tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post4127769550933856200..comments2023-10-18T23:46:43.430+05:30Comments on Ved Quran: Haj or Yaj विभिन्न धर्म-परंपराओं का संगम : हज By S. Abdullah TariqDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-49459081811428671142011-01-02T20:50:55.432+05:302011-01-02T20:50:55.432+05:30@ बहन दिव्या जी !
अपने ब्लाग पर आपकी आपत्तियों और...@ बहन दिव्या जी ! <br />अपने ब्लाग पर आपकी आपत्तियों और सवालों के जवाब में आप मेरी पोस्ट ‘देश भक्ति का दावा और उसकी हक़ीक़त‘ देखने की तकलीफ़ ज़रूर गवारा करें और तब आप बताएं कि कमी क्या है ?<br />इंशा अल्लाह मैं ज़रूर दूर करूंगा।<br /><br />दो नए ब्लाग भी, जो नए साल पर मैंने बनाए हैं , उन्हें भी आप ज़रूर देखिएगा।<br />1- <a href="http://pyarimaan.blogspot.com/" rel="nofollow">प्यारी मां</a><br /><br />2- <a href="http://commentsgarden.blogspot.com/" rel="nofollow">कमेंट्स गार्डन</a><br /><br />http://zealzen.blogspot.com/2010/12/blog-post_29.html#comment-formDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-13842308516640904732010-12-31T21:46:01.249+05:302010-12-31T21:46:01.249+05:30सभी भाई बहनों को सादर प्रणाम !
कृपया देखिये मेरा ए...सभी भाई बहनों को सादर प्रणाम !<br />कृपया देखिये <a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/patriot.html" rel="nofollow">मेरा एक आर्टिकल</a>तीन अलग अलग जगहों पर<br />'देशभक्ति का दावा और उसकी हकीक़त'<br />http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/patriot.html<br /><br />http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2010/12/patriot.html<br /><br />http://blog-parliament.blogspot.com/2010/12/patriot.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-78653445467926578312010-12-23T21:30:33.577+05:302010-12-23T21:30:33.577+05:30@ डाक्टर श्याम गुप्त जी ! आपका और आपके विचारों का ...@ डाक्टर श्याम गुप्त जी ! आपका और आपके विचारों का स्वागत है . कृपया<br /><a href="http://www.scribd.com/doc/24669576/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%8F%E0%A4%B5%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0-India-Cow" rel="nofollow"> डाक्टर सुरेन्द्र कुमार शर्मा अज्ञात जी का हिन्दू धर्म ग्रंथों में मांसाहार पर शोध </a>भी देख लीजिये . हो सकता है कि इससे आपको सच्चाई तक पहुँचने में कुछ मदद मिले .<br />आपका बारम्बार स्वागत है .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-40257181416300519322010-12-23T20:52:22.089+05:302010-12-23T20:52:22.089+05:30अनवर जी, आपके वैदिक धर्म की व इतिहास की जानकारी क...अनवर जी, आपके वैदिक धर्म की व इतिहास की जानकारी की दाद देनी होगी...वस्तुतः पहले भारत संपूर्ण विश्व( मनुष्य व बस्तियों से युक्त)को ही कहा जाता था..विभिन्न धर्म व सम्प्रदाय भी नहीं थे.अतः आपका वर्णन सही ही है...<br />----निश्चय ही आदिम युग में मांसाहार प्रचलित रहा होगा...भारत में भी, परन्तु बाद में उसके अवगुण व अन्य भोज्य पदार्थों की उपलब्धता, खेती का अविर्भाव के कारण मांसाहार निरोध किया गया होगा...<br />---आप के संस्क्रत के उदाहरणों के अर्थ गलत है--यथा--<br />१-यज्ञार्थं ब्राह्मणैर्वध्याः प्रशस्ता मृगपक्षिणः ।<br />भृत्यानां चैव वृत्यर्थमगस्त्यो ह्याचरत्पुरा ।। (मनु. 5,22)<br />अर्थात यज्ञ के लिए तो अवश्य तथा रक्षणीय की रक्षा के लिए शास्त्र-विहित मृग और पक्षियों का वध करे। ऐसा अगस्त्य ऋषि ने पहले किया था। यह गलत है सही अर्थ है....