गण + ईश = गणेश
जो गणों का स्वामी है वही गणेश है। यह ईश्वर का एक नाम है। यह संस्कृत का नाम है। क़ुरआन की सबसे आखि़री सूरा (114, 3) में भी अल्लाह को ‘इलाहिन्नास‘ कहा गया है।
इलाह = ईश
नास = गण
'इलाहिन्नास'
ईश्वर अल्लाह के नाम से ही हरेक जायज़ और शुभ काम को करने की परंपरा हिंदू मुसलमानों में पाई जाती है।
ईश्वर निराकार है अर्थात उसका आकार रूप गुण मनुष्य के चिंतन और उसकी कल्पना में पूरी तरह समा नहीं सकते।
हिंदू दार्शनिकों ने इस प्रॉब्लम को हल करने के लिए कल्पना और चित्र आदि का सहारा लिया तो गणेश का रूप कुछ से कुछ बन गया और अब आम जनता में यह प्रचलित हो गया कि गणेश पार्वती जी के बदन पर लगे उबटन और मैल से बने हैं। यह ईश्वर का घोर अपमान है कि जिसने सारी दुनिया को बनाया हो, वह किसी के बदन के मैल से बने और फिर किसी से लड़कर अपनी गर्दन कटवा बैठे।
इस तरह की कल्पनाओं ने लोगों को भ्रम में डाल दिया है और हिंदू और मुसलमानों में दूरी डाल दी है।
मैं नमाज़ में और योगी अपने ध्यान में जिस अजन्मे अविनाशी परब्रहं परमेश्वर की ओर उन्मुख होता है, वही सच्चा गणेश है और वह सबका एक ही है। सबको उसी एक गणेश की आराधना करनी चाहिए।
जो गणों का स्वामी है वही गणेश है। यह ईश्वर का एक नाम है। यह संस्कृत का नाम है। क़ुरआन की सबसे आखि़री सूरा (114, 3) में भी अल्लाह को ‘इलाहिन्नास‘ कहा गया है।
इलाह = ईश
नास = गण
'इलाहिन्नास'
ईश्वर अल्लाह के नाम से ही हरेक जायज़ और शुभ काम को करने की परंपरा हिंदू मुसलमानों में पाई जाती है।
ईश्वर निराकार है अर्थात उसका आकार रूप गुण मनुष्य के चिंतन और उसकी कल्पना में पूरी तरह समा नहीं सकते।
हिंदू दार्शनिकों ने इस प्रॉब्लम को हल करने के लिए कल्पना और चित्र आदि का सहारा लिया तो गणेश का रूप कुछ से कुछ बन गया और अब आम जनता में यह प्रचलित हो गया कि गणेश पार्वती जी के बदन पर लगे उबटन और मैल से बने हैं। यह ईश्वर का घोर अपमान है कि जिसने सारी दुनिया को बनाया हो, वह किसी के बदन के मैल से बने और फिर किसी से लड़कर अपनी गर्दन कटवा बैठे।
इस तरह की कल्पनाओं ने लोगों को भ्रम में डाल दिया है और हिंदू और मुसलमानों में दूरी डाल दी है।
मैं नमाज़ में और योगी अपने ध्यान में जिस अजन्मे अविनाशी परब्रहं परमेश्वर की ओर उन्मुख होता है, वही सच्चा गणेश है और वह सबका एक ही है। सबको उसी एक गणेश की आराधना करनी चाहिए।
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श्री रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी के लिंक पर उनके ब्लॉग पर पहुंचे और गणेश वंदना शीर्षक से उनकी पोस्ट देखी तो हमने यह बात कही है। निम्न लिंक पर आपको मेरा यह कथन एक टिप्पणी के रूप में मिलेगा।