tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post244052666973480174..comments2023-10-18T23:46:43.430+05:30Comments on Ved Quran: Sacrifice of animals in Vedic yag वैदिक यज्ञ में पशुबलि और ब्राह्मणों द्वारा गोमांसाहार - According to Sayan and VivekanandDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-73180374667210400692010-11-18T13:06:55.029+05:302010-11-18T13:06:55.029+05:30Nice post .
'शाकाहार में मांसाहार'
@ डाक...Nice post . <br />'शाकाहार में मांसाहार' <br />@ डाक्टर साहब, आपको और सभी भाइयों को ईद मुबारक !<br />मेरे ब्लाग<br />hiremoti.blogspot.com<br />पर तशरीफ़ लाकर 'शाकाहार में मांसाहार' भी देख लीजिए ।HAKEEM YUNUS KHANhttps://www.blogger.com/profile/11947101320031096515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-66556683619971761942010-11-17T20:17:44.377+05:302010-11-17T20:17:44.377+05:30@ दिव्य बहन दिव्या जी ! आपने मुझे ईद की मुबारकबाद ...@ दिव्य बहन दिव्या जी ! आपने मुझे ईद की मुबारकबाद दी , बेशक आपने केवल सुह्रदयता का ही नहीं बल्कि विशाल ह्रदयता का भी परिचय दिया है ।<br />मालिक आपको दिव्य मार्ग पर चलाए और आपको रियल मंजिल तक पहुँचाए ।<br />@ भाई तारकेश्वर जी ! आपकी शुभकामनाएं थ्रू SMS मौसूल हुई और वह भी बिल्कुल सुबह सुबह ।<br />धन्यवाद !<br />जिन्होंने मुझे शुभकामनाएं नहीं भेजीं , वे भी मेरा शुभ ही चाहते हैं ऐसा मेरा मानना है ।<br /><b>मालिक सबका शुभ करे ।</b>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-4008135265846595642010-11-17T15:39:12.078+05:302010-11-17T15:39:12.078+05:30.
इतनी शक्ति हमें देना दाता , मन का विश्वास कमज़ोर....<br /><br />इतनी शक्ति हमें देना दाता , मन का विश्वास कमज़ोर हो न। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-386081359594165272010-11-17T15:36:54.846+05:302010-11-17T15:36:54.846+05:30.
Dr Anwar,
ईद मुबारक हो।
ये त्यौहार आपके एवं आ....<br /><br />Dr Anwar,<br /><br />ईद मुबारक हो।<br /><br />ये त्यौहार आपके एवं आपके परिवार के तथा मित्रों के जीवन में खुशहाली लाये । <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-8927490781913621842010-11-17T12:21:54.566+05:302010-11-17T12:21:54.566+05:30@ मासूम साहब ! आदमी जब दलील के मुकाबले खुद को लाचा...@ मासूम साहब ! आदमी जब दलील के मुकाबले खुद को लाचार पाता है तब वह गालियां बकने लगता है या इल्ज़ाम देने लगता है । यह सब हताशा, निराशा और कुंठा के लक्षण हैं ।<br />ख़ैर , <br />आप सभी भाइयों को ईद मुबारक ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-46234637326008952552010-11-17T10:44:58.044+05:302010-11-17T10:44:58.044+05:30यहाँ तो अजीब बात देखने को मिली . झंडा ऊंचा र...यहाँ तो अजीब बात देखने को मिली . झंडा ऊंचा रहे हमारा के नारे के साथ तोड़ फोड़ चालू है. भाई धर्म के नाम पे अगर बहस करनी है तो, सवाल करो और जवाब लो. यह क्या की जो मैंने कह दिया वही सत्य. ईद मुबारक आप सब को.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-88078359616978122162010-11-17T01:15:44.348+05:302010-11-17T01:15:44.348+05:30@ शेखर सुमन जी ! अगर आप मुझे महज इल्ज़ाम देना चाहते...