस में गड्डमड्ड न करें। सर्वज्ञ ईश्वर ही उपासनीय है वही सृष्टिकर्ता है । रामचन्द्र जी उपासक थे , उपासनीय नहीं। यह बात हिन्दू धर्मग्रंथों से ही प्रमाणित है।</b>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-13083279325631049072010-08-05T21:43:58.380+05:302010-08-05T21:43:58.380+05:30@ मिश्रा जी ! हमारे बंधु को कन्फ़्यूज़ तो आपके ही बं...@ मिश्रा जी ! हमारे बंधु को कन्फ़्यूज़ तो आपके ही बंधुओं के कथन-प्रवचन कर रहे हैं। ख़ैर शिकवा छोड़िये यह बताइये कि यह पोस्ट कैसी लगी । इसके बाद इस पोस्ट पर भी अपने विचार दें तो अच्छा लगेगा। http://mankiduniya.blogspot.com/2010/08/tolerance-in-india-anwer-jamal.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-31064836543653508622010-08-05T17:52:28.101+05:302010-08-05T17:52:28.101+05:30sundar lekh aur ati-sundar vichar aapko salaamsundar lekh aur ati-sundar vichar aapko salaamMahendrahttps://www.blogger.com/profile/05521785989665511741noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-66348936991891194092010-08-05T16:01:41.845+05:302010-08-05T16:01:41.845+05:30sugh साहब क्या किसी की जन्म तिथि पूछना उसके अस्तित...sugh साहब क्या किसी की जन्म तिथि पूछना उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाना है ? हम जो बात मालूम नही वह आप जैसे बुद्धिजीवियों से मालूम करने मे कौन सा पाप है आखिर आप के पूर्वज भी वही है जो हम अपने होने का दावा कर रहे हैं । फिर आपको बताने मे क्या एतराज ?Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-33167339925226058812010-08-05T15:25:35.368+05:302010-08-05T15:25:35.368+05:30इस्लामी विचारधारा के बारे मे बात करने से पहेले कु...इस्लामी विचारधारा के बारे मे बात करने से पहेले कुछ बिंदुओ और बातो को जानना और समझना ज़रूरी है और इन पर विचार करना ज़रूरी समझता हुँ <br /><br />पहेली बात अगर ये माना जाता है कि शक्ति है तो उसके कुछ नियम है यदि कोई उन नियमो का पालन नही करे तो उस से नुकसान होगा अथवा कोई लाभ नही होगा!<br /><br /> जैसे बिजली एक शक्ति है और उसका नियम है कि उसका उपयोग हेतु फेस और न्यूट्रल होना चाहिए और बीच मे कुछ लोड हो,<br /><br /> जहाँ शक्ति है वहाँ नियम है अगर नियम नही तो शक्ति अनियंत्रित होगी अथवा नही होगी अर्थात नियमो का पालन ज़रूरी है अत: सब शक्ति से उपर सर्वशक्तिमान को मानना है तो उसके भी नियम तो ही होने चाहिए !<br /><br />दूसरी बात अब अगर कोई अपने आपको नास्तिक कहता है तो उसके लिए ये ज़रूरी है कि वो शक्तिमान (देवी देवता, खुदा का बेटा, या हर चीज़ मे खुदा ईश्वर है)और सर्वशक्तिमान का इनकार करे, केवल शक्ति को मानना और ना मानना से नास्तिक होने मे कोई फ़र्क नही पड़ेगा,उसके बावजूद नास्तिक भी नियम विशेष मे बँधा होगा चाहे वो प्रकर्ती के हो, देश के रास्ट्र के हो, राज्ये के शाहर के, सड़क के हो, घर के हो<br /><br />इसी तरह अगर कोई ईसाई बनना चाहता है तो उसे सर्वशक्तिमान और ईसा और मरियम (मदर मैरी) और बाइबल (किताब) और जो कुछ बाइबल मे है उसे मानना ज़रूरी होगा वरना वो ईसाई नही होगा चाहे किसी ईसाई घर मे पैदा हो, <br /><br />अगर हिंदू है तो उसे सर्वशक्तिमान के साथ दूसरे शक्तिमान (देवी देवता) को और धर्मग्रंथो को मानना पड़ेगा अगर कोई नही मानता तो नास्तिक ही कहलाता है !