<br />(----यग्य के लिये व ब्राह्मण के लिये पशु –पक्षी अवध्य हैं यह प्रशस्त मार्ग है,, भ्रत्य( नौकर-चाकर..) और व्रत्ति( प्रोफ़ेशन-जीविका) के लिये भी नही----यह पुरा काल से अगत्य आदि रिष्यों का आचरण रहा है…<br />-२---नात्ता दुष्यत्यदन्नाद्यान्प्राणिनोऽहन्यहन्यपि ।<br />धात्रैव सृष्टा ह्याद्याश्च प्राणिनात्तार एव च ।। (मनु. 5, 30)<br />अर्थात प्रतिदिन भक्ष्य जीवों को खाने वाला भी भक्षक दोषी नहीं होता है, क्योंकि सृष्टा ने ही भक्ष्य तथा भक्षक, दोनों को बनाया है।यह अर्थ गलत है...सही है---<br />---अन्न, धान्य, प्राणी, अहन्य,( अवध्य) व हन्य( वध्य)…सभी धाता ने प्राणियों के लिये बनाये, कही मानव द्वारा मांस खाने का अर्थ नहीं है…<br />--३---तां तदा दर्शयित्वा तु मैथिली गिरिनिम्नगाम् ।<br />निषसाद गिरिप्रस्थे सीतां मांसेन छन्दयन् ।।<br />इदं मध्यमिदं स्वादु निष्टप्तमिद मग्निना ।<br />एवमास्ते स धर्मात्मा सीतया सह राघवः ।।<br />(वाल्मीकि रामायण, अयोध्या काण्ड, 96, 1 व 2)<br />अर्थात इस प्रकार सीता जी को (नदी के) दर्शन कराकर उस समय श्री रामचन्द्र जी उनके पास बैठ गए और तपस्वी जनों के उपभोग में आने योग्य मांस से उनका इस प्रकार लालन करने लगे, ‘‘इधर देखो प्रिये, यह कितना मुलायम है, स्वादिष्ट है और इसको आग पर अच्छी तरह सेका गया है।‘ यह गलत अर्थ है...सही यह है---‘<br />---इस प्रकार दर्शन करके गिरि से नीचे जाते हुए, एक स्थान पर बैठकर खेत से खाद्य पदार्थ( कन्द-मूल-फ़ल) लेकर यह स्वादिष्ट है, यह अग्निवर्धक है—यह कहते हुए राम को खिलाने लगीं..इस प्रकार धर्मात्मा रम सीता के साथ रहने लगे। shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-70625001062825841402010-12-06T03:35:45.155+05:302010-12-06T03:35:45.155+05:30सनातन है इस्लाम , एक परिभाषा एक है सिद्धांत
ईश्वर...<b>सनातन है इस्लाम , एक परिभाषा एक है सिद्धांत </b><br />ईश्वर एक है तो धर्म भी दो नहीं हैं और न ही सनातन धर्म और इस्लाम में कोई विरोधाभास ही पाया जाता है । जब इनके मौलिक सिद्धांत पर हम नज़र डालते हैं तो यह बात असंदिग्ध रूप से प्रमाणित हो जाती है ।<br />ईश्वर को अजन्मा अविनाशी और कर्मानुसार आत्मा को फल देने वाला माना गया है । मृत्यु के बाद भी जीव का अस्तित्व माना गया है और यह भी माना गया है कि मनुष्य पुरूषार्थ के बिना कल्याण नहीं पा सकता और पुरूषार्थ है ईश्वर द्वारा दिए गए ज्ञान के अनुसार भक्ति और कर्म को संपन्न करना जो ऐसा न करे वह पुरूषार्थी नहीं बल्कि अपनी वासनापूर्ति की ख़ातिर भागदौड़ करने वाला एक कुकर्मी और पापी है जो ईश्वर और मानवता का अपराधी है, दण्डनीय है । <br />यही मान्यता है सनातन धर्म की और बिल्कुल यही है इस्लाम की ।<br /><br />अल्लामा इक़बाल जैसे ब्राह्मण ने इस हक़ीक़त का इज़्हार करते हुए कहा है कि<br /><br />अमल से बनती है जन्नत भी जहन्नम भी<br />ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी हैDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-77303793072452511542010-12-03T20:21:42.861+05:302010-12-03T20:21:42.861+05:30@दिव्योत्साही बहन दिव्या जी ! कृपया अमन के पैगा...@दिव्योत्साही बहन दिव्या जी ! कृपया अमन के पैगाम पर जाकर देखें कि वहां अर्थ का क्या अनर्थ हो रहा है ?<br /><a rel="nofollow">मैंने भी वहां यह कमेन्ट दिया है .</a><br /><b>बुलंदी पर जाने के लिए ईमान शर्त है।</b><br />@ भाई तारकेश्वर गिरी जी की पर्सनैलिटी दमदार है। ऐसी जानदार बात कहते हैं कि हरेक नर नारी तुरंत सहमत हो जाता है, कभी सोचकर और कभी बिना सोचे ही। उनकी अमन की बात पर तो आदमी बिना सोचे भी सहमत हो जाए तो नफ़े में रहेगा लेकिन यह क्या कि उनके शेर पर भी मेरी दिव्योत्साही बहन दिव्या जी सहमत हो गईं ?