@ शेखर सुमन जी ! अगर आप मुझे महज इल्ज़ाम देना चाहते हैँ तो मुझे कुछ नहीं कहना है लेकिन अगर आपने मेरी ताजा पोस्ट को ही पढ़ लिया होता ऐसी बेजा बात न कहते !<br />मुझे नैतिकता की परवाह न होती तो मैं भाई अमित जी को गालियाँ देने से न रोकता जैसे कि आप नहीं रोक रहे हैं ।<br />अपना बैड कैरेक्टर मुझमें क्यों इमेजिन कर रहे हैं नास्तिक जी ?<br />2- अच्छा यह बताओ कि अंडा मछली खाते हो या नहीं ?<br />3- I mean आपकी नास्तिकता का टाइप क्या है ?<br />शाकाहारी या मांसाहारी ?<br />जैसे कि अपने प्रिय प्रवीण जी 'मांसाहारी संशयवादी' हैं ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-7038865167885942562010-11-17T00:15:26.409+05:302010-11-17T00:15:26.409+05:30हाँ बिलकुल आप एकदम सही कह रहे हैं...किसी की भी हत्...हाँ बिलकुल आप एकदम सही कह रहे हैं...किसी की भी हत्या करने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता ..चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान....मैं तो नास्तिक हूँ मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता आप हिन्दू धर्म को गाली दे दे कर मर जायें....क्यूंकि मुझे लगता है हम हिन्दू या मुसलमान होने से पहले इंसान हैं... लेकिन आपकी लगातार इंसान विरोधी पोस्ट को देख कर लगता है आप इंसान होना भी कबूल नहीं करते...वरना आप किसी सार्थक विषय पर इस देश की सेवा में दो शब्द जरूर कहते.. आपके लिए तो शायद धर्म ही सब कुछ है.... आपने काफी सारे ग्रन्थ पढ़े होंगे लेकिन नैतिक मूल्यों वाली कोई किताब नहीं पढ़ी लगता है....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-2722447268405025182010-11-16T23:59:51.113+05:302010-11-16T23:59:51.113+05:30@प्यारे भाई विचार शून्य जी ! आऽख़...ख़ाऽ की ध्वनि का...@प्यारे भाई विचार शून्य जी ! आऽख़...ख़ाऽ की ध्वनि का अर्थ है आपका स्वागत है ।<br />@ शेखर सुमन जी ! स्वामी करपात्री ने वेदार्थ पारिजात भाग 2 पृष्ठ 1977 पर लिखते हैं -<br />यज्ञ में किया जाने वाला पशुवध भी पशुओं का स्वर्गप्रापक होने से तथा पशुयोनि निवारण पूर्वक दिव्यशरीर प्राप्ति कराने में कारण होने से पशु का उपकारक ही होता है । वह यज्ञीय पशु अपकृष्ट योनि से विमुक्त होकर देवयोनि में उत्पन्न होता है ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-67405755938418905512010-11-16T22:40:06.686+05:302010-11-16T22:40:06.686+05:30desh ki karoron bakriyaan kal aapse raham ki bheek...desh ki karoron bakriyaan kal aapse raham ki bheek mangengi.... ho sake to kal ek punya to kama hi lijiye....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-59583722578154379662010-11-16T22:21:35.013+05:302010-11-16T22:21:35.013+05:30प्यारे अनवर ये आऽख़...ख़ाऽ बीच में ही क्यों रुक गया ...प्यारे अनवर ये आऽख़...ख़ाऽ बीच में ही क्यों रुक गया पूरा क्यों नहीं हुआ..... मैंने तो ऐसा कोई काम नहीं किया कि आपके हलक में कुछ फंसे... हा हा हा ...<br /><br />जाओ प्यारे बकरी ईद मनाओ और इस्लाम के झंडे गाडो. मैं तो उस दिन इस्लाम को सच्चा धर्म मानूंगा जब इसके मानने वाले आपने भगवान का अनुसरण करते हुए वास्तव में अपने खुद के प्यारों को कुर्बान करेंगे ना कि निर्दोष जानवरों और लोगों को.