<br /><br /><br />आस्तिक के लिए सर्वशक्तिमान को मानने उसका अस्तित्व स्वीकार करने के बाद सर्वशक्तिमान अथवा शक्तिमान कि इबादत, पूजा आवशयक अंग होती है, सीके अलावा नियम भी होते है जिसे उसका पालन करना ज़रूरी है इसके जैसे हर मामले मे ये देखा जाता है क्या वैध क्या अवैध ईसाई माँस को वैध और हिंदू अवैध बताता है, ईसाई गो मूत्र को अवैध और हिंदू वैध, इसी प्रकार धर्म विशेष के मानने वालो के लिए परिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नियम भी है, जब कोई अपने को सेकुलर, धर्म निरपेक्ष, धर्म से अलग कहता है तो वो ना तो सर्वशक्तिमान को मानता है ना शक्तिमान को ना ही वो कोई पूजा इबादत करता है और ना ही वो धर्म के बाकी नियम, क़ानून को मानता है, उसके अनुसार मानव अपने नियम खुद बनाए ! लोकतंत्र मे देश व राज्ये को सेक्युलर या धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया है अर्थात लोकतंत्र देश कि विचारधारा मे ये बात समाहित है कि देश या राज्ये ये नही मानता कि कोई अल्लाह, ईश्वर, God है लेकिन ये देश के हर नागरिक को ये अधिकार देता है कि हर वयक्ति किसी को भी सर्वशक्तिमान, देवी देवता मानकर उसकी इबादत और पूजा कर सकता है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-47872230450286220202010-08-05T15:25:06.049+05:302010-08-05T15:25:06.049+05:30इस्लामी विचारधारा के बारे मे बात करने से पहेले कु...इस्लामी विचारधारा के बारे मे बात करने से पहेले कुछ बिंदुओ और बातो को जानना और समझना ज़रूरी है और इन पर विचार करना ज़रूरी समझता हुँ <br /><br />पहेली बात अगर ये माना जाता है कि शक्ति है तो उसके कुछ नियम है यदि कोई उन नियमो का पालन नही करे तो उस से नुकसान होगा अथवा कोई लाभ नही होगा!<br /><br /> जैसे बिजली एक शक्ति है और उसका नियम है कि उसका उपयोग हेतु फेस और न्यूट्रल होना चाहिए और बीच मे कुछ लोड हो,<br /><br /> जहाँ शक्ति है वहाँ नियम है अगर नियम नही तो शक्ति अनियंत्रित होगी अथवा नही होगी अर्थात नियमो का पालन ज़रूरी है अत: सब शक्ति से उपर सर्वशक्तिमान को मानना है तो उसके भी नियम तो ही होने चाहिए !<br /><br />दूसरी बात अब अगर कोई अपने आपको नास्तिक कहता है तो उसके लिए ये ज़रूरी है कि वो शक्तिमान (देवी देवता, खुदा का बेटा, या हर चीज़ मे खुदा ईश्वर है)और सर्वशक्तिमान का इनकार करे, केवल शक्ति को मानना और ना मानना से नास्तिक होने मे कोई फ़र्क नही पड़ेगा,उसके बावजूद नास्तिक भी नियम विशेष मे बँधा होगा चाहे वो प्रकर्ती के हो, देश के रास्ट्र के हो, राज्ये के शाहर के, सड़क के हो, घर के हो<br /><br />इसी तरह अगर कोई ईसाई बनना चाहता है तो उसे सर्वशक्तिमान और ईसा और मरियम (मदर मैरी) और बाइबल (किताब) और जो कुछ बाइबल मे है उसे मानना ज़रूरी होगा वरना वो ईसाई नही होगा चाहे किसी ईसाई घर मे पैदा हो, <br /><br />अगर हिंदू है तो उसे सर्वशक्तिमान के साथ दूसरे शक्तिमान (देवी देवता) को और धर्मग्रंथो को मानना पड़ेगा अगर कोई नही मानता तो नास्तिक ही कहलाता है !