<br />अगर वे जानतीं कि शेर का मतलब क्या है तो वे हरगिज़ सहमत न होंतीं।<br />शेर यह है -<br />‘जितना<b>झुकेगा </b>जो, उतना<b> उरोज </b>पाएगा<br />ईमां है जिस दिल में, वो बुलंदी पे जाएगा‘<br /><br />चलिए अपने गिरी बाबू तो भोले जी के भगत हैं लेकिन क्या हिंदी-उर्दू के दूसरे मूर्धन्य जानकारों का ध्यान भी इस तरफ़ न गया कि ‘यहां झुकने से कौन सा उरोज पाया जा रहा है ?‘<br />इससे पता चलता है कि पोस्ट को ज़्यादा लोग कम ग़ौर से पढ़ते हैं।<br />इससे यह भी पता चलता है कि लोग जिससे सहमत होने का मूड एक बार सैट कर लेते हैं तो फिर न उसके कलाम को देखते हैं और न उसके शब्दों के अर्थ को।<br /><b>भाई तारकेश्वर गिरी </b>जी को ब्लाग जगत का इतना ज़बरदस्त समर्थन मिलता देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूं और उनकी बुलंदी की कामना करता हूं क्योंकि बुलंदी पर जाने के लिए ईमान शर्त है।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-35587013107354540712010-11-27T01:45:35.309+05:302010-11-27T01:45:35.309+05:30लोग हमारी वार्ता को युद्ध की संज्ञा देते हैं ।
@ ज...<b>लोग हमारी वार्ता को युद्ध की संज्ञा देते हैं ।</b><br />@ जनाब मासूम साहब ! मेरा मानना यह है कि मैं एक अलग माहौल में पला बढ़ा हूँ और मेरे भाई अमित शर्मा जी मुझसे मुख़्तलिफ़ माहौल में। इसमें न तो मेरी कोई खूबी है और न ही अमित जी का कोई दोष । मेरे माहौल की छाप मेरे जहन पर है और अमित जी के जहन पर उनके माहौल की । वे अपने धर्म-दर्शन के प्रति गंभीर हैं , मुझे यह अच्छा लगता है । मैं रब का शुक्र अदा करता हूँ कि वे आस्तिक हैं । अगर वे नास्तिक और शराबी होते तो हम उनका क्या कर लेते ? उन्होंने खुद को बहुत सी ख़राबियों से बचाया आज के दौर में यह कम बात नहीं है ।<br />उन्हें अज्ञानी कहना ज्यादती होगी । वह पैदाइश के ऐतबार से भी पंडित हैं और अपने अमल से भी ।<br />हमारे कुछ विचार टकराते हैं तो कुछ मिलते भी हैं जैसे कि हम दोनों ही धर्मपसंद हैं । कार्बन कॉपी तो न मैं उनकी बन सकता हूँ और न ही वे मेरी बनेंगे । <br />हमारी धर्मवार्ता को धर्मयुद्ध नाम देने वाले वास्तव में मुग़ालते के शिकार हैं ।<br />जहाँ आदमी होंगे वहाँ बातचीत जरूर होगी । लोग अपनी रुचि के अनुसार ही बात करते हैं ।<br />अमित जी की और मेरी रुचि धर्म में है सो हम धार्मिक विषय पर बातें करते हैं , बस ।<br />युद्ध वहाँ होते हैं जहाँ हवस और रंजिशें होती हैं , ये दोनों ही चीजें हम दोनों में ही नहीं हैं , शुक्र है मालिक का !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-43737005419353099602010-11-26T23:53:26.816+05:302010-11-26T23:53:26.816+05:30किसने कहा की अनवर जमाल और अमित शर्मा का धर्म युद्ध...किसने कहा की अनवर जमाल और अमित शर्मा का धर्म युद्ध हो रहा है? ऐसी बकवास ना करें और दिलों मैं नफरत ना फैलें. एक ज्ञानी और अज्ञानी का युद्ध वैसे भी नहीं हो सकता.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-65575816373953446292010-11-25T22:02:49.262+05:302010-11-25T22:02:49.262+05:30ज़ालिम कौन Father Manu या आज के So called intellect...<b>ज़ालिम कौन Father Manu या आज के So called intellectuals ?</b><br />एक अनुपम रचना जिसके सामने हरेक विरोधी पस्त है और सारे श्रद्धालु मस्त हैं ।<br />देखें हिंदी कलम का एक अद्भुत चमत्कार<br />ahsaskiparten.blogspot.com<br />पर आज ही , अभी ,तुरंत ।