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-66673660073043378272010-11-16T21:50:02.525+05:302010-11-16T21:50:02.525+05:30आऽख़...ख़ाऽ , विचार शून्य जी भी पधारे हैं आज तो हमार...आऽख़...ख़ाऽ , विचार शून्य जी भी पधारे हैं आज तो हमारे ब्लाग पर , <br />@ विचार शून्य जी ! आप ने माना है कि मेरे अभियान से आपका वैदिक धर्म में विश्वास बढ़ा और आपको अमित जी जैसा हीरा भी मिला , यह मेरे अभियान की सफलता का प्रमाण है।<br />2- आपको धर्मलाभ हुआ , यह जानकर अच्छा लगा । आप स्वाध्याय के साथ मेरे भ्राता पं. अमित शर्मा जी के साथ बने रहेँ , आगे आगे आपको और भी ज़्यादा लाभ होगा, बस अपनी जिज्ञासा और अपना विवेक जगाए रखें ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-50234817088061581242010-11-16T20:56:45.964+05:302010-11-16T20:56:45.964+05:30जनाब अनवर ज़माल जी मैं आपका तहेदिल से शुक्रिया करन...जनाब अनवर ज़माल जी मैं आपका तहेदिल से शुक्रिया करना चाहूँगा कि आपने हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने का अपना जो अभियान शुरू किया उससे ही हमें अमित जैसा बहुमूल्य हीरा मिला है जिसने मेरे खुद के धार्मिक ज्ञान को बहुत समृद्ध किया है. <br /><br />हिन्दू कभी भी आपने धर्म के प्रति कट्टर नहीं रहा क्योंकि जो श्रेष्ठ है उसे बेवजह कट्टरता अपनाने कि कोई जरुरत नहीं होती. पर हाँ अब आपके जैसे लोगों के अथक प्रयासों से आज का हिन्दू नवयुवक जो अपने श्रेष्ठ वैदिक धर्म को भुला बैठा था और उसकी श्रेष्ठता का पहचानता नहीं था अब पुनः अपनी जड़ों को ओर रुख कर रहा है.<br /><br /> <br /><br />अमित बहुत बढ़िया और बहुत धन्यवाद .....VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-11220447308022100822010-11-16T20:35:16.216+05:302010-11-16T20:35:16.216+05:30जमाल साहब गीताजी के "दैवासुरसंपत्तिविभागयोगः&...जमाल साहब गीताजी के "दैवासुरसंपत्तिविभागयोगः" नामक सोलवें अध्याय में वर्णित असुर प्रकृति के सारे मानव मेरी नजर में कुक्कुर है, चाहे फिर उस प्रकृति के लक्षण मेरे अन्दर ही क्यों ना विद्यमान हो.Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-81621942273578639422010-11-16T19:47:43.829+05:302010-11-16T19:47:43.829+05:30http://jaishariram-man.blogspot.com/2010/11/blog-p...http://jaishariram-man.blogspot.com/2010/11/blog-post_16.htmlManhttps://www.blogger.com/profile/04207741457433540498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-336292435405616062010-11-16T19:07:40.870+05:302010-11-16T19:07:40.870+05:30@ प्यारे भाई अमित ! आप मैक्समूलर को महा असुर कह रह...@ प्यारे भाई अमित ! आप मैक्समूलर को महा असुर कह रहे हैं । यह सरासर बदतमीज़ी की बात है आपकी । यह बात स्वयमेव सायण पर पड़ती है क्योँकि मैक्समूलर ने सायण को ही फ़ॉलो किया है ।<br />2- कृपया बताएँ कि आपने अधोगामी और कुक्कुर किसे कहा है ?<br />@ तौसीफ़ भाई ! कृपया आप बात कहें लेकिन फ़ीलिंग्स हर्ट न करें । बातचीत अच्छे माहौल में होनी चाहिए ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-86246132646117703902010-11-16T18:43:29.636+05:302010-11-16T18:43:29.636+05:30पशुओं के बलि के बारे में इनका चिल्लों पों कर...