<br /><br /><br />आस्तिक के लिए सर्वशक्तिमान को मानने उसका अस्तित्व स्वीकार करने के बाद सर्वशक्तिमान अथवा शक्तिमान कि इबादत, पूजा आवशयक अंग होती है, सीके अलावा नियम भी होते है जिसे उसका पालन करना ज़रूरी है इसके जैसे हर मामले मे ये देखा जाता है क्या वैध क्या अवैध ईसाई माँस को वैध और हिंदू अवैध बताता है, ईसाई गो मूत्र को अवैध और हिंदू वैध, इसी प्रकार धर्म विशेष के मानने वालो के लिए परिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नियम भी है, जब कोई अपने को सेकुलर, धर्म निरपेक्ष, धर्म से अलग कहता है तो वो ना तो सर्वशक्तिमान को मानता है ना शक्तिमान को ना ही वो कोई पूजा इबादत करता है और ना ही वो धर्म के बाकी नियम, क़ानून को मानता है, उसके अनुसार मानव अपने नियम खुद बनाए ! लोकतंत्र मे देश व राज्ये को सेक्युलर या धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया है अर्थात लोकतंत्र देश कि विचारधारा मे ये बात समाहित है कि देश या राज्ये ये नही मानता कि कोई अल्लाह, ईश्वर, God है लेकिन ये देश के हर नागरिक को ये अधिकार देता है कि हर वयक्ति किसी को भी सर्वशक्तिमान, देवी देवता मानकर उसकी इबादत और पूजा कर सकता है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-61367080306263270382010-08-05T15:17:49.847+05:302010-08-05T15:17:49.847+05:30देवबंद के आलिम श्री रामचन्द्र जी और श्री कृष्ण जी ...देवबंद के आलिम श्री रामचन्द्र जी और श्री कृष्ण जी का सम्मान करते हैं और कहते हैं कि हो सकता है कि वे अपने दौर के नबी रहे हों क्योंकि कुल 1,24,000 नबी हुए हैं। <br /><br /><br />I Agree With above topicTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-15171029466354284552010-08-05T15:04:40.830+05:302010-08-05T15:04:40.830+05:30अयाज़ साहब,
यदि श्रीराम और श्रीकृष्ण आपके भी पूर्वज...अयाज़ साहब,<br />यदि श्रीराम और श्रीकृष्ण आपके भी पूर्वज है तो किसे पुछ रहे हैं? अपने ही पूर्वजों की जन्म तिथि और अपना ही इतिहास?<br /><br />आज आपका होना ही आपके पूर्वजों के अस्तित्व का सबूत है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-61976196536031385072010-08-05T14:26:03.577+05:302010-08-05T14:26:03.577+05:30हमारी मंशा तो ठीक लेकिन आप जैसे बुद्धिजीवी लोगो क...हमारी मंशा तो ठीक लेकिन आप जैसे बुद्धिजीवी लोगो की सोच गलत है जो आप बदलना नही चाहते । आप लोग पहले तो मुसलमानो को बदलने के लिए कहते है फिर मुसलमान अपने आपको बदलने के लिए आपसे सवाल पूछता है तो आप लोग नाराज़ हो जाते हो । हमारे मन मे तो कोई खोट नही ,हम तो सिर्फ अपने पूर्वजो के बारे मे आपसे जानना चाहते है जिनका आप अपने आपको सही वारिस बताते है । हम तो यही मानते है कि श्रीराम और श्रीकृष्ण हमारे पूर्वज है । जिनका हमें आदर करना चाहिएAyaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-22428241463969111802010-08-05T14:06:11.604+05:302010-08-05T14:06:11.604+05:30@ अयाज साहब,