<br /><a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/11/father-manu-anwer-jamal.html" rel="nofollow">महर्षि मनु की महानता</a> और पवित्रता को सिद्ध करने वाला कोई तथ्य अगर आपके पास है तो कृप्या उसे कमेँट बॉक्स में add करना न भूलें ।<br />जगत के सभी सदाचारियों की जय !<br />धर्म की जय !!DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-35653684227860093222010-11-23T01:06:29.796+05:302010-11-23T01:06:29.796+05:30यदि आप को "अमन के पैग़ाम" से कोई शिकायत ...यदि आप को "अमन के पैग़ाम" से कोई शिकायत हो तो <a href="http://sheeisha.blogspot.com/2010/10/peace.html" rel="nofollow">यहाँ अपनी शिकायत दर्ज करवा दें</a>. इस से हमें अपने इस अमन के पैग़ाम को और प्रभावशाली बनाने मैं सहायता मिलेगी,जिसका फाएदा पूरे समाज को होगा. आप सब का सहयोग ही इस समाज मैं अमन , शांति और धार्मिक सौहाद्र काएम कर सकता है. <a href="http://sheeisha.blogspot.com/" rel="nofollow">अपने कीमती मशविरे देने के लिए यहाँ जाएं</a>S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-87661614478022751602010-11-22T19:53:54.904+05:302010-11-22T19:53:54.904+05:30@ दिव्या जी के लिए आभार .
@ कुमार राधा रमण जी और स...@ दिव्या जी के लिए आभार .<br />@ कुमार राधा रमण जी और सभी भाइयों का भी आभारी हूँ .<br />आप सभी ने अपना बेहद कीमती वक़्त दिया .<br />शुक्रिया .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-32649104490738406712010-11-22T19:53:20.580+05:302010-11-22T19:53:20.580+05:30@ ऐ साहिब अ देश धर्म ! यहाँ कोई धर्म युध्ह नहीं बल...@ ऐ साहिब अ देश धर्म ! यहाँ कोई धर्म युध्ह नहीं बल्कि धर्म वार्ता चल रही है .<br />क्या दो भाई आपस में धर्म चर्चा भी नहीं कर सकते ?<br />मत भिन्नता अलग बात है , कोई बैर नहीं है हमें .<br />शुभकामनायें .<br />अच्छे उद्गार के लिए आभार . <br />वन्दे ईश्वरं . ॐ शांति .<br />२- मैं पहली बार आपके ब्लाग पर गया लेकिन तिरंगे के सिवा कुछ देख ही न पाया ऐसा क्यों ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-8442948008894493792010-11-22T17:50:43.414+05:302010-11-22T17:50:43.414+05:30ब्लॉग युद्ध - अमित बनाम अनवर जमाल
ये ब्लॉग युद्ध ...ब्लॉग युद्ध - अमित बनाम अनवर जमाल<br /><br />ये ब्लॉग युद्ध लड़ा जा रहा है उस देश में जहाँ 45 लाख का एक बकरा बिकता है, बकरों का 3-4 लाख में बिकना भी यहाँ कोई बड़ी बात नहीं है, ध्यान दीजिये उस देश में जहाँ आज भी हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है !<br /><br />पात्र परिचय - <br /><br /><br />हिंदी ब्लॉग एक आसमान पर चमकते हुए एक सितारे का नाम है डा. अनवर जमाल !<br /><br />http://meradeshmeradharm.blogspot.com/2010/11/blog-post.html<br /> <br /> मेरा देश मेरा धर्म said...<br />Read full post @<br /><br />http://meradeshmeradharm.blogspot.com/2010/11/blog-post.htmlAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-27054633850020364182010-11-22T10:56:42.423+05:302010-11-22T10:56:42.423+05:30धर्मग्रंथों में और परम्परा से भी,शरीर को कमतर बतात...धर्मग्रंथों में और परम्परा से भी,शरीर को कमतर बताते हुए केवल आत्मा पर ज़ोर दिया गया। इस अवधारणा को संतुलित करने की कोशिश ओशो समेत कुछ अन्य लोगों ने की। ऐसा प्रतीत होता है कि सभ्यता के आरंभिक दिनों में,मांसाहार सहज और सुलभ रहा होगा। बाद में,अनुभवजन्य कारणों से इसके निषेध की पहल की गई होगी।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-7000569405406049502010-11-21T07:59:50.115+05:302010-11-21T07:59:50.115+05:30.