पशुओं के बलि के बारे में इनका चिल्लों पों करना बेमानी ही है , गाय को माता मानने वाले , अपनी ही गाय माता के चमड़े से बने चप्पल और जूते शान से पहनते हैं , और उसका व्यापार भी करते हैं , जब कोई इनकी गाय माता मर जाती है तो कसाई द्वारा चमड़े को उतार कर बेच दिया जाता है , और इनकी गाय माता को कुत्ते और और गिद्ध , चील अपनी खोराक बना लेते हैं , उसे ज़बह नहीं करते बल्कि बीमार हो कर मरने देते हैं तड़प तड़प कर , आज इतने लोगों के पास अपने इलाज के पैसे नहीं तो जानवरों के इलाज के पैसे ये कहाँ से खर्च करेगे ,<br /><br />ये सब गौर करने की बाते हैं पूर्वाग्रह छोड़ कर , सही मार्ग पर चलेंTausif Hindustanihttps://www.blogger.com/profile/13794797683013534839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-78495473964322456162010-11-16T18:39:41.736+05:302010-11-16T18:39:41.736+05:30अब आपको भाष्यकार सायण के लिए गालियाँ कहाँ दिखाई दे...अब आपको भाष्यकार सायण के लिए गालियाँ कहाँ दिखाई दे गयी महोदय !!!!!!!!!! जबकि मैंने स्पष्ट कहा है की ----<b>जब असुरों ने वेदार्थ तक को अपनी मन मर्जी से लगाने की कोशिश कर डाली, तो यह तो और ज्यादा सरल था की अप्रकाशित भाष्यों के प्रकाशन का काम करते हुए महा असुर मैक्समूलर ने अपने मत का प्रतिष्ठापन्न किया .</b><br />फिर आपको भाष्यकार सायण के लिए मेरे मत के बारे में भ्रमित नहीं होना चाहिये महोदय, बात को बात ही रहने दिया कीजिये बतंगड़ मत बनाया कीजिये...........इतनी हताशा ठीक नहीं बंधुजीAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-44340326509321582502010-11-16T18:36:35.203+05:302010-11-16T18:36:35.203+05:30जब कोई फसने लगता है तो हर शब्द के भिन्न भिन्न अर्...जब कोई फसने लगता है तो हर शब्द के भिन्न भिन्न अर्थ समझाने लगता है , और अपने ही पूर्वजों और धर्मगुरुओं को भी तुच्छ समझने लगता है , <br />ये केवल अज्ञानता की कमी के करणवश ही हो सकता है और या अपनी ही बात को सत्य सिद्ध करने के लिए , वरन उसके पास कोई साक्ष्य नहीं है . <br />dabirnews.blogspot.comTausif Hindustanihttps://www.blogger.com/profile/13794797683013534839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-15620956785896979882010-11-16T17:44:16.516+05:302010-11-16T17:44:16.516+05:30@ प्यारे भाई अमित जी आप आजाद हैं जिसकी जिस बात का ...@ प्यारे भाई अमित जी आप आजाद हैं जिसकी जिस बात का विरोध करना चाहें करें लेकिन आप सायण जैसे भाष्यकार को अधोगामी असुर और कुत्ता कहें इसका अधिकार आपको हरगिज़ नहीं है ।<br />कृप्या मेरी पीड़ा को समझें और मेरी आपत्ति दर्ज करें .<br />यह दुखद है कि किसी हिंदू ने आपके कुकृत्य पर आपको अभी तक नहीं टोका ।<br />2- आप ब्राह्मण हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप अपने से ज्यादा बड़े ज्ञानियों को गालियां दें और कोई चूँ भी न करे ।<br />3- सायण के भाष्य को तो आप और आपके साथी सगर्व अपने ब्लाग पर पेश करते भी आए हैं ऐसे में तो उन्हें गालियाँ देना और भी अनुचित है .<br />4- क्या आप हठ और अहंकार छोड़ कर अपनी गालियाँ वापस ले रहे हैं या बनाऊं और नई पोस्ट ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-4810166329350336452010-11-16T17:07:28.348+05:302010-11-16T17:07:28.348+05:30@ अमित जी, कृप्या मूल प्रश्नों के जवाब स्पष्ट रूप ...