आप जो हैं, जो अपने आपको दिखाना चाहते ...@ अयाज साहब,<br />आप जो हैं, जो अपने आपको दिखाना चाहते हैं और जो आप लोगों की मंशा है----इन सब से समूचा ब्लागजगत बखूबी वाकिफ है. खाल ओढकर भेडों में शामिल होने का चाहे जितना प्रयास कर लें लेकिन वो कोई मूर्ख ही होगा जो आपकी फितरत को पहचान न पाएगा. आपकी ये "हुव्वाँ-हुव्वाँ" ही आपकी फितरत बखूबी जाहिर कर डालती है. इसलिए ये नौटंकी करने की कोई जरूरत नहीं है. अरे! एक घर तो डायन भी छोड देती है. लेकिन आप लोगों नें तो उसे भी पीछे छोड दिया.Niranjan Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08597819389525467318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-6754382939558792722010-08-05T13:49:25.951+05:302010-08-05T13:49:25.951+05:30Shahnawaz bhai se sahmat !!Shahnawaz bhai se sahmat !!Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-86907180211601967272010-08-05T13:20:39.213+05:302010-08-05T13:20:39.213+05:30अयाज़ साहब,
उस प्रश्न से कहां एतराज़ है, एतराज़ तो प...अयाज़ साहब,<br /><br />उस प्रश्न से कहां एतराज़ है, एतराज़ तो प्रश्नकर्ता की मंशा से है,नियत से है।<br />समझदार है वे तो सीधा ही समझेंगे की भावार्थ क्या है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-3983432050230900832010-08-05T13:02:28.049+05:302010-08-05T13:02:28.049+05:30मिश्रा जी आप अपने बंधुओ के नाम तो गिनवाओ । हमारे ब...मिश्रा जी आप अपने बंधुओ के नाम तो गिनवाओ । हमारे बंधु की संख्या तो बता दीAyaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-35833293745196217222010-08-05T12:17:56.516+05:302010-08-05T12:17:56.516+05:30आपके एक भाई बंधु कह रहे हैं की राम तो हुए ही नहीं ...आपके एक भाई बंधु कह रहे हैं की राम तो हुए ही नहीं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-77079995035905039962010-08-05T11:37:04.495+05:302010-08-05T11:37:04.495+05:30@अनाम साहब हमने तो अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए सिर्फ...@अनाम साहब हमने तो अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए सिर्फ एक प्रश्न पूछा था क्योकि सभी लोग मानते है कि श्रीरामचंद्र जी पैदा हुए तो उनके जन्म की तारीख क्या है यह पूछने मात्र से श्रीराम जी के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह कहाँ लगता है । प्रश्नचिन्ह तो आप लोगो की बुद्धिमता पर लगता है। जो एक तरफ तो भारत को फिर विश्व गुरु बनाने की बात करते है पर सिर्फ एक प्रश्न से बोखला जाते है और अभद्रता करने पर उतारु हो जाते है ।Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-37314022352020478602010-08-05T11:16:12.582+05:302010-08-05T11:16:12.582+05:30भारत में कई तरह के इंसान हैं, कुछ श्री राम को ईश्व...भारत में कई तरह के इंसान हैं, कुछ श्री राम को ईश्वर मानते हैं, कुछ भगवान मानते हैं, कुछ महापुरुष, कुछ केवल पुराने ज़माने का राजा और कुछ ऐसे भी हैं जो मानते ही नहीं हैं.