बेहतरीन , ज्ञानवर्धक लेख के लिए आभार।
..<br /><br />बेहतरीन , ज्ञानवर्धक लेख के लिए आभार। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-36596484377138639022010-11-20T00:14:11.623+05:302010-11-20T00:14:11.623+05:30ब्लागजगत में यह कई विषयों पर भरपूर जानकारियों वा...ब्लागजगत में यह कई विषयों पर भरपूर जानकारियों वाली इस पोस्ट को प्रस्तुत करने से इन्टरनेट पर आने वाली नस्लें तक आपकी अहसानमन्द रहेंगी<br /><br />इस पोस्ट पर भाईयों की खामोशी से इसकी सफलता पर कोई शक नहीं रहाAslam Qasmihttps://www.blogger.com/profile/17354036926492989803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-81706147943195792162010-11-19T23:13:13.111+05:302010-11-19T23:13:13.111+05:30एक बार फिर से बेहतरीन लेख़ जमाल साहब. इसे भी पढ़ें...एक बार फिर से बेहतरीन लेख़ <a href="http://aqyouth.blogspot.com/2010/11/blog-post_19.html" rel="nofollow">जमाल साहब. इसे भी पढ़ें</a>S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-35149133007145090472010-11-19T14:14:44.282+05:302010-11-19T14:14:44.282+05:30ज्ञानवर्धक तथा अति उत्कृष्ट लेख
dabirnews.blogspo...ज्ञानवर्धक तथा अति उत्कृष्ट लेख <br />dabirnews.blogspot.comTausif Hindustanihttps://www.blogger.com/profile/13794797683013534839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-56483366562186668332010-11-19T11:45:58.578+05:302010-11-19T11:45:58.578+05:30हज के बारे में विस्तृत जानकारी पाकर अच्छा लगा. इसम...हज के बारे में विस्तृत जानकारी पाकर अच्छा लगा. इसमें से कई बातें मुझे पहले नहीं पता थी.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-45219302975365875632010-11-19T11:45:21.635+05:302010-11-19T11:45:21.635+05:30तरीक अब्दुल्लाह साहब ना केवल अच्छा लिखते हैं, बल्क...तरीक अब्दुल्लाह साहब ना केवल अच्छा लिखते हैं, बल्कि एक अच्छे व्यक्तित्व के मालिक भी हैं, पिछले साल किसी काम से मुरादाबाद जाना हुआ था, तब रामपुर में जाकर उनसे मुलाक़ात की थी.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-33990900197910344732010-11-19T02:28:44.823+05:302010-11-19T02:28:44.823+05:30एक अच्छी और ज्ञानवर्धक पोस्टएक अच्छी और ज्ञानवर्धक पोस्टS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-25572908220098532552010-11-18T22:56:52.916+05:302010-11-18T22:56:52.916+05:30एक और शानदार पोस्ट!एक और शानदार पोस्ट!zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-9705312872193493122010-11-18T22:48:44.433+05:302010-11-18T22:48:44.433+05:30हिंदू पुस्तकों में मांसाहार की जानकारी भारत के सुन...हिंदू पुस्तकों में मांसाहार की जानकारी भारत के सुनहरे अतीत की याद दिलाती है ।Anwar Ahmadhttps://www.blogger.com/profile/08378872436720055429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-5713004071718248072010-11-18T22:44:57.798+05:302010-11-18T22:44:57.798+05:30वेदों में काबा और मक्का का ज़िक्र का प्रमाण देकर आप...वेदों में काबा और मक्का का ज़िक्र का प्रमाण देकर आपने दूरियों को नज़्दीकियों में बदल दिया है ।Anwar Ahmadhttps://www.blogger.com/profile/08378872436720055429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-32963316431350262872010-11-18T21:55:47.363+05:302010-11-18T21:55:47.363+05:30Nice post .Nice post .HAKEEM YUNUS KHANhttps://www.blogger.com/profile/11947101320031096515noreply@blogger.com