@ अमित जी, कृप्या मूल प्रश्नों के जवाब स्पष्ट रूप से दें <br /><br /># जमाल साहेभ क्या रट्टा लगाए हुए हैं आप किसी भी मनुष्य का ज्ञान हमेशा पूर्ण नहीं होता, और ना हिन्दू किसी एक का आँख मीच कर अनुगमन करने वाली भेड़ है. (आप जैसे मेरे कुटुम्बियों के समान)<br />विवेकानंदजी क्या कहा, क्या पाया इसका उन्होंने दुराग्रह नहीं किया की मैंने जो जाना समझा है वही परीपूर्ण अंतिम सत्य है ..................और जो इसे नहीं मानेगा वह मार डाला जाएगा.<br />तो जब उन्होंने इस बात का उद्घोष ही नहीं किया की मेरा ज्ञान ही परीपूर्ण,अंतिम और सत्य है ............मैं जो कह रहा हूँ उसके इनकारी के लिए सिर्फ और सिर्फ मौत है ...................जब उनका ऐसा आग्रह नहीं था तो आप क्यों विवेकानंदजी की अवमानना को लेकर दुःख दुबले हो रहे है.<br />ऐसा ही सायण भाष्य और BHU के लिए समझे .<br />बंधुजी मेरा घर मेरे पुरखों के प्रताप से सुरक्षित है....................आप अपने पाप के ताप से अपने घर को बचाने का उपाय सोचिये .Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-34482464935259617632010-11-16T16:38:11.808+05:302010-11-16T16:38:11.808+05:30ठाकुर विनयजी मैंने कोई भी बात किसी एक उपासना पद्दत...ठाकुर विनयजी मैंने कोई भी बात किसी एक उपासना पद्दत्ति के अनुगामियों के लिए नहीं कही है, जो कहीं भी मात्र अपने जीभ के स्वाद और उपासना के नाम पर हिंसा करता है उसके विरोध में है, फिर वोह चाहे अल्लाह की राह में कुर्बानी का ढोंग हो या देवी-देवताओं के निमित्त बलि का पाखण्ड.<br />किसी भी बुराई का विरोध आप लोग अपने ऊपर ही क्यों लेते है ?????? क्या सभी बुराइयों का पैरोकार नहीं सिद्ध करते ऐसी उच्छल्कुद मचाकर :)Amit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-49235597496577158782010-11-16T15:07:27.487+05:302010-11-16T15:07:27.487+05:30kam jankari adhik bolna buri baat hai amait jikam jankari adhik bolna buri baat hai amait jiThakur M.Islam Vinayhttps://www.blogger.com/profile/06700382536245661214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-6847762327192904552010-11-16T15:07:24.929+05:302010-11-16T15:07:24.929+05:30kam jankari adhik bolna buri baat hai amait jikam jankari adhik bolna buri baat hai amait jiThakur M.Islam Vinayhttps://www.blogger.com/profile/06700382536245661214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4259576974473302844.post-15780195984716980572010-11-16T15:05:51.415+05:302010-11-16T15:05:51.415+05:30अमित साहब आपकी अधिक जानकारी के लिए बताना चाहूँगा क...अमित साहब आपकी अधिक जानकारी के लिए बताना चाहूँगा के नेपाल जो की हिन्दू रास्ट्र है वहां सदियों से यह प्रथा चली आ रही है के वहां के हिन्दू पशु बलि देते है मैं खुद गोरखपुर का रहनें वाला हूँ वहां से पचास किलोमीटर दूर क़स्बा बांस गाँव है वहां दुर्गा जी का काफी पुराना मंदिर है उस मंदिर में साड़ों से बलि दी जाती है पशु की ओर इन्सान की भी फर्क सिर्फ इतनां है के पशु की गर्दन पूरी अलग की जाती है ओर इन्सान में कुंवारे की सिर्फ एक अंग की ओर शादीशुदा की आठ अंगों की नांई उस्तरे से खून निकलनें क बाद पीपल के पत्ते से पोछ कर दुर्गा जी के चरणों में ड़ाल देते हैThakur M.Islam Vinayhttps://www.blogger.com/profile/06700382536245661214noreply@blogger.com