<br /><br />मैं उनको केवल महापुरुष और अनेकों खूबियों वाला एक इंसान मानता हूँ. उनको मर्यादा पुरषोत्तम मानता हूँ और मानता हूँ कि जो कुछ लोगो ने उनकी छवि को खराब करने के लिए भ्रांतियां फ़ैलाने की कोशिश की हैं वह गलत हैं. जो इंसान अपने पिता के आदेश को मानते हुए 14 साल वन वास काट सकता है, उनमे बुराइयों का होना संभव नहीं सकती है. मैं उनका इसलिए भी सम्मान करता हूँ कि वह हमारे पूर्वज थे और अपने पूर्वजो का सम्मान करना भी चाहिए. उनके होने या ना होने पर सवाल उठाना मेरे विचार से ठीक नहीं है. क्योंकि आज से ६-७ लाख पहले पैदा हुए किसी भी महापुरुष का होना भी कोई साबित नहीं कर सकता है और ना होना भी कोई भी साबित नहीं कर सकता है. वैसे भी श्री राम का अस्तित्व साबित होने अथवा ना होने से ऊपर है. क्योंकि वह करोडो लोगों के दिलों में बसते हैं.<br /><br />एक मुसलमान होने के नाते महापुरुषों का अनादर करने का मुझे हक भी नहीं है, क्योंकि अल्लाह (ईश्वर) ने कुरआन में फ़रमाया है कि उसने हर क्षेत्र और समाज में अपने संदेष्ठा (नबी) भेजें हैं. इसलिए हमारे बड़े हमें किसी भी महापुरुष के खिलाफ बोलने को मन करते हैं. क्योंकि हो सकता हो कि वह भी संदेष्ठा रहे हों.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-72981107167554507722010-08-05T10:55:27.647+05:302010-08-05T10:55:27.647+05:30दूसरी विचारधारा मे इस्लाम के अलावा जो भी मज़हब, धर...दूसरी विचारधारा मे इस्लाम के अलावा जो भी मज़हब, धर्म है उनमे ये विचारधारा प्रचलित है वे लोग सर्वशक्तिमान को तो मानते है साथ मे दूसरे शक्तिमानो को भी मानते है(जिसे वो सर्वशक्तिमान क हिस्सा मानते है जैसे हिंदू देवी देवताओ को, ईसाई ईसा को खुदा क़ा बेटा मानते है) <br /><br />इसी विचारधारा के लोग ये भी मानते है कि सर्वशक्तिमान हर जगह मौजूद है, ज़र्रे ज़र्रे मे, हर कण और परमाणु मे वो मौजूद है या ये सब उसी क़ा अंश है,<br /><br />ऐसी विचारधारा मसलमानो मे सूफ़ी लोगो कि भी है जिसे वाहादताल वुजूद कहा जाता है, इबने अरबी ने तो यहाँ तक कहा कि जो आबिद और माबूद (खुदा और बंदा)को अलग अलग माने वो काफ़िर है, इसी विचारधारा को मानने वालो मे अशरफ अली थानवी, अहमद रज़ा, मुहम्मद ज़कारिया व्गैराह शामिल है जो देवबंद और बरेलवी के बड़े आलिम कहलाते है!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-3388665445414366702010-08-05T10:53:10.428+05:302010-08-05T10:53:10.428+05:30तीसरी विचारधारा वाले लोग विज्ञान और उसके बनाए गये ...तीसरी विचारधारा वाले लोग विज्ञान और उसके बनाए गये नियमो के आधार पर साबित करते है कि दुनिया मे शक्ति तो है (force, power) लेकिन शक्तिमान और सर्वशक्तिमान को नकार देते है कि इन force, power को कंट्रोल करने वाला कोई है !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-3419024490416608122010-08-05T10:52:27.778+05:302010-08-05T10:52:27.778+05:30अल्लाह, खुदा, ईश्वर, God को लेकर काफ़ी भ्रांतिया ह...अल्लाह, खुदा, ईश्वर, God को लेकर काफ़ी भ्रांतिया है समझने के लिहाज से इसे तीन हिस्सो मे मैने बाँट लिया है अगर मै इसको समझ पाया तो शायद दूसरा भी समझ पाए <br />1. इस्लामी विचारधारा <br />2. गैर इस्लामी विचारधारा<br />3. नास्तिक <br /><br />तीनो विचारधारा वाले लोग किसी ना किसी शक्ति को मानते है शक्ति, शक्तिमान,सर्वशक्तिमानAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-45131520851493118602010-08-05T09:41:25.975+05:302010-08-05T09:41:25.975+05:30"हिकमत मोमिन की मीरास है, जहां से भी मिले ले ..."हिकमत मोमिन की मीरास है, जहां से भी मिले ले लो।"<br /> एक और Quote,<br />"इल्म जब तक मोमिन के दिल में नहीं आता, बेचैन रहता है, क्योंकि मोमिन का दिल ही उसकी सही जगह है." ---- हज़रत अली (अ.स.)zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-49641974927179316042010-08-05T09:39:38.047+05:302010-08-05T09:39:38.047+05:30हमारे यहा के कुछ मुसलमान जो अपने को असली मानते है ...हमारे यहा के कुछ मुसलमान जो अपने को असली मानते है कहते है यह पैगम्बर कुछ नही है सीधे अल्लाह ही सब कुछ हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-5633587775090883622010-08-05T01:41:21.843+05:302010-08-05T01:41:21.843+05:30क्या यह पोस्ट वास्तव में डा जमाल साहब की है?
जो कल...क्या यह पोस्ट वास्तव में डा जमाल साहब की है?<br />जो कल तक राम की जन्म तिथि जानने को आतुर थे।<br />या अनाम का विश्लेषण सही है ?सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-34299571151839226812010-08-04T23:51:58.686+05:302010-08-04T23:51:58.686+05:30"वे अपने जीवनकाल में कई बार ब्राह्मणों से भिड़..."वे अपने जीवनकाल में कई बार ब्राह्मणों से भिड़े और एक ब्राह्मण वेदभाष्यकार राजा रावण का अंत भी किया। इसी कारण से ब्राह्मणों ने उनका जीना हराम कर दिया और उनके जीवन का अंत भी एक ब्राह्मण दुर्वासा के ही कारण हुआ। उनके बाद ब्राह्मणों ने उनकी जीवनी लिखने के नाम पर ऐसे प्रसंग उनके विषय में लिख दिये जिसकी वजह से नारी और समाज के कमज़ोर तबक़ों के अलावा बुद्धिजीवी भी उन पर आरोप लगाने लगे, उन्हें ग़लत समझने लगे"<br />.<br />.<br />.<br />.<br />@ जमाल साहब, शब्दों का मायाजाल रचने में आप सिद्धहस्त लगते हैं, तभी कुछ लोग आपकी इस पोस्ट के वास्तविक मंतव्य को समझे बगैर आपकी शान में कसीदे पढ गए. <br />जनाब पहली बात तो ये कि यहां इस पोस्ट में शब्दाडम्बर का सहारा ले जो आप अपने आप को दर्शाने की नाकाम सी कौशिश कर रहे हैं. कोई आँख का अंधा या मूर्ख ही होगा जो समझ न पाएगा. काशमी और एयाज जैसे लोगों की पोस्ट पर आप जो राम के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगा रहे थे, क्या वो किसी को दिखाई नहीं दिया/ जनाब आचार, व्यवहार का ये दोगलापन आप जैसे पढे लिखे, विद्वान आदमी को शोभा नहीं देता/ <br />दूसरी मुख्य बात ये कि आपने उपरोक्त इंगित की गई चन्द पंक्तियों के जरिए ही ये खेल खेलने का नाटक रचा है/<br />बताईये क्या श्री राम नें रावण के प्राण उसके ब्राह्मण होने के कारण लिए? <br />बताईये कौन से ग्रन्थ में लिखा है कि रावण का अन्त करने के कारण ब्राह्मणों नें उनका जीना हराम कर दिया ?Niranjan Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08597819389525467318noreply@blogger.com